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‘भारतीय भाषा प्रकोष्‍ठ’ का गठन : विश्‍वविद्यालय की बहुभाषिक संस्‍कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा - प्रो. नीलिमा गुप्‍ता

भारतीय भाषा प्रकोष्‍ठ’ का गठन :  विश्‍वविद्यालय की बहुभाषिक संस्‍कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा - प्रो. नीलिमा गुप्‍ता


तीनबत्ती न्यूज : 13 दिसम्‍बर, 2023
सागर :   ‘भारत देश की बहुभाषी संस्‍कृति के संरक्षण एवं इसको सतत समृद्ध करने में उच्‍चतर शिक्षा संस्‍थानों की भूमिका अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है। डॉ. सर हरीसिंह गौर के सपनों का यह विश्‍वविद्यालय केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय होने के नाते विभिन्‍न राज्‍यों के भिन्‍न भाषा-भाषी विद्यार्थियों की आंकांक्षाओं की पूर्ति की दिशा में निरंतर कार्यरत है। इसी क्रम में विश्‍वविद्यालय में ‘भारतीय भाषा प्रकोष्‍ठ' (Bhartiya Bhasha Cell - BBC) स्‍थापित किया जा रहा है। यह प्रकोष्‍ठ न केवल विभिन्‍न भाषा-भाषी विद्यार्थियों के लिए संबंधित ‘भाषा अभिभावक’ की उपलब्‍धता सुनिश्चित करेगा बल्कि उनकी भाषा में पाठ्यसामग्री निर्माण, भाषा प्रशिक्षण एवं भाषा-संस्‍कृति संरक्षण में महती भूमिका का निर्वहन करेगा।‘ यह बात राजभाषा प्रकोष्‍ठ द्वारा आयोजित विश्‍वविद्यालयीन भारतीय भाषा समिति की बैठक की अध्‍यक्षता कर रही  कुलपति  प्रो. नीलिमा गुप्‍ता ने कही। उन्‍होंने बताया कि भारतीय भाषा समिति में भारतीय भाषा का प्रतिनिधित्‍व कर रहे नोडल अधिकारी ही संबंधित भाषा के ‘भाषा अभिभावक’ होंगे। वे विश्‍वविद्यालय में अध्‍ययनरत अपनी भाषा के विद्यार्थियों के स्‍थानीय अभिभावक की भूमिका का भी निर्वहन करेंगे।

 इस अवसर पर समिति के समन्‍वयक एवं प्रभारी हिन्‍दी अधिकारी संतोष सोहगौरा ने समिति के उद्देश्‍य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय भाषाओं का समुचित उन्‍नयन राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण पहलू है। भारत की प्रत्‍येक बोली और भाषा के साहित्‍य–संस्‍कृति को संजोकर रखना, उसमें पठन-पाठन की व्‍यवस्‍था करना हमारा कर्तव्‍य है। उन्‍होंने बताया कि माननीया कुलपति महोदया के निर्देशन में विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा 12 भारतीय भाषाओं में 25 पाठ्य-पुस्‍तकों के लेखन का कार्य जनवरी के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। साथ ही इन पुस्‍तकों का 12-12 भाषाओं में अनुवाद कर लगभग 300 पुस्‍तकें तैयार करने का कार्य भी प्रगति पर है। उन्‍होंने समिति को आश्‍वस्‍त किया कि कुलपति  के निर्देशानुसार   शीघ्र ही भाषा अभिभावकों एवं 'भारतीय भाषा प्रकोष्‍ठ' के गठन की अधिसूचना जारी की जायेगी। विश्‍वविद्यालय में अध्‍ययनरत विभिन्‍न भाषा-भाषी विद्यार्थीगण अपने ‘भाषा अभिभावक’ से संपर्क कर सकते हैं।  
ध्‍यातव्‍य है कि राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 की भावना के अनुरूप विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा मातृभाषा में लिखित 12 पुस्‍तकों का विमोचन इसी वर्ष  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा किया गया था। 
बैठक में प्रो. वर्षा शर्मा, प्रो. नवीन कानगो, प्रो. देवाशीष बोस, डॉ. किरण आर्या, डॉ. वसीम अनवर, डॉ. अनुपमा चंदा, डॉ. चिट्टी बाबू, डॉ. नवजोत कंवल, डॉ. हेमंत पाटीदार, डॉ. शालिनी चोइथरानी, डॉ.संजय कुमार, डॉ. रामहेत गौतम, डॉ. नौनिहाल गौतम, डॉ. सतीश सी., डॉ. पुष्‍पल घोष, डॉ. के.के. डे, डॉ. कल्‍पतरू दास, डॉ. आफरीन,       डॉ. अफरोज, विश्‍वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ. सत्‍यप्रकाश उपाध्‍याय, राजभाषा प्रकोष्‍ठ के अभिषेक सक्‍सेना एवं विनोद रजक सहित विभिन्‍न भाषाओं के प्रतिनिधि नोडल अधिकारी एवं सदस्‍यगण उपस्थित रहे। आभार प्रदर्शन उप-पुस्‍तकालयाध्‍यक्ष डॉ. संजीव सर्राफ ने किया। 

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