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समिति प्रबंधक की पद पर बहाली के एवज में रिश्वत लेने वाले स्टेनोग्राफर को सजा : 50 हजार की रिश्वत का मामला

समिति प्रबंधक की पद पर बहाली के एवज में रिश्वत लेने वाले स्टेनोग्राफर को सजा : 50 हजार की रिश्वत का मामला

 

तीनबत्ती न्यूज : 18 दिसंबर ,2023
सागर :  प्रभारी समिति प्रबंधक के पद पर बहाली का आदेश पक्ष में कराने की ऐवज में रिष्वत लेने वाले आरोपी  शीघ्रलेखक ग्रेड 3 प्रकाश कोरी को विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, सागर म.प्र श्री आलोक मिश्रा की अदालत ने दोषी करार देते हुये भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की घारा-7 के अंतर्गत 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्षन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने की। 
घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 05.11.19 को आवेदक रामअवतार पटना ने पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त कार्यालय सागर को सम्बोधित करते हुये एक लिखित शिकायत/आवेदन इस आशय का दिया कि सेवा सहकारी समिति लखेरी जिला छतरपुर में पदस्थ विक्रेता/वर्तमान प्रभारी समिति प्रबंधक रामदयाल पटेल ने दिनांक 21.12.16 को संयुक्त पंजीयक सहकारिता,सागर संभाग, सागर के न्यायालय में उसके प्रभारी समिति प्रबंधक के पद पर बहाली के आदेश के विरूद्ध अपील की थी। संयुक्त पंजीयक सहकारिता कार्यालय सागर में शीघ्रलेखक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ अभियुक्त प्रकाश कोरी ने उक्त अपील में उसके पक्ष में आदेश पारित कराने हेतु 50,000/-रू.. रिश्वत की मांग की है,, वह अभियुक्त को रिश्वत नहीं देना चाहता, बल्कि रंगे हाथो पकड़वाना चाहता है, अतः कार्यवाही की जाए। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, वि.पु.स्था. लोकायुक्त कार्यालय, सागर ने उक्त आवेदन पर अग्रिम कार्यवाही हेतु उप-पुलिस अधीक्षक राजेश खेड़े को अधिकृत किया।

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 आवेदन में वर्णित तथ्यों के सत्यापन हेतु एक डिजीटल वॉयस रिकॉर्डर दिया गया इसके संचालन का तरीका बताया गया, अभियुक्त से रिश्वत मांग वार्ता रिकॉर्ड करने हेतु निर्देशित किया तत्पश्चात् आवेदक द्वारा मॉग वार्ता रिकार्ड की गई एवं अन्य तकनीकि कार्यवाहियॉ की गई एवं टेªप कार्यवाही आयोजित की गई । नियत दिनॉक को आवेदक द्वारा अभियुक्त को राषि दी गई व आवेदक का इषारा मिलने पर टेªपदल ने मौके पर पहुंचकर अभियुक्त प्रकाष कोरी को घेरे में लिया, परिचय आदान-प्रदान के बाद अभियुक्त से रिष्वत राषि के सबंध में पूछा तो अभियुक्त ने 50,000/-रू रिष्वत राषि आवेदक से अपने हाथ में लेकर पहनी हुई जींस पेंट की दाहिनी जेब में  रख लेना बताया, मौके पर लिखी-पढ़ी की व्यवस्था न होने मौके पर अभियुक्त को शासकीय वाहन से पुलिस थाना ले जाकर अग्रिम कार्यवाही की गई। उक्त आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया।विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की घारा- 7, 13(1)(बी) सहपठित धारा 13(2) का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेष किया।विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय-विषेष न्यायाधीष भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, सागर श्री आलोक मिश्रा की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।


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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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