तीनबत्ती न्यूज : 12 दिसंबर,2023
सागर : 11 वहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल वाराणसी से सागर जिले में स्थित विभिन्न इकाइयों का आपदा निरीक्षण करने के लिए सात दिवसीय कार्यक्रम के तहत तहत टीम सागर जिले के विभिन्न तहसीलों में जाकर , तहसीलों में स्थित इकाइयों का निरीक्षण कर आपदा संबंधित उनकी तैयारी का निरीक्षण करना एवं उनके साथ मीटिंग करना ताकि भविष्य में होने वाले किसी प्रकार के आपदा से मिलजुल कर निपटा जा सके इसके साथ ही सभी तहसीलों में स्थित स्कूल कॉलेजों के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय आपदा मोचन के संबंध में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
आपदा जोखि़म नियुनिकरण मुहीम के अंतर्गत आपदाओं से बचाव एवं प्रबंधन हेतु विभिन्न संस्थानों और हितधारकों को सशक्त बनाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें लगातार प्रशिक्षण प्रदान कर रही है साथ ही शिक्षण संस्थानों में आपदा से बचाव हेतु स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम का भी आयोजन कर रही है।
उसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री श्री केंद्रीय विद्यालय क्रम संख्या 3 जिला सागर (मध्य प्रदेश) में 11 बटालियन एनडीआरफ वाराणसी के उप महानिरीक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में एवं इंस्पेक्टर जीडी बृजेश कुमार तिवारी के नेतृत्व में एनडीआरएफ टीम द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिसमें एनडीआरएफ की प्रशिक्षित एवं अनुभवी टीम द्वारा भूकंप में बचाव के तरीके, सीपीआर, गले में फंसी बाहरी वस्तु के निकालने के तरीके, शारीरिक चोटों का अस्पताल पूर्व उपचार, तात्कालिक स्ट्रेचर बनाना, लिफ्टिंग और मूविंग के तरीके, अग्निशमन और आग से बचाव की तकनीक, रस्सी बचाव तकनीक, अग्निशामक यंत्र का उपयोग, इम्प्रोवाइज्ड फ्लोटिंग डिवाइस (राफ्ट) बनाना, सड़क सुरक्षा आदि विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त कोरोना के नए वेरिएंट से बचने के लिए कोविड प्रोटोकोल का पालन करने सम्बन्धित तरीकों की जानकारी भी दी।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्कूल के अन्य कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और इससे लाभान्वित हुए
इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री केंद्रीय विद्यालय जिला सागर के प्रधानाचार्य श्री धर्मेंद्र भारद्वाज ने एनडीआरएफ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एनडीआरएफ द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम बहुत प्रशंसनीय और शिक्षाप्रद है और आपदा प्रबन्धन में सक्षम बनाने का सफल प्रयास है।
इस कार्यक्रम से शिक्षण संस्थान के सभी छात्र-छात्राएं, अध्यापक व स्कूल के अन्य कर्मचारी भी लाभान्वित होंगे और आपदा के समय अपने और अन्य लोगों के जीवन को बचाने में अपना सहयोग प्रदान कर पायेंगे।
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