डा गौर विवि के हिंदी विभाग के डॉ. आशुतोष को मिला राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान

डा गौर विवि  के हिंदी विभाग के डॉ. आशुतोष को मिला राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान

तीनबत्ती न्यूज : 27 फरवरी,2024
सागर. डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के डॉ. आशुतोष को ‘वनमाली सृजन पीठ’ द्वारा राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान-2024 के अंतर्गत ‘युवा कथा सम्मान’ दिया गया है। दिनांक 26 से 28 फरवरी तक भोपाल के रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी-समारोह में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया। हिंदी साहित्य में यह एक बहुचर्चित और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान है. सम्मानस्वरूप उन्हें प्रशस्ति-पत्र और इक्यावन हजार रुपये की राशि प्रदान की गई।


समारोह में भारतीय सांस्कृतिक चिंतन के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध जापानी चिंतक टोमियो मीजो कामी, रवींद्रनाथ टैगोर विवि के कुलाधिपति संतोष चौबे, कुलपति प्रो रजनीकांत, प्रख्यात लेखिका और साहित्यकार ममता कालिया, प्रसिद्ध लेखक मुकेश वर्मा, प्रख्यात हिंदी कथाकार शिवमूर्ति की गरिमामयी उपस्थिति में डॉ. आशुतोष को यह सम्मान प्रदान किया गया।


वर्ष 2010 से हिन्दी विभाग में कार्यरत डॉ. आशुतोष देश के समकालीन कथा जगत के सुप्रसिद्ध हस्ताक्षर हैं. उनकी पहली कहानी ‘राम बहोरन की अनात्मकथा’ 2011 में तद्भव पत्रिका में प्रकाशित हुई थी. कहानियों की पहली पुस्तक ‘मरें तो उम्र भर के लिए’ भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली से और दूसरी पुस्तक ‘उम्र पैंतालीस बतलाई गयी थी’ आधार प्रकाशन, चण्डीगढ़ से प्रकाशित हुई है. इसी वर्ष राष्ट्रीय पुस्तक मेला दिल्ली में वाणी प्रकाशन से ‘मरें तो उम्र के लिए’ पुस्तक का चौथा संस्करण प्रकाशित कर जारी किया गया है।


 आशुतोष द्वारा लिखित, संपादित और सहलेखन में लगभग दस पुस्तकें प्रकाशित हैं. आशुतोष की लिखित पुस्तक ‘प्रेमचन्दोत्तर हिन्दी कहानी : मूल्य और मूल्यांकन’ को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पाठ्यचर्या के अंतर्गत यूजीसी द्वारा बारह भारतीय भाषाओं में प्रकाशित किया जा रहा है. अपने विशिष्ट कथा लेखन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन अनुशंसा पुरस्कार-2012, भारतीय भाषा परिषद कोलकाता का युवा पुरस्कार-2016 उन्हें प्राप्त हो चुके हैं. डॉ. आशुतोष को मिलने वाले इस राष्ट्रीय सम्मान से हिन्दी विभाग और विश्वविद्यालय का अखिल भारतीय स्तर पर अकादमिक एवं साहित्यिक गरिमा में अभूतपूर्व श्रीवृद्धि हुई है. कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं समस्त विश्वविद्यालय परिवार ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं.




एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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