महर्षि वेद व्यास जयंती समारोह पर गुरूजनों का हुआ सम्मान
तीनबत्ती न्यूज : 21 जुलाई ,2024
सागर : श्री सरस्वती पुस्तकालय एवं वाचनालय ट्रस्ट और संस्कृत महाविद्यालय के संयुक्त आयोजन में आदिगुरू महर्शि वेद व्यास जयंती समारोह एवं गुरूओं का सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में स्वागत भाशण मंे वाचनालय के सचिव शुकदेव प्रसाद तिवारी ने महर्षि वेद व्यास के संदर्भ में अपने विचार रखे गुरू की महिमा और जीवन में गुरू के महत्व के बारे मंे विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में वाचनालय एवं संस्कृत महाविद्यालय के अध्यक्ष अधिवक्ता के के सिलाकारी ने महर्शि वेद व्यास द्वारा रचित गं्रथों के संदर्भ में जानकारी, श्री सिलाकारी ने बताया की इन धार्मिक ग्रंथों का महत्व आज प्रसांगित है और जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगिता है, उन्होंने सनातन धर्म के लिए लगातार कार्य कर रहे महंत श्री घनष्याम दास जी एवं महंत श्री नरहरि दास जी के उल्लेखनीय कार्यो की जानकारी दी। सम्मान पत्र षाल श्रीफल से माननीय महंत द्वय का सम्मान किया गया। श्री धनष्याम दास जी के सम्मान पत्र का वाचन पवन कुमार जी एवं श्री नरहरिदास जी महंत के सम्मान पत्र का वाचन पं राजेन्द्र दुबे ने किया। श्री सरस्वती पुस्तकालय एवं वाचनालय ट्रस्ट एवं संस्कृत महाविद्यालय के के समस्त सदस्य द्वारा षाल श्रीफल एवं सम्मान पत्र से महंत द्वय श्री धनष्यामदास जी एवं श्री नरहरिदास जी का सम्मान
महर्शि वेद व्यास सम्मान से सम्मानित किया। अपने आषीश वचनों में महंत श्री धनष्यामदास जी ने महर्शि वेद व्यास जी आज के जीवन मंे प्रसांगिता पर अपने विचार रखे, कार्यक्रम वृन्दावन बाग मंदिर संस्कृत विद्यालय के आचार्य श्री धनष्याम जी दुबे, रेलवे इंजी दीपक दुबे, वरिष्ठ अधिवक्ता चतुभुज सिंह राजपूत ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अध्यक्ष आचार्य राम कुमार खंपरिया अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा की धर्म कभी समाप्त नहीं होता उसको मनाने वालों की संख्या घटती और बढती रहती है वेद व्यास और उस काल के गुरूओं ने धर्म की स्थापना को लेकर जो वेद ग्रंथों की रचना की वे हमेषा प्रषांगित रहेगें। कार्यक्रम की षुरूआत में मा सरस्वती एवं वेद व्यास जी का पूजन महाविद्यालय के आचार्य ज्वाल प्रसाद जी ने कराया, कवि पूरन सिह राजपूत जी ने सरस्वती वंदना एवं संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य उमाषंकर गौतम ने व्यास वंदना की। इस अवसर पर संस्था के सदस्यों द्वारा अतिथियों का माल्यार्पण से स्वागत किया। कार्यक्रम के समापन पर संस्था के उपाध्यक्ष जीएल छत्रसाल ने आभार माना । कार्यक्रम में हरगोविंद विष्व, गजाधर सागर, राम षर्मा, जीएल छत्रसाल , आर एस यादव, जगदीष महेष्वरी, पूरन सिंह राजपूत, टीकाराम त्रिपाठी, राधाकृश्ण व्यास, रमेष दुबे, एमडी त्रिपाठी, वृंदावन राय सरल, मुकेष तिवारी, रिशभ भारतद्वाज देवकी नंदन रावत, नलिन जैन, मोतीलाल चैरसिया, उपस्थित रहे।
महर्शि वेद व्यास सम्मान से सम्मानित किया। अपने आषीश वचनों में महंत श्री धनष्यामदास जी ने महर्शि वेद व्यास जी आज के जीवन मंे प्रसांगिता पर अपने विचार रखे, कार्यक्रम वृन्दावन बाग मंदिर संस्कृत विद्यालय के आचार्य श्री धनष्याम जी दुबे, रेलवे इंजी दीपक दुबे, वरिष्ठ अधिवक्ता चतुभुज सिंह राजपूत ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अध्यक्ष आचार्य राम कुमार खंपरिया अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा की धर्म कभी समाप्त नहीं होता उसको मनाने वालों की संख्या घटती और बढती रहती है वेद व्यास और उस काल के गुरूओं ने धर्म की स्थापना को लेकर जो वेद ग्रंथों की रचना की वे हमेषा प्रषांगित रहेगें। कार्यक्रम की षुरूआत में मा सरस्वती एवं वेद व्यास जी का पूजन महाविद्यालय के आचार्य ज्वाल प्रसाद जी ने कराया, कवि पूरन सिह राजपूत जी ने सरस्वती वंदना एवं संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य उमाषंकर गौतम ने व्यास वंदना की। इस अवसर पर संस्था के सदस्यों द्वारा अतिथियों का माल्यार्पण से स्वागत किया। कार्यक्रम के समापन पर संस्था के उपाध्यक्ष जीएल छत्रसाल ने आभार माना । कार्यक्रम में हरगोविंद विष्व, गजाधर सागर, राम षर्मा, जीएल छत्रसाल , आर एस यादव, जगदीष महेष्वरी, पूरन सिंह राजपूत, टीकाराम त्रिपाठी, राधाकृश्ण व्यास, रमेष दुबे, एमडी त्रिपाठी, वृंदावन राय सरल, मुकेष तिवारी, रिशभ भारतद्वाज देवकी नंदन रावत, नलिन जैन, मोतीलाल चैरसिया, उपस्थित रहे।
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