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SAGAR : लोक अदालत : 52 खण्डपीठों द्वारा 2620 प्रकरण का निपटारा, 83 करोड़ के अवार्ड पारित

SAGAR : लोक अदालत : 52 खण्डपीठों द्वारा 2620 प्रकरण का निपटारा, 83 करोड़ के अवार्ड पारित



तीनबत्ती न्यूज : 11 मई,2024

सागर :  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के दिशा-निर्देशानुसार आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय, सागर एवं समस्त तहसील न्यायालयों में किया गया।
जिला मुख्यालय, में उक्त नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ न्यायमूर्ति श्री जस्टिस विशाल धगट, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर एवं पोर्टफोलियो जज, सागर के कर कमलों द्वारा मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन व माल्यापर्ण कर किया गया। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश/  अध्यक्ष  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर श्री एम.के. शर्मा, विशेष न्यायाधीश श्री प्रदीप सोनी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री अजय सिंह, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ    श्री जितेन्द्र सिंह राजपूत एवं म.प्र. राज्य अधिवक्ता परिषद् जबलपुर के सदस्यगण श्री राजेश पाण्डे व श्रीमती रश्मिऋतु जैन सहित समस्त न्यायाधीशगण, डी.आई.जी. श्री सुनील जैन, नगर नगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री लोकेश सिन्हा, जिला अधिवक्ता संघ के सचिव श्री कुवंर वीरेन्द्र प्रताप सिंह व कार्यकारिणी के सदस्यों सहित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण व बैंक, विद्युत, बी.एस.एन.एल., बीमा कंपनियों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।


उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुये  न्यायाधिपति  द्वारा अपने उद्बोधन में आमजन को संदेश दिया कि यदि पक्षकारगण राजीनामा व सुलह के माध्यम से नेशनल लोक अदालत में अपने प्रकरण का निराकरण कराते हैं तो उन्हें न केवल त्वरित न्याय की प्राप्ति होगी अपितु समय व धन की बचत भी होगी। इसी अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश श्री एम.के. शर्मा द्वारा कार्यक्रम में उपस्थितजन को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
तत्संबंध में विदित हो कि उक्त नेशनल लोक अदालत हेतु संपूर्ण जिले में कुल 52 खण्डपीठों का गठन किया गया, जिसमें न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से 828 प्रकरण एवं प्री-लिटिगेशन के 1792 प्रकरणों का निराकरण राजीनामा के आधार पर किया गया, जिसमें
 मोटर दुर्घटना के 86 प्रकरणों का निराकरण कर क्षतिपूर्ति राशि रूपये 2,20,02,000/- के अवार्ड पारित किए गए, चैक बाउंस के 190 प्रकरणों के निराकरण में कुल राशि रूपये 4,40,74,755/- का समझौता अवार्ड किया गया। आपराधिक प्रकृति के शमन योग्य 294 प्रकरण, विद्युत के 26 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 109 प्रकरण तथा दीवानी एवं अन्य प्रकृति के 56 प्रकरणों का निराकरण किया गया। विभिन्न बैंकों के 91 प्री-लिटिगेशन प्रकरण, विद्युत विभाग के 38 प्री-लिटिगेशन प्रकरण, नगर निगम के 562 प्री-लिटिगेशन प्रकरण, ई ट्रेफिक चालान के 954 प्रीलिटिगेशन संबंधी प्रकरण एवं अन्य प्रकृति के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण भी इस अवसर पर हुआ जिसमें राशि रूपये 1,15,39,929/- का राजस्व प्राप्त हुआ।                                          
सफलता की कहानीः-

01. न्यायालय प्रधान जिला न्यायाधीश के न्यायालय में लंबित प्रकरण में आवेदक का पुत्र दिनांक 18.05.2022 को परेड मंदिर जा रहा था, रात्रि में टाटा सफारी के चालक ने टक्कर मार दी जिससे आवेदक के पुत्र की मृत्यु हो गई थी। उक्त प्रकरण में नेशनल लोक अदालत के अवसर पर  प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा प्रयास किया, जिससे उभयपक्षों में राजीनामा के आधार पर वाहन मालिक के द्वारा पीड़ित पक्ष को एक मुश्त 5,00,000/- नगद भुगतान किया गया एवं प्रकरण राजीनामा के माध्यम से निराकृत हुआ।

02. न्यायालय प्रधान जिला न्यायाधीश के न्यायालय में लंबित प्रकरण में आवेदक द्वारा अपनी पत्नि से पूर्व में 10,00,000/- रूपये की राशि पर आपसी सहमति से विवाह विच्छेद कर लिया था, तत्पश्चात् भरण-पोषण के प्रकरण में अनावेदिका द्वारा 5000/- प्रति माह राशि का वसूली दावा प्रस्तुत किया गया, जिसका पुनरीक्षण आवेदक की ओर से किया गया। जिसमें माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा की गई मध्यस्थता के फलस्वरूप उभय पक्ष के बीच राजीनामा हो गया और पुनः एक साथ रहने की सहमति बनी।

03. परिवार न्यायालय, सागर में लंबित प्रकरण में आवेदक की शादी अनावेदिका से 04.06.2021 को शिवपुरी मध्य प्रदेश में हुई थी, अनावेदिका के व्यवहार में मिली अॅंगूठी में उस पर बी.आर. अंकित था, जिसमें आवेदक ने अनावेदिका पर चरित्र का लांछन लगाकर परित्याग कर दिया था।  न्यायालय द्वारा उभयपक्ष को समझाईश दी गई ओर पृथक-पृथक उभय पक्षों के तथ्यों को सुना, उसके बाद उभय पक्ष के मध्य शंका का समाधान किया गया और प्रकरण में उभयपक्षों के मध्य राजीनामा होकर साथ-साथ रहने को तैयार हो गये।

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