Video : MP : मन्नत पूरी होने पर पिता ने बेटे को तौला रुपयों से : मंदिर में किया लाखों का दान
▪️ 10-10 रुपए के नोट की एक हजार से अधिक गड्डियां चढ़ाई
तीनबत्ती न्यूज : 13 सितम्बर, 2024
उज्जैन : दान की अनेक परंपराएं और मिशाल है। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले से तुलादान और मन्नत की कहानी सामने आई है। उज्जैन जिले के बड़नगर में मन्नत पूरी होने पर एक पिता ने अपने बेटे को नोटों की गड्डियों से तौल दिया। तराजू के एक पलड़े में थैलियों में 10-10 रुपए की एक हजार से ज्यादा गड्डियां रखीं, दूसरे में बेटे को बैठाया। बेटे का वजन 83 किलो है। तौल के बाद कुल 10 लाख 7 हजार रुपए मंदिर के लिए दान कर दिए।। इसका वीडियो शुक्रवार को सामने आया।
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देखे : video: मन्नत पूरी होने पर पिता ने बेटे को तौला रुपयों से
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चार साल पहले मांगी थी मन्नत
बड़नगर के रहने वाले चतुर्भुज जाट पेशे से किसान हैं। उन्होंने चार साल पहले 30 साल के बेटे वीरेंद्र जाट के लिए श्री सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज के मंदिर में मन्नत मांगी थी। तय किया था कि मन्नत पूरी होती है, तो बेटे के वजन के बराबर पैसे मंदिर में दान करेंगे।चतुर्भुज ने मन्नत के बारे में तो नहीं बताया, यह जरूर कहा कि मन्नत पूरी हो गई है।
मंदिर निर्माण में किया दान
चतुर्भुज जाट ने गुरुवार को तेजाजी दशमी के दिन बेटे को नोटों की गड्डियों में तौलना तय किया। इसके लिए 10-10 के नोटों की एक हजार से ज्यादा गड्डियां इकट्ठा कीं। मंदिर में बड़ा तराजू भी मंगवाया गया। एक तरफ बेटे वीरेंद्र जाट को बैठाया, दूसरी तरफ थैलियों में नोटों के बंडल रखे गए थे।तराजू में वीरेंद्र के वजन के बराबर करीब एक हजार सात गड्डियां रखी गई थीं। गिनने पर यह राशि 10 लाख 7 हजार निकली। इस रकम को तेजाजी मंदिर के निर्माण कार्य के लिए दान कर दिया गया।
कौन थे वीर तेजाजी
वीर तेजाजी का जन्म 29 जनवरी 1074 को राजस्थान के नागौर जिले के खरनाल गांव में हुआ था. धौलिया जाट सरदार ताहर देव और राम कुंवरी उनके माता-पिता थे. इतिहासकारों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि तेजाजी की मां राम कुंवरी को नागराजा से वरदान मिला था और उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम तेजा जी रखा गया. वीर तेजाजी राजस्थान के लोक देवता के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं. राजस्थान के अलावा वीर तेजाजी महाराज की ख्याति मध्यप्रदेश और गुजरात में भी है. उन्हें सांपों का देवता भी कहा जाता है. वीर तेजाजी के बारे में लोक कथाओं के जरिए कई कहानियां प्रचलित है.
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