ओशो वैचारिक क्रांतिकारी और पांखड़, अंधविश्वास और जातिवाद के विरोधी : मंत्री गोविंद राजपूत
▪️ डा शैलेन्द्र सरस्वती ओर मां अमृत प्रिया ने " बाहर सुख भीतर शांति " का बताया मार्ग
तीनबत्ती न्यूज : 23 मई,2024
सागर : " बाहर सुख भीतर शांति " बिषय पर महान दार्शनिक ओशो के आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित सदगुरु डा शैलेन्द्र सरस्वती ओर मां अमृत प्रिया जी के प्रवचन पद्माकर सभागार मे आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और विशेष अतिथि पूर्व विधायक सुनील जैन कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की। कार्यक्रम मे आंनद जैन से कार्यक्रम की रुपरेखा रखते हुए आशो के जीवन पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मंत्री गोविन्द सिंह ने कहां कि ओशो ने इतनी किताबे लिखी है। उन्हे इतना ज्ञान था कि दुनिया की किसी भी दर्शनार्थी से बातचीत को वह तैयार रहते थे ।यही कारण है कोई भी उनसे बहस करने की हिम्मत नही जुटा पाता था।मंत्री गोविन्द सिंह ने कहां कि ओशो वैचारिक क्रांतिकारी थे वे जातिवाद, रुठीवाद पंखाड ओर अंधविश्वास के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखते थे । जिसके चलते उनको विरोध का सामना भी करना पड़ता था ।
उन्होंने कहा की दुनिया की महाशक्ति अमेरिकी को भी आशो की लोकप्रियता से डर लगता था इसलिए साजिश कर उन्हें अमेरिका से बाहर किया गया ।मंत्री गोविन्द सिंह ने ओशो के सागर विश्वविद्यालय से अध्ययन को शहरवासियो के लिए सौभाग्यशाली बताया। उन्होंने की मुझे ओशो जैसे दार्शनिक के विचारों को सुनने का मौका मिला यह गौरव की बात है।
तत्पश्चात स्वामी शैलेन्द्र सरस्वती ओर मां अमृत प्रिया ने सुख ओर शांति पर अपने प्रवचन के माध्यम से बताया कि सभी को कैसे हम अपने जीवन मे कुछ बातो का ख्याल रख परिवर्तन कर जीवन को सुखमय बना सकते है ।इसको विस्तार से समझाया कार्यक्रम मे ध्यान चेतना का अभ्यास भी कराया गया । वही अंत मे गुरुमाला ग्राहण कर बड़ी संख्या मे आशो विचारधारा से प्रभावित लोग आशो परिवार मे शामिल भी हुए।
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