श्री गौर गोविंद मंदिर में श्री राधारानी प्राकट्य उत्सव हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया

श्री गौर गोविंद मंदिर में श्री राधारानी प्राकट्य उत्सव हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया



तीनबत्ती न्यूज: 11 सितम्बर ,2024

सागर। राधा और कृष्ण एक रूप ही हैं उनका प्रेम का आधार है कर्तव्य परायणता, विश्व कल्याण की भावना, हमें सदैव जुगल किशोरी श्मामा जू के चरणों का, उनकी लीला का उनके धाम का चिन्तन करते रहना चाहिए, हमें उनके आश्रित रहना चाहिए हमारा भाव यह होना चाहिए कि यदि राधा रानी का सानिध्य छूट जाये तो प्राण ही छूट जाये। श्रीकृष्ण प्रेम की अविरल धारा ही राधा है आहाल्दनी से भगवान आनंद प्राप्त होता है। यह उद्‌गार आज रविशंकर वार्ड में स्थित श्री गौर गोविंद मंदिर में श्री राधा रानी के प्राकट्य महा उत्सव पर पं. रसिक बिहारी जी ने व्यक्त किये।




सुबह से शुरू हुए आयोजन

उत्सव का आरंभ ब्रह्म मुहर्त में हरिनाम संकीर्तन प्रभात फेरी के साथ हुआ तत्पश्चात् मंगला आरती हुई इसके साथ ही दूध, दही, घृत, शहद, शक्कर व अष्टगंध जल के साथ प्रिया जी अभिषेक किया गया श्रृंगार उपरांत दोपहर 12 बजे महाआरती के साथ प्राकट्य उत्सव मनाया गया। उत्सव कार्यक्रम में राधे-राधे मंडल द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गई। भजन मंडलियों ने बधाई गीत प्रस्तुत कर उत्सव को आनंद से सराबोर कर दिया।



आकर्षक निकली शोभायात्रा, जगह जगह हुआ स्वागत

प्राकट्य उत्सव में नगर संकीर्तन शोभा यात्रा मंदिर परिसर से प्रारंभ होकर बड़ा बाजार, कटरा बाजार, विजय टाकीज होती हुई आदर्श गार्डन में संपन्न हुई। शोभायात्रा में भक्तों ने विभिन्न लीलाओं का चित्रण कर राधा रानी के प्रति अपना समर्पण भाव व्यक्त किया। डॉ. श्रेया ठाकुर ने कृष्ण लीला का चित्रण कर सखियों से भेंट की व गोपियों के साथ महारास लीला का दिव्य चित्रण कर उत्सव में आनंद बिखेर दिया। प्रत्येक गोपी को श्रीकृष्ण के साथ रास की अनुभूति हुई, वृन्दावन से पधारी हुई श्रीमती चन्द्रा शुक्ला ने अपने स्नेह वचनों में कहा जो श्मामा जू के राधा राधा नाम को रटते हैं या उनके प्रेमियों का संग करते हुए राधा के गुणों, महिमा, रूप का गान करते है वे कर्म बन्धन से मुक्त हो जाते है। 

फूलसिंह पंडा जी ने अपने संदेश में कहा कि लाड़ली जू की शरणागति नये प्रारब्ध की रचना कर देती है राधा नाम का स्मरण उनकी कृपा होने पर होता है अगर वृषभान दुलारी का आश्रय मिल गया तो मानव जीवन धन्य हो गया। पं. कपिल महाराज ने कहा कि राजराजेश्वरी की कांति अन्नत बिजलियों जैसी है हमें उनके के प्रति सेवा भाव रखना चाहिए।




 उत्सव में डॉ. पी.एस. ठाकुर, श्रीमती लक्ष्मी ठाकुर, राधे दीदी, डॉ. राधिका, डॉ. अमृता, योगिता, एकता, अनुराधा, अर्पित, गोविंद सुजीत राजपूत, ललिता दीदी, कदम, शिवांगी पांडे आदि ने राधे-राधे नाम संकीर्तन से उत्सव में आनंद तो बरषाया ही साथ ही बरषाना जैसा भाव को देखने को मिला। अद्भुत श्रृंगार, प्रभु की लीलाओं का दर्शन, बृन्दावन से पधारे हुए कलाकारों द्वारा भव्य व दिव्य फूल बंगले का श्रृंगार, संकीर्तन, प्रसादी इन सबसे वातावरण राधामय हो गया।


शोभायात्रा का शहर सेवादल परिवार ने किया स्वागत

नगर में राधा अष्टमी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी। मंदिरों को सजाया गया। राधा अष्टमी पर गौर गोविंद मंदिर,रविशंकर वार्ड से नगर में निकाली गई शोभायात्रा का विभिन्न स्थानों पर नागरिकों ने पुष्प वर्षा करके स्वागत किया।



शोभायात्रा का जैसे ही नगर के हृदय स्थल तीन बत्ती पर आगमन हुआ,शहर सेवादल परिवार ने शोभायात्रा का पूर्ण भक्तिभाव से पुष्प वर्षा कर के भव्य स्वागत किया।स्वागतकर्ताओ में प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव अमित दुबे रामजी,शहर सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे,नितिन पचौरी,लल्ला यादव,रिंपी गर्ग,अंकुर यादव,पवन घोसी,रवि जैन आदि उपस्थित रहे।

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एडिटर: विनोद आर्य
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