SAGAR : पत्थर पटक-पटक कर हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास

SAGAR : पत्थर पटक-पटक कर  हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को आजीवन  कारावास 


तीनबत्ती न्यूज : 13 अक्टूबर ,2023
सागर । नवयुवक की पत्थर पटक-पटक कर नृशंस हत्या  करने वाले तीनों आरोपीगण मुन्ना पटैल, संजेष पटैल एवं पप्पू लपरा उर्फ रामप्रसाद पटैल को द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश श्री षिवबालक साहू जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.स. की धारा- 302/34 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं पॉच-पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री सौरभ डिम्हा ने की ।
ये था मामला
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि फरियादी लकी उर्फ संजय पिता हरप्रसाद रैकवार  ने दिनॉक- 26.04.2022 को थाना गोपालगंज में इस आषय की देहाती नालसी लेख कराई कि मै लकी उर्फ संजय रैकवार जिला न्यायालय सागर के पास  चाय की दुकान चलाता हॅू दिनॉक 25.04.2022 को मेरा छोटा भाई शनि उर्फ हर्षल रैकवार अपने दोस्त ओमू चौरसिया और शुभम जैन के साथ अपनी मोटरसाइकिल से सोनू चौरिसया की शादी में गये थे, मै और दूसरा छोटा भाई शुभम रैकवार खाना खाकर पठवा मंदिर के पास घूम रहे थे, रात्रि करीब 12 बजे हमें दीपक चौरसिया के घर के सामने मारपीट एवं चिल्लाने की आवाज सुनाई दी तो मै और भाई शुभम रैकवार दौड़कर मौके पर पहुॅचे तो देखा कि रोड पर मेरे भाई शनि रैकवार की मोटरसाइकिल पड़ी थी और भाई जमीन पर पड़ा हुआ था और मौके पर अभियुक्त मुन्ना पटैल, संजेष पटैल व पप्पू पटैल बड़े दो पत्थर और पटिया का टुकड़ा मेरे भाई के सिर पर पटक रहे थे  तीनो ने दो-तीन बार पत्थर पटक कर चोट पहुॅचायी  तब मौके पर ओमू चौरसिया और शुभम जैन आ गये फिर हम सभी लोग शनि को बचाने दौडे़ तो तीनों लोग मेरे भाई को लात मारते हुये व गालाी देते हुये बोले मर गया अब चलो तो तीनों सामने गली से भाग गये, हम चारों ने उनका पीछा किया लेकिन वे भाग गये थे वापस आने पर देखा तो मेरा भाई सिर पर चोट लगने के कारण मर गया था। उक्त देहाती नालषी के आधार पर  थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-गोपालगंज द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा- 302, 34  का अपराध आरोपी के विरूद्ध अपराध का दोषी पाये जाने पर  विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश श्री षिवबालक साहू  जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।
                                               
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