लोकसभा अध्यक्ष को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए : समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर
तीनबत्ती न्यूज : 01 जुलाई ,2024
सागर : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पुत्री के संबंध में मीडिया में आई खबरों की उच्च स्तरीय जांच कराकर जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाये और रिपोर्ट आने तक बिरला को स्वयं नैतिकता के आधार पर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह बात लोसपा के संरक्षक और समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने मीडिया से चर्चा में कही। उल्लेखनीय है कि मीडिया में खबर आई है कि बिरला की पुत्री बिना परीक्षा दिये ही आईएएस के रूप में चयनित की गई हैं।
उन्होंने प्रदीप जोशी को NTA का चेयर मेन बनाये जाने पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि व्यापमं पीएससी सहित अन्य परीक्षाओं में संदेहपूर्ण कार्यप्रणाली के विशेषज्ञ के रूप में उनकी पहचान है इसके बावजूद उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाना चिंता का विषय है।
रूस का यूक्रेन के बंदियों को छोड़ना अच्छी पहल
रघु ठाकुर ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम के हालात बन रहे हैं रूस ने बंदियों को छोड़कर अच्छी पहल की है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में जिस तरह विभिन्न देशों द्वारा अंतरिक्ष यान भेजकर प्रयोग किये जा रहे हैं, वह चिंता का विषय है भविष्य में वहां अंतरिक्षयान भेजने वाले देश अपना कबाड़खाना बना लेंगे खबर यह भी मिली है कि अमेरीका और चीन जैसे देश अंतरिक्ष में अपने परमाणु भण्डार बनाना चाहते हैं। यदि यह हुआ तो दूनिया का विनाश होना तय है। ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जो स्वभाव है और वर्तमान संसद की जो स्थिति है। उसमें तालमेल नहीं बन रहा, ऐसे में मोदी कुछ समय बाद देश में मध्यावधि चुनाव की परिस्थितियां बना सकते हैं। संसद में पहले की तुलना में बहुमत कम आने के बाद नरेन्द्र मोदी की शब्दावली पर तो विराम लगा है लेकिन उनके पुराने तरीके बंद नहीं हुए है ।
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उन्होंने कहा कि संसद मे टकराव की स्थिति ठीक नहीं है। विपक्ष को सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा कराना चाहिए उसके बाद ही नीट के मुद्दे पर अलग से समय लेकर चर्चा होना चाहिए। प्रधानमंत्री को अपने शासनकाल में होने वाले भ्रष्टाचार के बारे में भी सोचना चाहिए। देश में तीन हवाई अड्डों की छतें और बिहार में कई बड़े पुल निर्माण के कुछ माह के अंदर ही ढह गये हैं, जो गंभीर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। इनकी निर्माण एजेंसियों पर प्रकरण दर्ज कर उनकी संपत्ति जप्त की जाये और उससे पुनः निर्माण कराया जाये। संसद में जनता ने जिस तरह का जनादेश दिया है उससे पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए परीक्षा की घड़ी है।
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