SAGAR : हत्या के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास : डीजे तेज बजाने पर रोकने पर हुआ था विवाद
तीनबत्ती न्यूज : 15 मार्च ,2024
सागर । लात-घूसों एवं लाठी से मारपीट कर हत्या कारित करने वाले आरोपीगण राहुल, सूरज एवं छोटू उर्फ टीकाराम को द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश श्री षिवबालक साहू जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये प्रत्येक आरोपी को भा.द.वि. की धारा-302/34 के तहत आजीवन कारावास एवं दस-दस हजार रूपये तथा 307/34 के तहत 07-07 वर्ष का कारावास एवं पॉच-पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। षेष आरोपीगण को संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त किया गया ।मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री सौरभ डिम्हा ने की ।
डीजे बजाने पर रोका था
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी श्री सौरभ डिम्हा ने बताया कि नालसी सूचनाकर्ता विक्की उर्फ विकम ने इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि आज दिनांक 13 अगस्त 2021 को उसके पड़ौस में छोटू अहिरवार का जन्मदिन था तो बहुत तेज बाजे एवं डीण्जेण् बज रहा था तो उसके पापा बलराम ने बाजे एवं डीण्जेण् बंद कराने के लिए 100 नंबर लगाया और शिकायत की तो मौके पर 100 नंबर गाड़ी आई और उसने बाजे एवं डीण्जेण् बंद करवाया एवं समझाया तो वे लोग मान गए। 100 नंबर वाले वहां से चले गए तो इसी बुराई पर से छोटू अहिरवारए राहुल अहिरवार आकर गाली गुफ्तार करने लगे तो उसके चाचा बाबू अहिरवार ने उन्हें गालियां देने से मना किया तो उसके चाचा बाबूलाल को रमेश अहिरवार ने पकड लिया और लात घूसों से मारपीट करने लगे तो वह चाचा को बचाने गया तो उसे राहुल अहिरवार ने लाठी मारी जो सिर में माथे पर लगी तथा सूरज अहिरवार भी लाठी लेकर आया एवं उसे मारी जो बांये हाथ की मुजा में लगी तथा उसके पापा बलराम अहिरवार बीचबचाव करने आए तो उन्हें जान से मारने के उद्देश्य से राहुल अहिरवार ने उन्हें लाठी मारी जिससे सिर फट गया और वे वहीं पर गिर पड़े तथा सूरज अहिरवार एवं बाद में छोटू अहिरवार आकर उन्हें लाठियों से मारपीट करने लगे। उसके पापा बेहोश हो गए फिर उसके छोटे चाचा राजा अहिरवार उन लोगों को बचाने आए तो उन्हें राजकुमार ने आकर लाठी से मारपीट की तथा उसका छोटा भाई उमेश अहिरवार भी बीचबचाव करने आया तो राजकुमार एवं प्रहलाद अहिरवार ने आकर लाठियों से मारपीट की। फिर वे लोग अपने पापा बलराम अहिरवार को ऑटो में लेकर इलाज कराने आए तो तिली अस्पताल सागर में डॉक्टर ने उन्हें खत्म होना बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 307, 302, 34 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश , श्री षिवबालक साहू जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
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