डा गौर विवि की कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता NCC के मानद कर्नल रैंक एवं कर्नल कमांडेट पद से हुईं विभूषित ▪️चरित्र निर्माण एवं जीवन शैली में एनसीसी की अहम् भूमिका - मेजर जनरल महाजन

डा गौर विवि की कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता NCC के मानद कर्नल रैंक एवं कर्नल कमांडेट पद से हुईं विभूषित

▪️चरित्र निर्माण एवं जीवन शैली में एनसीसी की अहम् भूमिका - मेजर जनरल महाजन

तीनबत्ती न्यूज : 30 अगस्त ,2024

सागर. डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर (Dr Gaur University)के स्वर्ण जयन्ती सभागार में विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता (Vice Chancellor of Dr Gaur University)को मानद कर्नल रैंक एवं एनसीसी के कर्नल कमांडेंट पद (Honored with the rank of Honorary Colonel and Colonel Commandant of NCC ) से विभूषित करने के लिए ‘पिपिंग सेरेमनी’ (Pipping Ceremony) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एनसीसी निदेशालय (म.प्र. एवं छत्तीसगढ़) के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल ए. के. महाजन थे. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैयालाल बेरवाल की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न इस कार्यक्रम में ब्रिगेडियर विकास बहुगुणा, कर्नल ए. के. बेंसला भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन, माल्यार्पण एवं सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम आरम्भ हुआ. 


चरित्र निर्माण एवं जीवन शैली में एनसीसी की अहम् भूमिका  - मेजर जनरल महाजन

मुख्य अतिथि मेजर जनरल ए. के. महाजन ने अपने वक्तव्य में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अकादमिक उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उन्हें कर्नल की पदवी से सम्मानित होने पर बधाई दी. विश्वविद्यालय की अकादमिक संरचना और उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर जैसे अन्य नामचीन व्यक्तियों की सूची में माननीय कुलपति जी का नाम भी जुड़ गया है जिन्हें कर्नल की उपाधि से नवाज़ा गया है. उन्होंने एनसीसी के कार्यों को व्याख्यायित करते हुए सागर यूनिट के एनसीसी कैडेट्स की राष्ट्रीय प्रतिभागिता और उच्च प्रदर्शन की सराहना की. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एनसीसी कैडेट्स की संख्या 17 लाख है और आगे आने वाले समय में यह 25 लाख होने वाली है. एनसीसी विश्व की सबसे बड़ी युवा वालंटियर सेवा संस्था है. आज़ादी के पूर्व एनसीसी को सेकंड लाइन ऑफ़ डिफेन्स के रूप में स्वीकृत किया गया जो आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सहायक भूमिका निभाती रही है. 1962 के युद्ध के बाद भारतीय थल सेना का विस्तार होना आरम्भ हुआ और इसके बाद एनसीसी पूर्ण रूप से राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्ध संस्था के रूप में आई. उन्होंने कहा कि देश का भविष्य शिक्षाविदों के हाथों में है और वे अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करते हुए राष्ट्र के भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं. 


विद्यार्थी जीवन में अनुशासन, सेवा और समर्पण की महती भूमिका- कुलाधिपति

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति  कन्हैयालाल बेरवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता और सम्मान की बात है कि मैं कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को एनसीसी के मानद कर्नल कमांडेंट के रूप में सम्मानित करने के अवसर का साक्षी बन रहा हूँ. यह केवल एक व्यक्तित्व उपलब्धि का उत्सव नहीं है अपितु उनकी उत्कृष्टता, नेतृत्व और सेवा का भी सम्मान है. कुलपति के रूप में प्रो. गुप्ता का कार्यकाल उनकी दूरदर्शी सोच और छात्रों के बीच शैक्षणिक और नेतृत्व कौशल को प्रोत्साहित करने के प्रति उनकी समर्पित प्रतिबद्धता का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर ने अभूतपूर्व प्रगति की है. एनसीसी कैडेट्स को अपने प्रशिक्षण और विकास में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाने और प्रोत्साहन में उनकी बड़ी भूमिका है. 

एनसीसी से मिला सम्मान डॉ. सर हरीसिंह गौर के आशीर्वाद का प्रतीक है - कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता



कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि एक बड़ा सम्मान मिलने के अवसर पर इतनी महत्त्वपूर्ण सभा को संबोधित करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि मुझे अत्यंत प्रसन्नता और गौरव महसूस हो रहा है कि मुझे राष्ट्रीय कैडेट कोर के मानद कर्नल कमांडेंट का का रैंक प्रदान कर सम्मानित किया जा रहा है. यह सम्मान मेरे लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने इसके लिए भारत की माननीय राष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्ष  श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए एनसीसी के महानिदेशक, अतिरिक्त महानिदेशक और सभी समर्पित अधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने कहा कि आपका विश्वास और समर्थन अत्यधिक मूल्यवान है, और मैं इस भूमिका को अत्यधिक सम्मान और प्रतिबद्धता के साथ स्वीकार करती हूँ.

