सागर जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित : जिले से बाहर भूसा निर्यात पर लगी रोक प्रतिबंधित
सागर :जिले में आगामी पेयजल संकट को दृष्टिगत रखते हुए कृषि / व्यवसायिक / औद्योगिक हेतु भू-जल स्त्रोतों का अतिदोहन होने से पेयजल स्त्रोतों / नलकूपों का जल स्तर तेजी से गिर रहा है। कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया है कि जल स्तर गिरने से अधिकांश सतही जल स्त्रोत सूख जाने के कारण आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावना को देखते हुए सागर जिले की समस्त तहसीलों में “मध्यप्रदेश पेयजल परीक्षण अधिनियम के तहत पेयजल के अलावा अन्य प्रयोजन के लिए नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है। स्थिति का परीक्षण ेकिये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है कि यदि जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो ग्रीष्मकाल में जिले में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है।
कलेक्टर दीपक आर्य आदेशानुसार मध्यप्रदेश पेयजल परीक्षण अधिनियम के अन्तर्गत सागर जिले के बाहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को 15 अप्रैल से 30 जून तक जल अभावग्रस्त घोषित किया है।
जिले में निरंतर भू जल स्तर की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए अधिनियम की धारा 6 (1) के अन्तर्गत सम्पूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है। (4) सागर जिले के सीमा क्षेत्र की सीमा में नलकूप/बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना (सार्वजनिक सडकों से गुजरने वाली मशीनों को छोडकर) न तो प्रवेश करेगी और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी।
कलेक्टर दीपक आर्य आदेशानुसार मध्यप्रदेश पेयजल परीक्षण अधिनियम के अन्तर्गत सागर जिले के बाहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को 15 अप्रैल से 30 जून तक जल अभावग्रस्त घोषित किया है।
जिले में निरंतर भू जल स्तर की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए अधिनियम की धारा 6 (1) के अन्तर्गत सम्पूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है। (4) सागर जिले के सीमा क्षेत्र की सीमा में नलकूप/बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना (सार्वजनिक सडकों से गुजरने वाली मशीनों को छोडकर) न तो प्रवेश करेगी और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी।
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नलकूप खनन पर होगी एफआईआर
प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों को जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन / बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जप्त कर पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा। समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच (संबंधित सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की जांच) के पश्चात अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया जाता है। इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा 9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है।
उपरोक्त आदेश शासकीय योजनाओं के अन्तर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा, इस हेतु उपरोक्त अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा। नवीन खनित निजी नलकूप एवं विद्यमान निजी स्त्रोतों का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा 4 क (1) के अन्तर्गत अधिगृहण किया जा सकेगा।
कोई भी व्यक्ति व्यक्ति जो पेयजल परिरक्षण अधिनियम की धारा 4 के अधीन कलेक्टर द्वारा पारित इस आदेश से व्यथित हो, संभायुक्त को आदेश तारीख से 30 दिवस के भीतर अपील कर सकेगा
जिले में पशुओं के भूसा एवं चारा आदि की कमी होने की आशंका है। जिले में पशुपालकों के पास लगभग 11.55 लाख गौवंशीय, भैंसवंशीय एंव अन्य पशु है। जिले में भूसा की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति एवं संग्रहण को दृष्टिगत रखते हुए भूसा, चारा, ज्वार एवं धान के डंठल को जिले से बाहर निर्यात करने हेतु प्रतिबंधित किये जाने की आवश्यकता है।
कलेक्टर श्री दीपक आर्य के आदेशानुसार एवं म.प्र. पशु चारा निर्यात नियंत्रण आदेश नियम में निहित प्रावधानों के अधीन प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पशुओं के आहार में आने वाले केवल गेहूं- भूसा को प्रदेश की सीमा से बाहर निर्यात करने एवं गेहूं भूसा का ॅभ्प्ज्म् ब्व्।स् के रूप में उद्द्योग एवं ईंट भट्टों में जलाने के लिए उपयोग को एतद् द्वारा तत्काल प्रभाव से दिनांक 30 जून 2024 तक के लिए प्रतिबंधित किया है।
उपरोक्तानुसार गेहूं भूसा को कोई भी कृषक, व्यापारी या व्यक्ति या निर्यातक संस्था किसी भी प्रकार के वाहन नाव, मोटर, ट्रक, बैलगाडी एवं रेल्वे अथवा अन्य साधन द्वारा जिले के बाहर बिना कार्यकारी मजिस्ट्रेट की लिखित अनुमति के निर्यात नहीं करेगें। यह आदेश केवल गेहूं भूसा निर्यात करने पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा। चना, मसूर, तेवडा आदि का भूसा तथा ज्वार एवं धान के डंठल के निर्यात पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं रहेगा।
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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885
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