पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सीएम डा मोहन यादव को लिखा पत्र : बीना रिफायनरी से लगे ग्रामों के लिए विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) गठित करने की मांग
तीनबत्ती न्यूज : 09 अक्टूबर,2024
सागर : पूर्व मुख्यमंत्री व राज्ययसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि बिना रिफायनरी प्रबंधन से चर्चा कर बीना क्षेत्र के इन ग्रामों के सम्पूर्ण विकास के लिये विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) गठित करने का निर्णय लेना चाहिये। साडा बनने से क्षेत्र के विकास की अपार संभावानाओं के द्वार खुल जायेंगे। पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने बीना क्षेत्र का दौरा भी किया था।
यह लिखा पत्र में
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने लिखा कि सागर जिले की बीना तहसील में स्थित भारत-ओमान रिफायनरी क्षेत्र के ग्रामों का गत दिवस मैने दौरा किया और ग्रामवासियों ने उनकी समस्याओं को लेकर विस्तृत चर्चा की। विगत 15 वर्षो से जिला प्रशासन ने रिफायनरी से लगे करीब 22 ग्रामों को ‘‘नो डेव्लपमेंट झोन’’ घोषित कर सभी तरह की निर्माण पर प्रतिबंध लगा रखा है। इन ग्रामों में रहने वाले लोगों की समस्याओं को देखते हुए मेरी मांग है कि इस पूरे क्षेत्र को विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ‘‘साडा’’ बनाते हुए विकास कार्यो की अनुमति दी जाना चाहिये। जिससे भविष्य में यह क्षेत्र विकास की दौड़ में शामिल हो सके। कलेक्टर सागर का आदेश पत्र के साथ संलग्न है। जिसमें ग्राम आगासोद क्षेत्र में बनी भारत-ओमान रिफायनरी के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के 5 किलोमीटर क्षेत्र को नो डेवलपमेंट झोन घोषित किया गया था। जिसमें फैक्ट्री, बाजार, होटल, व्यवसायिक संस्थान, अधिक ऊँचाई के निर्माण आदि पर प्रतिबंध लगाया था। विगत 15 वर्षो से इन ग्रामों में रहने वाली एक लाख से अधिक की आबादी विकास कार्यो से प्रभावित हुई है। जिला प्रशासन निर्माण कार्य के किसी भी निजी या सार्वजनिक निर्माण कार्य पर रोक लगाने के लिये नोटिस जारी कर रहा है।
उन्होंने लिखा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की इस रिफायनरी परियोजना से पूरे देश को फायदा मिल रहा है। जिले में औद्योगिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही है। लेकिन रिफायनरी से लगे ग्रामों के बाशिंदे छोटी-छोटी व्यवसायिक गतिविधियों को तरस रहे है। हजारों करोड़ रूपये के कारोबार वाली रिफायनरी के समीप रहने वाले लोग न सिर्फ बेरोजगार है बल्कि पलायन करने को मजबूर है। इन रहवासियों को सर्वांगीण विकास के लिये अभी तक राज्य शासन ने कोई योजना नही बनाई है। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि रिफायनरी के आसपास के 5 किलोमीटर क्षेत्र के विकास की एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई जानी चाहिये। जहां शासन विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) बनाते हुए सम्पूर्ण सुरक्षा के प्रावधानों के साथ औद्योगिक, व्यवसायिक और रहवासी सुविधाओं को विकसित कर स्थानीय लोगों की तरक्की के अवसर प्रदान किये जाने चाहिये। अभी ये समस्त ग्राम अभिशाप्त स्थिति में जीवन यापन करने को मजबूर है। विकास की आधुनिक दौड़ से बहुत पीछे छूट गये है।
दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में बना था ड्राफ्ट
उन्होंने लिखा कि मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ‘‘बीना डेवलपमेंट प्लान’’ नाम से नगरीय प्रशासन विभाग ने एक ड्राफ्ट भी तैयार किया था। कालांतर में भाजपा सरकार ने आगे नही बढ़ाया। जिससे क्षेत्र के विकास की संभावनाएं धूमिल होती चली गई। आज ‘‘दिया तले अंधेरा’’ की स्थिति सामने है। जबकि सुरक्षा के मानकों पर काम करते हुए नगरीय विकास की एक बड़ी बसाहट इस क्षेत्र में बसाई जा सकती थी। मेरा आपसे अनुरोध है कि रिफायनरी प्रबंधन से चर्चा कर मध्यप्रदेश शासन बीना क्षेत्र के इन ग्रामों के सम्पूर्ण विकास के लिये विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) गठित करने का निर्णय लेना चाहिये। साडा बनने से क्षेत्र के विकास के अपार संभावानाओं के द्वार खुल जायेंगे।
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