सागर, 02 नवबंर 2023: विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान अभ्यर्थियों पर चुनावी समय में सोशल मीडिया पर भी आचार संहिता लागू होगी। ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब, विकिपीडिया जैसे सोशल मीडिया पर प्रचार सामग्री पोस्ट करने पर अभ्यर्थियों को इसका खर्च भी व्यय लेखा में जुड़वाना पड़ेगा। इस संबंध में चुनाव आयोग ने भी कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने माना है कि सोशल मीडिया और वेबसाइट भी रेडियो-केबल टीवी की तरह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया है। जिस पर किए जाने वाले चुनाव प्रचार को कानूनी रूप दिया जाना चाहिए। इसके अलावा राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों से भी कहा गया है कि बगैर अनुमति के सोशल मीडिया का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न करें। दरअसल निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में जारी दिशा निर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि सोशल मीडिया मसलन ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब विकिपीडिया और एप्स पर कोई भी विज्ञापन या एप्लीकेशन देने से पहले इसका प्रमाणीकरण कराकर अनुमति ली जाए। यह अनुमति मीडिया सर्टिफिकेशन ऑफ मॉनिटरिंग कमेटी देगी। वहीं सोशल मीडिया अकाउंट के संचालन पर इंटरनेट कंपनी को किया गया भुगतान, प्रचार कार्य संचालन के लिए ऑपरेशन व्यय, कंटेंट के क्रिएटिव डेवलपमेंट के लिए किया गया व्यय। इस कार्य में लगे वर्कर और कार्यकर्ताओं की मजदूरी एवं वेतन पर होने वाले व्यय भी कमेटी में जाकर जुड़वाना होंगे।
सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार की पोस्ट डालने पर प्रत्याशियों को जुड़वाना होगा खर्च
सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार की पोस्ट डालने पर प्रत्याशियों को जुड़वाना होगा खर्च
सागर, 02 नवबंर 2023: विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान अभ्यर्थियों पर चुनावी समय में सोशल मीडिया पर भी आचार संहिता लागू होगी। ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब, विकिपीडिया जैसे सोशल मीडिया पर प्रचार सामग्री पोस्ट करने पर अभ्यर्थियों को इसका खर्च भी व्यय लेखा में जुड़वाना पड़ेगा। इस संबंध में चुनाव आयोग ने भी कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने माना है कि सोशल मीडिया और वेबसाइट भी रेडियो-केबल टीवी की तरह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया है। जिस पर किए जाने वाले चुनाव प्रचार को कानूनी रूप दिया जाना चाहिए। इसके अलावा राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों से भी कहा गया है कि बगैर अनुमति के सोशल मीडिया का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न करें। दरअसल निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में जारी दिशा निर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि सोशल मीडिया मसलन ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब विकिपीडिया और एप्स पर कोई भी विज्ञापन या एप्लीकेशन देने से पहले इसका प्रमाणीकरण कराकर अनुमति ली जाए। यह अनुमति मीडिया सर्टिफिकेशन ऑफ मॉनिटरिंग कमेटी देगी। वहीं सोशल मीडिया अकाउंट के संचालन पर इंटरनेट कंपनी को किया गया भुगतान, प्रचार कार्य संचालन के लिए ऑपरेशन व्यय, कंटेंट के क्रिएटिव डेवलपमेंट के लिए किया गया व्यय। इस कार्य में लगे वर्कर और कार्यकर्ताओं की मजदूरी एवं वेतन पर होने वाले व्यय भी कमेटी में जाकर जुड़वाना होंगे।
सागर, 02 नवबंर 2023: विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान अभ्यर्थियों पर चुनावी समय में सोशल मीडिया पर भी आचार संहिता लागू होगी। ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब, विकिपीडिया जैसे सोशल मीडिया पर प्रचार सामग्री पोस्ट करने पर अभ्यर्थियों को इसका खर्च भी व्यय लेखा में जुड़वाना पड़ेगा। इस संबंध में चुनाव आयोग ने भी कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने माना है कि सोशल मीडिया और वेबसाइट भी रेडियो-केबल टीवी की तरह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया है। जिस पर किए जाने वाले चुनाव प्रचार को कानूनी रूप दिया जाना चाहिए। इसके अलावा राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों से भी कहा गया है कि बगैर अनुमति के सोशल मीडिया का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न करें। दरअसल निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में जारी दिशा निर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि सोशल मीडिया मसलन ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब विकिपीडिया और एप्स पर कोई भी विज्ञापन या एप्लीकेशन देने से पहले इसका प्रमाणीकरण कराकर अनुमति ली जाए। यह अनुमति मीडिया सर्टिफिकेशन ऑफ मॉनिटरिंग कमेटी देगी। वहीं सोशल मीडिया अकाउंट के संचालन पर इंटरनेट कंपनी को किया गया भुगतान, प्रचार कार्य संचालन के लिए ऑपरेशन व्यय, कंटेंट के क्रिएटिव डेवलपमेंट के लिए किया गया व्यय। इस कार्य में लगे वर्कर और कार्यकर्ताओं की मजदूरी एवं वेतन पर होने वाले व्यय भी कमेटी में जाकर जुड़वाना होंगे।
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