डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में 08 समर स्किल कोर्सेस का आयोजन : 03 जून से रजिस्ट्रेशन शुरू
सागर : डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में दिनांक 29 मई 2024 को ग्रीष्मकाल में समर स्किल कोर्सेस के आयोजन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया था. उसके अनुक्रम में आज दिनांक 03 जून 2024 को पुनः समर स्किल कोर्सेस के संबंध में एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने की.
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प्रो. विनोद कुमार भारद्वाज, विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग ने ग्रीष्मकालीन समर स्किल कोर्सेस की रूपरेखा पर प्रकाश डाला और समिति को अवगत कराया कि विश्वविद्यालय इस ग्रीष्मकाल में 08 समर स्किल कोर्सेस का आयोजन कर रहा है. इन समर स्किल कोर्सेस में आई.टी. स्किल के अंतर्गत एम.एस. आफिस के साथ-साथ वीडियो एडीटिंग एवं रिमोट सेंसिंग एण्ड जीएसआई के दो स्किल कोर्स बनाये गये हैं. इसी प्रकार आरोग्य एवं स्वास्थ्य के अंतर्गत स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और स्वस्थ जीवन शैली पर एक कोर्स डिजाइन किया गया है. यह कोर्स विद्यार्थियों के साथ-साथ समाज के सभी आयुवर्ग के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य के प्रति सजगता एवं जागरूकता को दृष्टिगत रखते हुये बनाया गया है. इससे निश्चित ही आज के भागमभाग के समय में इसकी आवश्यकता से इंकार नहीं किया जा सकता है.
प्रो. विनोद कुमार भारद्वाज ने जानकारी देते हुये बताया कि परफार्मिंग आर्ट्स विभाग के माध्यम से विद्यार्थियों की अभिरूचि को ध्यान में रखते हुये तीन कोर्स डिजाइन किये गये हैं. इनमें लोक वाद्य एवं गायन, हल्का संगीत एवं शास्त्रीय वाद्ययंत्र बांसुरी एवं सितार हैं. इन चार साप्ताहिक कोर्स के अंतर्गत विद्यार्थी अपनी अभिरूचि के अनुरूप उक्त पाठ्यक्रमों में पंजीयन करा कर अपने स्किल को इम्प्रूव कर सकते हैं.
इसी प्रकार जैविक खेती का चलन बढ़ रहा है. इसकी तकनीक को सिखाने के उद्देश्य से यह कोर्स डिजाइन किया गया है. इसमें कम्पोस्ट का उपयोग, उसका तरीका एवं कैसे कम्पोस्ट का सम्मिश्रण तैयार किया जाये. यह एक उपयोगी एवं जैविक खेती के प्रति रूचि पैदा करने वाला पाठ्यक्रम है. सीमित अवधि के भीतर इसको इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्रदान की जा सके. तकनीक के युग में डिजीटल स्किल के बारे में प्रायः सभी जानते हैं. इसमें इम्प्रूवमेंट के लिए यह एक उपयोगी पाठ्यक्रम है. इस ग्रीष्मकाल में विद्यार्थी इस कोर्स के माध्यम से अपने फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी के हुनर को और बेहतर ढंग से सीख कर इसका लाभ उठा सकते हैं. यह कोर्स इसी उद्देश्य को ध्यान में रख कर बनाया गया है.
कुलपति प्रो. गुप्ता ने कहा कि निश्चित ही इन ग्रीष्मकालीन, सीमित अवधि के बहुउपयोगी कोर्सेस से विद्यार्थी न सिर्फ अपने स्किल को बढ़ा सकते हैं बल्कि इन स्किल के माध्यम से स्वावलंबी भी बनेंगे. अपने पठन-पाठन के साथ इस प्रकार की गतिविधियों के लिए एक प्लेटफार्म आवश्यक था. विश्वविद्यालय ने इस दिशा में एक प्रयास शुरू किया है. यह प्रयास सफल हो, इसके लिए हमें अपने स्तर पर कोशिश करनी होगी, जिससे हमारे विद्यार्थी अपनी अभिरूचि के विषयों में कुछ नवीन सीख सकें. विश्वविद्यालय इन समर कोर्सेस के लिए विद्यार्थियों एवं आमजन के हित में 8 आनलाईन/ऑफलाईन कार्यक्रमों का आयोजन करेगा. इन कार्यक्रमों में विश्वविद्यालय में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के अतिरिक्त अन्य विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों, स्कूलों में अध्ययनरत् विद्यार्थी भी भाग ले सकते हैं. इस हेतु विश्वविद्यालय अपनी बेवसाईट पर पंजीयन हेतु लिंक आज दिनांक 03 जून 2024 से उपलब्ध करा दी गई है जहां विद्यार्थी अपने मन चाहे कोर्सेस में निर्धारित शुल्क का भुगतान कर पंजीयन करा सकता है. इसके लिए इच्छुक आमजन भी पंजीयन करा कर इन कोर्सेस में सहभागिता कर सकते हैं.
नवाचारपरक कोर्सेस की रूपरेखा पर एक पोस्टर तैयार किया है, जिसका विमोचन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता द्वारा किया गया. इस पोस्टर में ग्रीष्मकालीन समर कोर्सेस की संपूर्ण जानकारी दी गई है. नवाचार एवं कौशल विकास की इन गतिविधियों के लिए विश्वविद्यालय में दिनांक 03 जून 2024 से 13 जून 2024 तक पंजीयन हेतु लिंक उपलब्ध है. ग्रीष्मकालीन समर स्किल कोर्सेस की आनलाईन/ऑफलाईन कक्षायें दिनांक 15 जून 2024 से आरंभ की जायेंगी, जिसकी कक्षाओं से संबंधित जानकारी एवं समय सारणी शीघ्र ही विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर उपलब्ध कराई जा रही है.
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