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Shri Hanuman Jayanti 2024: श्री हनुमानजी की ये 11 मुखी मूर्तियां करती हैं अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति▪️जाने 11 विभिन्न मुखी हनुमान जी के रहस्य

Shri Hanuman Jayanti 2024: 
श्री हनुमानजी की ये 11 मुखी मूर्तियां करती हैं अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति
▪️जाने 11 विभिन्न मुखी हनुमान जी के रहस्य


 
Shri Hanuman Jayanti 2024
तीनबत्ती न्यूज : 22 अप्रैल,2024

 सभी लोगो को श्री हनुमान जी की आराधना श्री राम भक्ति के साथ करना चाहिए।  इस दफा श्री हनुमान जी का प्रकटोत्सव 23 अप्रैल 2024 ,दिनंगलबार को मनाया  जा रहा है।शुभ मूहर्त में पूजा अर्चना करे। कलयुग में हनुमान जी के इन 11 रूपों की पूजा करने से मिलता लाभ, पल भर में टल जाता है हर संकट ।कहते हैं कि हनुमानजी की भिन्न-भिन्न प्रतिमा की उपासना से भिन्न-भिन्न फल की प्राप्ति होती है। वैसे हनुमाजी की और भी मुखों वाली प्रतिमा हैं लेकिन हम जानते हैं 11 मुख वाले हनुमाजी की मूर्तियों की उपासना के लाभ।

हनुमान जी को कलयुग का देवता कहा गया है। इस युग में हनुमान जी की भक्ति करना सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। हनुमान जी की भक्ति से व्यक्ति में साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है। हनुमानजी की भक्ति हर संकट से बचाती है। भक्तों ने अपनी भक्ति के चलते हनुमानजी के अलग-अलग रूप को पूजनीय बनाया है। कहते हैं कि हनुमानजी की भिन्न-भिन्न प्रतिमा की उपासना से भिन्न-भिन्न फल की प्राप्ति होती है। वैसे हनुमाजी की और भी मुखों वाली प्रतिमा हैं लेकिन हम जानते हैं 11 मुख वाले हनुमाजी की मूर्तियों की उपासना के लाभ।


ढ़िए श्री हनुमान जी 11 मुखों के रहस्य और उनकी पूजा का महत्व

1. पूर्वमुखी हुनमान जी
पूर्व की तरफ मुख वाले बजरंबली को वानर रूप में पूजा जाता है। इस रूप में भगवान को बेहद शक्तिशाली और करोड़ों सूर्य के तेज के समान बताया गया है। शत्रुओं के नाश के बजरंगबली जाने जाते हैं। दुश्मन अगर आप पर हावी हो रहे तो पूर्वमूखी हनुमान की पूजा शुरू कर दें।


2. पश्चिममुखी हनुमान जी
पश्चिम की तरफ मुख वाले हनुमानजी को गरूड़ का रूप माना जाता है। इसी रूप संकटमोचन का स्वरूप माना गया है। मान्यता है कि भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ अमर है उसी के समान बजरंगबली भी अमर हैं। यही कारण है कि कलयुग के जाग्रत देवताओं में बजरंगबली को माना जाता है।


3. उत्तरामुखी हनुमान जी
उत्तर दिशा की तरफ मुख वाले हनुमान जी की पूजा शूकर के रूप में होती है। एक बात और वह यह कि उत्तर दिशा यानी ईशान कोण देवताओं की दिशा होती है। यानी शुभ और मंगलकारी। इस दिशा में स्थापित बजरंगबली की पूजा से इंसान की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। इस ओर मुख किए भगवान की पूजा आपको धन-दौलत, ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा, लंबी आयु के साथ ही रोग मुक्त बनाती है।
4. दक्षिणामुखी हनुमान जी
दक्षिण मुखी हनुमान जी को भगवान नृसिंह का रूप माना जाता है। दक्षिण दिशा यमराज की होती है और इस दिशा में हनुमान जी की पूजा से इंसान के डर, चिंता और दिक्कतों से मुक्ति मिलती है। दक्षिणमुखी हनुमान जी बुरी शक्तियों से बचाते हैं।
5.ऊर्ध्वमुख
इस ओर मुख किए हनुमान जी को ऊर्ध्वमुख रूप यानी घोड़े का रूप माना गया है। इस स्वरूप की पूजाकरने वालों को दुश्मनों और संकटों से मुक्ति मिलती है। इस स्वरूप को भगवान ने ब्रह्माजी के कहने पर धारण कर हयग्रीवदैत्य का संहार किया था।

