नगर निगम के रिटायर्ड SE के घर-ऑफिस में लोकायुक्त का छापाः स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में संविदा पर है सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर प्रदीप जैन
▪️ 5 करोड़ से अधिक की अचल संपत्ति और 85 लाख के जेवरात आदि मिले
तीनबत्ती न्यूज : 09 अगस्त ,2024
भोपाल : लोकायुक्त पुलिस की टीम ने राजधानी भोपाल में नगर निगम के रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री प्रदीप जैन के घर और दफ्तर में शुक्रवार को छापा मारा। उनके आवास से लाखों रुपए की नकदी, सोने चांदी के जेवरात और संपत्ति संबंधी डॉक्यूमेंट मिले हैं। टीम को विदेश में इन्वेस्टमेंट के प्रमाण भी मिले हैं। जिस मकान में कार्रवाई की जा रही है, वह उनके बेटे यश जैन के नाम है। लोकायुक्त पुलिस को शुरुआती कार्यवाई में 5 करोड़ की अचल संपत्ति, 85 लाख के जेवरात बिल आदि मिले है। यह आंकड़ा प्रदीप जैन की संपत्ति उनकी कमाई से 300 गुना अधिक है। अभी यह आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है।
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लोकायुक्त को रिटायर्ड एसई प्रदीप कुमार जैन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत मिली थी। कार्रवाई एयरपोर्ट रोड स्थित पॉश लार्ड्स कॉलोनी में स्थित पीके जैन के घर और गोविंदपुरा स्थित स्मार्ट सिटी ऑफिस में बने में पहुंची और छापामार कार्रवाई शुरू की। दोनों ही स्थानों पर बड़ी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए हैं। पी के जैन रिटायरमेंट के बाद से ही भोपाल स्मार्ट सिटी में बतौर सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर (प्रोजेक्ट) संविदा कार्यरत हैं। वहां उन्हें वित्तीय पावर भी मिले हुए हैं। जैन स्मार्ट सिटी में भी अधीक्षण यंत्री के पद पर ही काम कर रहे हैं।
विदेश में पूंजी निवेश की जानकारी मिली
लोकायुक्त के सूत्रों ने बताया कि प्रदीप जैन द्वारा विदेश में निवेश की सूचनाएं भी मिली हैं। कार्रवाई में मिले दस्तावेजों में जैन के फाॅरेन इन्वेस्टमेंट्स की जांच भी की जा रही है। पब्लिक इसके बारे में ज्यादा नहीं जानती परंतु लोगों को यह बताएं कि विदेशों से अवैध वित्तीय व्यवहार को मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं। भारत में यह गंभीर अपराध है। हालांकि लोकायुक्त ने स्पष्ट नहीं किया है कि उसे जो शिकायत मिली है उसमें मनी लॉन्ड्रिंग अथवा विदेश में अवैध तरीके से इन्वेस्टमेंट की डिटेल है या नहीं।
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