सुमरेड़ी रेलवे फाटक खुलवाने ग्रामीणों ने की रेल रोको आंदोलन की घोषणा : 30 जुलाई को रेल रोकेंगे ग्रामीण
प्रतीकात्मक फोटो
तीनबत्ती न्यूज : 29 जुलाई ,2024
खुरई। खुरई के सुमरेड़ी रेलवे अंडरपास में जलभराव के चलते गढ़ौला जागीर सहित लगभग बीस गांवों का रास्ता अवरूद्ध होने पर मुख्य रेलवे फाटक खोले जाने की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने 30 जुलाई मंगलवार को सुमरेड़ी रेलवे फाटक पर रेल रोको आंदोलन की घोषणा कर दी है। उल्लेखनीय है कि अंडरपास के बनने पर कुछ माह पूर्व मुख्य रेलवे फाटक को स्थायी रूप से बंद अर दिया गया है और अब जब अंडरपास वर्षा काल में जलभराव से बंद हो गया तब लगभग तीस हजार की ग्रामीण आबादी स्कूल, अस्पताल, कृषि कार्यों से लेकर रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए तरस गई है।
चार दिन में जलभराव हुआ
उल्लेखनीय है कि सुमरेड़ी रेलवे अंडरपास में चार दिन पहले आठ फुट ऊंचाई तक जलभराव हो गया। इससे सामान्य आवागमन तो खत्म हो ही गया साथ ही चौपहिया वाहनों यहां तक कि ट्रैक्टर का निकलना भी खत्म हो गया। जलभराव के तीसरे दिन एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल नहीं ले जाया जा सका और उसकी बंद फाटक के पार ही डिलीवरी हो गई। गढ़ौला जागीर सीएम राईज स्कूल सहित कई स्कूलों में छात्र छात्राएं नहीं पहुंच सके। सुमरेड़ी, गढ़ौला जागीर, बलोप, धर्मपुरी, पाली आदि ग्रामों के किसान उर्वरक, दवाईयों जैसे कृषि कार्यों के लिए बेबस हो गये हैं। इन गांवों के लोग खुरई, जरुआखेड़ा, सागर जाने से वंचित हो चुके हैं क्योंकि चार दिन बाद भी अंडरपास में बड़ी मात्रा में पानी भरा है। रेलवे प्रशासन पंपों से पानी निकालने में नाकाम रहा है क्योंकि आसपास के जंगली जल स्रोतों से पानी लगातार आता जा रहा है। अंडरपास बनाने का निर्णय लेते समय रेलवे प्रशासन ने वर्षाकाल की परिस्थितियों का आकलन करने में बड़ी चूक कर दी जो अब स्थानीय नागरिकों के लिए संकट बन कर सामने आ गई।
रेलवे प्रशासन ने की अनसुनी
नागरिकों की सूचना पर वरिष्ठ भाजपा नेता लखन सिंह मौके पर पहुंचे और अधिकारियों से चर्चा कर मुख्य रेलवे फाटक आवागमन के लिए खोलने का आग्रह किया लेकिन रेलवे प्रशासन ने ग्रामीणों की मांग को अस्वीकार कर दिया। ग्रामीणों ने सोमवार को पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह को बंद पड़े सुमरेड़ी फाटक और अवरुद्ध आवागमन की स्थिति देखने मौके पर बुलाया। पूर्व मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने एसडीएम व एसडीओपी खुरई के साथ मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों से चर्चा के बाद समन्वय बनाने के लिए रेलवे प्रशासन से चर्चा कर आवागमन की समस्या के स्थायी व ठोस निराकरण का आग्रह किया।
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