6. पंचमुखी हनुमान
 पंचमुखी हनुमान के पांच रूपों की पूजा की जाती है। इसमें हर मुख अलग-अलग शक्तियों का परिचायक है। रावण ने जब छल से राम लक्ष्मण बंधक बना लिया था तो हनुमान जी ने पंचमुखी हनुमान का रूप धारण कर अहिरावण से उन्हें मुक्त कराया था। पांच दीये एक साथ बुझाने पर ही श्रीराम-लक्षमण मुक्त हो सकते थे इसलिए भगवान ने पंचमुखी रूप धारण किया था। उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख में वह विराजे हैं।



7. एकादशी हनुमान
 ये रूप भगवान शिव का स्वरूप भी माना जाता है। एकादशी रूप रुद्र यानी शिव का 11वां अवतार है। ग्यारह मुख वाले कालकारमुख के राक्षस का वध करने के लिए भगवान ने एकादश मुख का रुप धारण किया था। चैत्र पूर्णिमा यानी हनमान जयंती के दिन उस राक्षस का वध किया था। यही कारण है कि भक्तों को एकादशी और पंचमुखी हनुमान जी पूजा सारे ही भगवानों की उपासना समना माना जाता है।
8. वीर हनुमान
हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा भक्त साहस और आत्मविश्वास पाने के लिए करते हें। इस रूप के जरिये भगवान के बल, साहस, पराक्रम को जाना जाता है। अर्थात तो भगवान श्रीराम के काज को संवार सकता है वह अपने भक्तों के काज और कष्ट क्षण में दूर कर देते हैं।




9. भक्त हनुमान-
भगवान का यह स्वरूप में श्रीरामभक्त का है। इनकी पूजा करने से आपको भगवान श्रीराम का भी आर्शीवद मिलता है। बजरंगबली की पूजा अड़चनों को दूर करने वाली होती है। इस पूजा से भक्तों में एग्राता और भक्ति की भावना जागृत होती है।
10. दास हनुमान
 बजरंबली का यह स्वरूप श्रीराम के प्रति उनकी अनन्य भक्ति को दिखाता है। इस स्वरूप की पूजाकरने वाले भक्तों को धर्म कार्य और रिश्ते-नाते निभाने में निपुणता हासिल होती है। सेवा और समर्णण का भाव भक्त इस स्वरूप के जरिये ही पाते हैं।
11. सूर्यमुखी हनुमान
यह स्वरूप भगवान सूर्य का माना गया है। सूर्य देव बजरंगबली के गुरु माने गए हैं। इस स्वरूप की पूजा से ज्ञान, प्रतिष्ठा, प्रसिद्धि और उन्नति का रास्ता खोलता है। क्योंकि श्रीहनुमान के गुरु सूर्य देव अपनी इन्हीं शक्तियों के लिए जाने जाते हैं।



हनुमान जयंती 23 अप्रैल को
हनुमान जयंती इस बार बहुत खास मानी जा रही है. दरअसल, हनुमान जयंती पर कुछ खास संयोग बनने जा रहे हैं. दरअसल, हनुमान जयंती मंगलवार के दिन ही पड़ रही है. साथ ही इस दिन हनुमान जयंती चित्रा नक्षत्र और वज्र योग का संयोग बनने जा रहा है. इन शुभ योगों में भी हनुमान जी की पूजा की जा सकती है. साथ ही हनुमान जी की  उपासना अभिजीत मुहूर्त में करें. इस दिन श्री रामरक्षा स्त्रोत, बजरंग बाण, हनुमान चालीसा,हनुमान जी के मंत्र आदि का जाप करना चाहिए 

भादो में सिंदूर से, हनुमत का अभिषेक।प्रेम  भाव  से  जो  करे, पाये बुद्धि विवेक।।

जय श्रीराम, जय हनुमान जी




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एडिटर: विनोद आर्य
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