उन्होंने कहा कि यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय और डॉ. सर हरीसिंह गौर के आशीर्वाद का प्रतीक है. यह हमारे कुलाधिपति के आत्मीय सहयोग, हमारे शिक्षकों की समर्पण भावना, और हमारे छात्रों की उत्सुकता को भी प्रतिबिंबित करता है. हम सबने मिलकर एक ऐसा वातावरण निर्मित और विकसित किया है जो नेतृत्व, अनुशासन, और उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है. हमारे कैडेट्स को प्रतिष्ठित शिविरों जैसे गणतंत्र दिवस शिविर (आरडीसी) और अखिल भारतीय थल सैनिक शिविर (एआईटीएससी) में भाग लेते हुए मार्गदर्शन, समर्थन और प्रोत्साहित करना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है. मुझे अत्यंत गर्व है कि इस वर्ष 2024 में हमारे 6 कैडेट्स का चयन आरडीसी के लिए हुआ, और 4 कैडेट्स एआईटीएससी में चयनित हुए, जहां हमारे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ निदेशालय ने 'जजिंग डिस्टेंस एंड फील्ड सिग्नल (जेडी एंड एफएस)' इवेंट में 17 निदेशालयों में से चौथा स्थान हासिल किया. इसके अतिरिक्त, हमारे एक कैडेट ने एआईटीएससी में सेवा शूटिंग इवेंट में स्वर्ण पदक भी जीता.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में हमारे कैडेट्स को सेना भर्ती की तैयारी में सहायता करने के लिए एक नए बाधा प्रशिक्षण क्षेत्र, शिवाजी ऑब्स्टेकल कोर्स आज शुरू किया जा रहा है. यह एक चुनौतीपूर्ण कोर्स है, जिसमें मानसिक और शारीरिक दृढ़ता दोनों की आवश्यकता होती है. 

मंचस्थ अतिथियों के द्वारा शिवाजी ऑब्सटेकल कोर्स का उदघाटन किया गया. यह एक चुनौतीपूर्ण कोर्स है जिसमें शारीरिक और मानसिक रूप से दृढ़ता के साथ परीक्षण और ट्रेनिंग दी जाती है. यह कोर्स सेना और रक्षा के सभी क्षेत्रों के लिए महत्त्वपूर्ण है. इस कोर्स का संचालन विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के स्टेडियम परिसर से किया जाएगा.  



एनसीसी के एयर विंग की शुरुआत के लिए होंगे प्रयास, नई यूनिट भी शुरू होगी

सम्मान कार्यक्रम के पश्चात सभी अतिथियों ने गोष्ठी कक्ष में मीडिया से संवाद भी किया. इस अवसर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने एनसीसी के एयर विंग शुरू किये जाने की मांग पर  मेजर जनरल महाजन ने कहा कि निकट भविष्य में सभी तैयारियों एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर को दृष्टिगत रखते हुए इसे शुरू किया जा सकता है. कुलपति ने इस दौरान एनसीसी की अतिरिक्त यूनिट की भी मांग रखी जिससे ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को एनसीसी से जुड़ने का अवसर मिल सके. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रो. ए डी शर्मा, प्रो. डी के नेमा, प्रो. यू. के. पाटिल, प्रो. अनिल जैन, प्रो. अजीत जायसवाल, प्रो. सुशील काशव, प्रो. दिवाकर राजपूत, प्रो. नवीन कानगो, डॉ. पंकज तिवारी, डॉ. आशुतोष मिश्र, डॉ. रजनीश, डॉ. गौतम प्रसाद, डॉ. राकेश सोनी, डॉ. सुमन पटेल, डॉ. विवेक जायसवाल, उपकुलसचिव सतीश कुमार सहित विश्वविद्यालय के कई शिक्षक, अधिकारी, शोधार्थी, एनसीसी के अधिकारीगण, एनसीसी कैडेट्स एवं सागर शहर के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सम्मानित पत्रकारगण उपस्थित रहे. 



कलपति एवं कुलाधिपति ने गौर समाधि पहुँचकर डॉ. गौर को पुष्पांजलि दी

समारोह के पश्चात विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैयालाल बेरवाल एवं कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता गौर समाधि पहुँचे और डॉ. गौर की समाधि पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलानुशासक प्रो. चंदा बेन, प्रभारी कुलसचिव डॉ. एस. पी.उपाध्याय, सुरक्षा अधिकारी प्रो. राजेन्द्र यादव सहित अन्य अधिकारी एवं शिक्षक मौजूद रहे.


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एडिटर: विनोद आर्य
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