मल्टीडिसिप्लिनरी स्टडीज एंड रिसर्च में डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि वेस्ट जोन में शीर्ष तीन में ▪️देश के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में छठी रैंक, आल इण्डिया में टॉप 30 में शामिल

मल्टीडिसिप्लिनरी स्टडीज एंड रिसर्च में डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि वेस्ट जोन में शीर्ष तीन में

▪️देश के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में छठी रैंक, आल इण्डिया में टॉप 30 में शामिल



तीनबत्ती न्यूज : 21 मई,2024

सागर : डॉ . हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर ( Dr. Harisingh Gour Central University ,sagar ) को एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है. देश भर के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में हो रहे बहुअनुशासनिक शोध एवं अध्ययन (Multidisciplinary Studies and Research) में विश्वविद्यालय की छठवीं रैंकिंग है. जबकि वेस्ट जोन के विश्वविद्यालयों में तीसरी रैंकिंग है. साथ ही विश्वविद्यालय देश भर के बहुअनुशासनिक शोध एवं अध्ययन वाले टॉप 30 विश्वविद्यालयों में शामिल हो गया है. भारत की ख्यातिलब्ध अंग्रेजी पत्रिका ‘द वीक’ ( The Week) और प्रसिद्ध शोध संस्था ‘हंसा रिसर्च (Hansa Research ) के साझा सर्वे में यह रैंकिंग मिली है. इस सर्वे में देश भर के विभिन्न केन्द्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय एवं निजी विश्वविद्यालय शामिल करते हुए रैंकिंग का निर्धारण किया गया है. विश्वविद्यालय का पिछले वर्ष का स्कोर 374 था अब बढ़कर 414 हो गया है.


गौरतलब है कि हाल ही में विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ए प्लस ग्रेड हासिल हुआ है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में इंटरडिसिप्लिनरी, मल्टीडिसिप्लिनरी, एबिलिटी इन्हैंसमेंट, स्किल डेवलपमेंट आदि प्रश्नपत्र पाठ्यचर्या में शामिल किये गये हैं. यूजी-पीजी और शोध पाठ्यक्रमों में अन्तरानुशासनिकता और बहुअनुशासिकता को अनिवार्य रूप से सम्मिलित करते हुए प्रोजेक्ट, लघु शोध-प्रबंध और शोध कार्य कराये जा रहे हैं. विश्वविद्यालय में संचालित ओपन इलेक्टिव प्रश्न-पत्र की प्रकृति भी मल्टीडिसिप्लिनरी है. वर्तमान में विज्ञान, मानविकी एवं समाज विज्ञान विभाग के शिक्षक डीएसटी, आईसीएसएसआर, एसईआरबी जैसे राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं से प्रदत्त महत्त्वपूर्ण शोध परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं जिनकी इंटरडिसिप्लिनरी और मल्टीडिसिप्लिनरी है. विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान और विज्ञान संकाय जैसे जूलॉजी, बॉटनी, फिजिक्स आदि के विद्यार्थी और शिक्षक कोलैबोरेटिव रिसर्च एवं स्टडी में संलग्न हैं. विश्वविद्यालय में समाज विज्ञान शिक्षण अधिगम केन्द्रों के माध्यम से अनेक गतिविधियाँ संचालित हैं जिनकी प्रकृति बहुअनुशासनिक है. विश्वविद्यालय इन सभी विशेषताओं के कारण विश्वविद्यालय को यह उपलब्धि हासिल हुई है.


कुलपति ने दी बधाई

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि के लिए सभी विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शिक्षकों और अकादमिक उन्नयन में शामिल विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप संचालित है. हमने पाठ्य संरचना, अध्ययन-अध्यापन एवं शोध के स्तर पर हमने अभिनव कदम उठाये हैं. ज्ञान के _विभिन्न अनुशासनों को अध्ययन-अध्यापन की प्रकृति में और अधिक फ्लेक्सिबिल (लचीला) बनाया है ताकि विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों से ज्ञान का कोई भी क्षितिज अछूता न रहे. भाषाई और ज्ञान के विभिन्न अनुशासनों की  विविधता का संगम हमारे विश्वविद्यालय की पहचान है. विश्वविद्यालय के शिक्षक अलग-अलग भाषा और अनुशासनों में लगातार शोध आधारित पुस्तक लेखन का कार्य कर रहे हैं.  अकादमिक साझेदारी और कोलैबोरेटिव रिसर्च एंड स्टडी को बढ़ावा देने के लिए कई नई इकाईयां गठित की गई हैं जिनके माध्यम से इंटरडिसिप्लिनरी  और मल्टी डिसिप्लिनरी स्टडीज को बढ़ावा मिल रहा है. कई संस्थाओं के सर्वे में मिली अच्छी रैंकिंग इस बात का प्रमाण है कि हमारा विश्वविद्यालय लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है. वह दिन दूर नहीं जब हमारा विश्वविद्यालय नंबर वन रैंक हासिल करेगा।

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