EOW ने छिंदवाड़ा के तत्कालीन विशप समेत छह पर की FIR
▪️ सागर और छिंदवाड़ा में करोड़ों की सरकारी जमीन बेची ,जल्द होगी रिकवरी
तीनबत्ती न्यूज : 16 मई,2024
जबलपुर : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों की जमीन खुर्दबुर्द करने के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो EOW ने छिंदवाड़ा इवेंजलिकल लूथरन चर्च के तत्कालीन बिशप इमानुअल पंचू समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें गर्वनिंग बॉडी सदस्य अनिल मैथ्यूज, आर्चडीकन बिशप अनिल मार्टिन, सचिव नितिन सहाय कमलकांत राठी और चर्च के हेड ट्रेजरार अशोक चौकसे है। जिनके खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत, आपराधिक षड़यंत्र और फर्जी दस्तावेज बनाने समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया। छहों ने मिलकर जबलपुर फर्म एवं सोसायटी की बिना अनुमति लिए करोड़ों की जमीन को बेचा और शासन को एक करोड़ 11 लाख 95 हजार रुपए का चूना लगाया।
जबलपुर EOW एसपी आरडी भारद्वाज ने बताया कि तत्कालीन बिशप इमानुअल पंचू ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए फर्जी दस्तावेज बनाए और शासन की जमीन जिसकी कीमत करीब एक करोड़ 11 लाख 95 हजार रुपए है, उसे बेच दी। तत्कालीन बिशप के साथ उनके पांच अन्य साथी भी है। सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
सागर और छिंदवाड़ा में बेची जमीन
ईओडब्ल्यू जबलपुर के एसपी आरडी भारद्वाज ने बताया कि तत्कालीन बिशप अमानुअल ने पावर ऑफ अटनी अनिल मैथ्यूज और अनिल मार्टिन को देखकर सागर के खुरई में 14 लाख 14 हजार की छह हजार वर्गफीट जमीन महज 12 लाख रुपये में राकेश राय को बेच दी। इसमें से पांच लाख चैक के माध्यम से लिए और वह भी सात साल बाद चर्च के एकाउंट में जमा कराए गए।वहीं अमरवाड़ा में 41 लाख 65 हजार रुपये कीमत की 2800 वर्गफीट जमीन वर्ष 2015 में महज पांच लाख रुपये में बेच दी। इसमें तत्कालीन बिशप समेत सचिव नितिन सहाय भी शामिल था।
शासन को एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ
अमरवाड़ा की ही 1600 वर्गफीट जमीन वर्ष 2018 में दो लाख 10 हजार रुपये में बेची। वहीं छिंदवाडा फॉरेस्ट नाका के पास की 1200 वर्गफीट जमीन मार्च 2007 में कमलकांत राठी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अशोक चौकसे को छह लाख 16 हजार रुपए में बेची गई। इन जमीनों को बेचने के लिए न तो फर्म एवं संस्थाएं जबलपुर से अनुमति ली गई और न ही रकम को चर्च के खाते में जमा कराया गया। इससे शासन को एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ.
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