डा गौर विवि: विभागीय संग्रहालयों की होगी अंतर्राष्ट्रीय पहचान: संग्रहालय विज्ञान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला तथा नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम के साथ समझौता
सागर : डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में कुलपति सम्मेलन कक्ष में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में विभागाध्यक्ष एवं समन्वयक, संग्रहालय - जिसमें विश्वविद्यालय की प्रो. श्वेता यादव, विभागाध्यक्ष, प्राणीविज्ञान विभाग, प्रो. एच. थामस, विभागाध्यक्ष, भूगर्भशास्त्र विभाग, प्रो. अजीतकुमार जैसवाल, विभागाध्यक्ष, मानव विज्ञान विभाग, प्रो. ममता पटेल, प्रभारी विभागाध्यक्ष, अपराधशास्त्र एवं न्यायिक विज्ञान विभाग तथा प्रो. नागेश दुबे, विभागाध्यक्ष, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के साथ संबंधित विभागों के समन्वयक बैठक में सम्मिलित हुये। कुलपति ने बैठक में सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के पांच शैक्षणिक विभागों में संचालित संग्रहालय अपनी अंतर्राष्ट्रीय पहचान रखते हैं तथा इन संग्रहालयों का आधुनिकीकरण कर इन्हें पूरे देश का आकर्षण बनाया जायेगा। इन विभागों के ये संग्रहालय विषय विशेषज्ञों के साथ-साथ शोधार्थियों एवं नव अध्ययन के लिए आने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा का एक जीवंत स्रोत है। इसके लिए विश्वविद्यालय संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली एवं अन्य अनुषांगिक मंत्रालयों के सहयोग से संग्रहालयों का आधुनिकीकरण करने के लिए कटिबद्ध है। तकनीकी के दौर में हमारे विश्वविद्यालय के इन संग्रहालयों के अभिलेखों का डिजीटाईजेशन किया जायेगा, जिससे कि संग्रहालयों से संबंधित सभी जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन में विश्वविद्यालय अपने-अपने विभागों में कौशल विकास से संबद्ध पाठ्यक्रमों का समावेश कर रहे हैं। इस दिशा में विश्वविद्यालय अपने संग्रहालयों से संबंधित कौशल विकास के अंतर्गत 06 माह का प्रमाण पत्र के साथ-साथ एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम तैयार करेगा, जिससे इस प्रकार के डिप्लोमा को पूर्ण करने के उपरांत यहां के विद्यार्थियों के लिए देश के विभिन्न संग्रहालयों में निकलने वाली भर्तियों में रोजगार प्राप्त करने के अवसर प्राप्त हो सकें। इसके लिए उक्त विभागों के विभागाध्यक्ष संयुक्त रूप से एक कार्य योजना तैयार करेंगे तथा यह पाठ्यक्रम 2024-25 सत्र से प्रारंभ करने की योजना है। संग्रहालयों के बारे में पर्याप्त जानकारी एवं प्रचार-प्रसार के साथ-साथ विश्वविद्यालय के स्नातक, स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों, संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों तथा अन्य विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों हेतु दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 27 एवं 28 जून 2024 को विश्वविद्यालय में किया जायेगा। इस राष्ट्रीय कार्यशाला में देश के ख्यातनाम विषय विशेषज्ञों के साथ विश्वविद्यालय के रिसोर्स पर्सन प्रायोगात्मक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे कि सभी प्रतिभागी लाभान्वित होंगे। इसी कार्यशाला में नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम के साथ विश्वविद्यालय एक समझौता अनुबंध करेगा, जो कि विश्वविद्यालय में अकादमिक एवं शैक्षणिक प्रगति के लिए लाभकारी रहेगा।
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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885
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