Sagar: चिटफंड मामले में दोगुनी राशि करने का लालच देकर पैसे हड़पने वाले आरोपियों को सजा

Sagar: चिटफंड मामले में दोगुनी राशि करने का लालच देकर पैसे हड़पने वाले आरोपियों को सजा 


तीनबत्ती न्यूज : 10 सितम्बर, 2024
सागर । चिटफंड मामले में दोगुनी राशि 
करने का लालच देकर पैसे हड़पने वाले आरोपी महेन्द्र सिंह एवं अनिलावा देव को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर  प्रशांत कुमार सक्सेना की अदालत ने दोषी करार देते हुये भादवि की धारा- 420 एवं 120 (बी) के तहत 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार रूपये अर्थदण्ड तथा  धारा- 6 म.प्र. निक्षेपको के हितों का संरक्षण अधि. 2000 के तहत 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पच्चीस-पच्चीस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया। उक्त प्रकरण के दो आरोपी फरार है। मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक श्री दीपक कुमार जैन ने की ।

यह रहा मामला

जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी श्री सौरभ डिम्हा ने बताया कि पीतल फेक्ट्री लहदरा नाका भोपाल रोड सागर निवासी फरियादी रामकिशन रजक ने दिनॉक 26.11.2016 को थाना प्रभारी सिविल लाइन के समक्ष अभियुक्त अनिलावा देव , पिंटू चौधरी, जितेन्द्र नामदेव , डॉ. महेन्द्र सिंह के विरूद्ध आवेदन प्रस्तुत किया कि अनिलावा देव स्वभूमि का टेªडिंग एण्ड मार्केटिंग लि. का चेयरमेन है पिंटू चौधरी उक्त कंपनी का डायरेक्टर, जितेन्द्र नामदेव उक्त कंपनी का ब्रांच मैनेजर, डॉ महेन्द्र सिंह ठाकुर ऐजेंट की हैसियत से कार्यरत है उक्त कंपनी का स्थानीय कार्यालय सिविल लाइन ओमरे विल्डिंग संगम होटल के सामने सागर म.प्र. में खोला गया था जितेन्द्र व महेन्द्र सिंह ने कहा था कि कंपनी में अच्छा फायदा है पैसे भी सुरक्षित रहेगें, दुगुनी राशि का लालच देकर दिनॉक 17.02.2012 को एक लाख रूपये एवं दिनॉक 17.04.2012 को पनुः एक लाख रूपये उक्त दोनों लोगो को उनकी राशि दुगुनी हो जाने के  लालच में दे दिया । एक लाख रूपये की राशि दिनॉक 17.08.2016 को परिपक्व होकर दुगुनी होनी थी तथा शेष एक लाख रूपये पॉच गुनी होकर 17.04.2022 को मिलनी थी उक्त दोनों अनावेदक से आवेदन द्वारा राशि की मॉग करने पर टाल-मटोल करते रहे और आश्वासन देते रहे परंतु राशि नहीं दी , जब उसने कंपनी से संपर्क किया तो पता चला कि कार्यालय बंद हो चुका है अनावेदकगण ने उसकी राशि छलपूर्वक धोखधड़ी से हड़प ली है इसी प्रकार पडोस के गॉव धर्मेन्द्र के भी डेढ़ लाख रूपये भी छलपूर्वक हड़प लिये है उक्त आवेदन पर थाना सिविल लाइन द्वारा 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया गया विवेचना के दौरान दस्तावेज जब्त किये गये आरोपी अभियुक्त महेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया गया साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये अन्य आरोपी अनिलावा देव को भी गिरफ्तार किया गया, मामले में धारा- 6 म.प्र. निक्षेपको के हितों का संरक्षण अधि. 2000 एवं 120बी भादवि. अधिरोपित कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित कर मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर  प्रशांत कुमार सक्सेना की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
    
कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी सागर म0प्र0
प्रेस-विज्ञप्ति
नील गाय शिकार मामले में आरोपीगण को  03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । नील गाय का अवैध शिकार करने वाले आरोपी सैयद बद्दु हुसैन, फैसल खान, सईद एहशान एवं उमर खान को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जिला सागर श्रीमान प्रीतम बंसल की अदालत ने दोषी करार देते हुये वन्य प्राणी संरक्षण अधि. 1972 की धारा- 9 सहपठित धारा-51 के तहत 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया । मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धमेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहा0 जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अंजली नायक ने की ।
घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनॉक 14.06.2017 को वन परिक्षेत्र राहतगढ़ को मुखबिर से बीट शिकारपुर में अवैध शिकार किये जाने संबंधी सूचना प्राप्त हुई जिसकी तशदीक हेतु वह वन स्टाफ के साथ शासकीय वाहन से मौके पर रवाना हुये मौके पर एक मारूति सुजुकि क्रमांक एमएमच 2 डब्ल्यू ए 3881 मिली फिर वह स्टाफ वाहन से दूर छिप कर अभियुक्तगण के आने का इंतजार करने लगा कुछ देर बाद अन्य वाहनों की आवाज मिलने लगी वन स्टाफ को देखकर अभियुक्तगण वाहन लेकर नदी की ओर भागने लगे पीछा करके वन स्टाफ द्वारा 05 हवाई फायर किये गये लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर 03 अभियुक्त जीप क्रमांक एपी 04 जे 5724 को नदी के पास छोड़कर भाग गये लेकिन अभियुक्त सैयद बद्दु हुसैन को नील गाय का मॉस एवं 02 चले हुये कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया अभियुक्तगण के विरूद्ध पीओआर क्रमांक 1635/14 लेखबद्ध की गई विवेचना के दौरान साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये अन्य आरोपीगण को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई , जब्तशुदा माल को जॉच हेतु भेजा गया विेवचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधि. 1972 की धारा- 9 सहपठित धारा-51 का अपराध पाये जाने से विधिवत परिवाद पत्र न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जिला सागर श्रीमान प्रीतम बंसल की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885
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