Sagar Crime : बकरी चुराने के शक में की थी हत्या : बिना सिर, पैर तथा हाथ के मिला था शव : पहचान छिपाने शव को अलग अलग तालाब में फेंका था : पुलिस ने किया खुलासा
तीनबत्ती न्यूज : 08 सितम्बर, 2024
सागर : सागर जिले के महाराजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम हरदुली मौजा जंगल किनारे बने तालाब के आस बीना सिर पैर और हाथ के क्षत विक्षत हालत में मिले शव के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बकरी चुराने की आशंका के चलते निर्मम हत्या की गई थी। आरोपियों ने हत्या कर मृतक की पहचान छिपाने के लिए उसके अलग अलग टुकड़े कर तालाब में फेंक दिए थे।
यह था मामला
पुलिस को 2 सितम्बर को महाराजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम हरदुली मौजा जंगल किनारे बना तालाब में एक अज्ञात शव सड़ी गली हालत में मिला था। पोस्टमार्टम के दौरान ही पीएम हाउस (पोस्ट मार्टम हाउस) के बाहर ग्राम समनापुर आफतंगज के कुचबंदिया समाज के लोग भी एकत्रित हुये थे । उनकी उपस्थिति में शव का पी.एम. कराया गया था। जिन्होनें अज्ञात शव को अर्जुन कुचबंदिया के होने की संभावना जताई थी।अर्जुन कुचबंदिया 23 अगस्त 24 से गुमशुदा था। जिसका थाना महाराजपुर में गुम इंसान पंजीबद्ध होकर जांच में पूर्व से ही था। परंतु शव का हाथ, पैर व सिर नहीं होने से और शव सड़ी गली अवस्था में होने से उनके द्वारा शव की पहचान संबंधी कोई पुख्ता प्रमाण नही देपा रहे थे । अतः मृतक की पहचान हेतु मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया।
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शव का कराया DNA
थाना महाराजपुर पुलिस द्वारा मृतक अज्ञात व्यक्ति का मर्ग कायम कर जांच में लिया गया। अज्ञात शव की पहचान हेतु डी.एन.ए. सैंपलिंग कराकर एफ.एस.एल. सागर भेजकर परीक्षण कराया गया । शव पंचनामा के दौरान शव का अर्जुन कुचबंदिया का होने का संदेह जताने पर महाराजपुर पुलिस द्वारा जांच मे मृतक अर्जुन कुचबंदिया के परिजनो से पूछताछ कर लगातार साक्ष्य संकलन किया गया।
बकरी चुराने के शक में किया हमला
पुलिस जांच में घटना के संबंध में तथ्य आए कि मृतक अर्जुन कुचबंदिया अपने साथी जनो के साथ अक्सर जंगलों मे घूमता था 23 अगस्त को अर्जुन कुचबंदिया अपने जीजा अकल कुचबंदिया के साथ हरदुली से जंगल की तरफ जा रहा था। तभी उस पर कोमल गौड की नजर पडी तो कोमल गौड ने सोचा कि यह लोग बकरी चुराने आये है ।बकरी चुराने की शंका होने पर कोमल गौड़ एक लाठी लेकर अर्जुन के पीछे पीछे गया कोमल ने अर्जुन को हरदुली के जंगल मे पकड लिया और लाठी से मारपीट करने लगा तभी वहां पर मौजूद अपने साथियो जियालाल कोल, गोलू कोल, मुन्ना कोल को भी बुला लिया। उनसे कहने लगा कि यह आज फिर बकरी चुराने आया है । जो यह लोग अकल कुचबंदिया को मारने दौडे तो अकल कुचबंदिया वहां से भाग गया।
शव के टुकड़े कर फेंका तालाबों में
आरोपियों अर्जुन को मारा तो वह बेहोश होकर गिर गया ।थोड़ी देर बाद अर्जुन कुचबंदिया की मृत्यु हो गई । जिसके बाद पकडे जाने के भय से कोमल गौड द्वारा अपने साथियो के साथ मिलकर दो दिन बाद रात्रि मे अर्जुन की लाश को उठाकर जंगल मे बने तलाब मे ले गये। अर्जुन की पहचान छुपाने के लिये आरोपियो द्वारा लाश की गर्दन, हाथो के कौंचे एवं पैरों के पंजे काट लिये जिससे लाश की पहचान न होने पाये एवं शव को पत्थर बंधाकर जंगल के तलाब मे फेंक दिया । काटे हुये सिर एवं हाथ और पैर को बोरी मे भरकर जंगल मे ही दूसरे तलाब मे फेंक दिया । जिससे कभी पुलिस को अर्जुन की लाश न मिल पाये परन्तु बाद मे अर्जुन का शव फूलकर ऊपर आ जाने शव के मिलने पर पुलिस द्वारा शव का पीएम कराकर जांच की सघन जांच की गई तथा प्रकरण का खुलासा कर आरोपियो की गिरफ्तारी किया।आरोपियो को न्यायालय मे पेश कराकर जेल भेजा गया है।
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इनका कार्य रहा सराहनीयट
वारदात का खुलासा करने में निरी0 संधीर चौधरी थाना प्रभारी देवरी, उनि0 मीनेष भदौरिया थाना प्रभारी महराजपुर, सउनि गनगौर प्रसाद, प्रआर0 बाबू सिंह, प्र0आर0 धरदास बंसल, आरक्षक हुकुम सिंह धुर्वे, आर0 हरिओम चौरसिया, आर0 हरिराम, आर0 ,परमानंद ठाकुर, आर0 संजय सिंह, आर0 ऋषभ उपमन्यु, आर0 राजेन्द्र, आर0 , विपिन, आर0 आनंद भगत, आर0 योगेश परोची, आर0 मधुर, म0आर0 ललित, म0आर रागिनी म0आर0 अंजना उईके, का सराहनीय योगदान रहा।
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