▪️सागर में अभी तक मिले 6 बच्चे दिमागी बुखार के
▪️सागर,भोपाल,इंदौर और होशंगाबाद जे ई टीकाकरण के लिए चिन्हित
उल्लेखनीय है कि आगनंबाड़ी केन्द्रों में 1 से 6 साल के बच्चों का एवं शासकीय/प्राईवेट स्कूलों में 6 से 15 साल के बच्चों को जापानी इन्सेफलाइटिस का निःशुल्क टीका लगाया जायेगा।
इस अवसर पर डॉ.एम.एल.जैन ने खा कि पत्रकार बन्धुओं के सहयोग से आमजन तक जापानी इन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) होने के कारण, लक्षण, बचाव की जानकारी पहुंच सकेगी एवं जन-समुदाय तक टीकाकरण के प्रति सकारात्मक वातावरण निर्मित हो सकेगा।
तीनबत्ती न्यूज : 26 फरवरी 2024
सागर : जापानी इन्सेफलाइटिस (Japanese encephalitis ) (दिमागी बुखार) से बचाने बच्चो का टीकाकरण होगा। इसके आइए 27 फरवरी से अभियान शुरू होगा। एक साल से लेकर 15 साल के बच्चे का टीकाकरण होगा। मध्यप्रदेश के सागर,भोपाल,इंदौर और होशंगाबाद जे ई टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है।
सागर : जापानी इन्सेफलाइटिस (Japanese encephalitis ) (दिमागी बुखार) से बचाने बच्चो का टीकाकरण होगा। इसके आइए 27 फरवरी से अभियान शुरू होगा। एक साल से लेकर 15 साल के बच्चे का टीकाकरण होगा। मध्यप्रदेश के सागर,भोपाल,इंदौर और होशंगाबाद जे ई टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है।
सागर में दिमागी बुखार के अभी तक 6 बच्चे मिले
जिला टीकाकरण अधिकारी सागर डॉ.एम. एल.जैन ने जापानी इन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) के संबंध में मीडिया को बताया कि मध्य प्रदेश में 04 जिले इन्दौर, होशंगाबाद, भोपाल, सागर को जे.ई टीकाकरण हेतु चिन्हित किया है। विगत 6 वर्षो में सागर जिले में 06 बच्चे दिमागी बुखार से पीडित मिले थे। अधिकाशतः एक वर्ष से 15 वर्ष की आयुवर्ग के बच्चों में जापानी ईसेंफंलाइटिस की बीमारी होनी की संभावना सबसे अधिक होने कारण शासन के निर्देशानुसार सागर जिले में जापानी ईसेंफंलाइटिस टीकाकरण 27 फरवरी 2024 से प्रारंभ किया जा रहा है ।
मच्छर से होती है बीमारी
उन्होंने बताया कि जापानी इन्सेफलाइटिस मच्छर जनित वायरस के कारण होने वाली बीमारी है। यह मूख्यतः क्यूलेक्स मच्छर (Culex tritaeniorhynchus)
के काटने से फैलती है। संक्रमण से सिरदर्द या मेनिनजाइटिस (ब्रेन टिशू की सूजन) जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं । अन्य लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, गले में अकड़न, कपकपी, उल्टी और संक्रमण हैं । जे.ई पीड़ित व्यक्ति को झटके आते हैं बीमारी बढ़ने पर लकवे/कोमा में जाने की संभावना बढ़ जाती हे। पीड़ित बच्चों की दिमागी स्थिति असामान्य रहती हैं। गंभीर मामलों में या अनुपचारित छोड़ दिए जाने पर जापानी इन्सेफेलाइटिस नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाकर मृत्यु का कारण बन सकता है।
आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में लगेंगे टीके
उल्लेखनीय है कि आगनंबाड़ी केन्द्रों में 1 से 6 साल के बच्चों का एवं शासकीय/प्राईवेट स्कूलों में 6 से 15 साल के बच्चों को जापानी इन्सेफलाइटिस का निःशुल्क टीका लगाया जायेगा।
इस अवसर पर डॉ.एम.एल.जैन ने खा कि पत्रकार बन्धुओं के सहयोग से आमजन तक जापानी इन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) होने के कारण, लक्षण, बचाव की जानकारी पहुंच सकेगी एवं जन-समुदाय तक टीकाकरण के प्रति सकारात्मक वातावरण निर्मित हो सकेगा।
एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885
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