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BJP: पूर्व सांसद के बेटे और सुरखी विधानसभा के पूर्व बीजेपी प्रत्याशी सुधीर यादव ने छोड़ी बीजेपी▪️बंडा विधानसभा से नही मिला टिकिट

BJP: पूर्व सांसद के बेटे और सुरखी विधानसभा के पूर्व बीजेपी प्रत्याशी सुधीर यादव ने छोड़ी बीजेपी

▪️बंडा विधानसभा से नही मिला टिकिट

▪️विनोद आर्य
तीनबत्ती न्यूज : 12 अक्टूबर ,2023
सागर। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लिस्ट जारी होने के बाद बगावत होती जा रही है। बुंदेलखंड अंचलके यादव समाज के प्रभावशाली नेता और  सागर लोकसभा के पूर्व बीजेपी सांसद लक्ष्मी नारायण यादव
और उनके बेटे सुधीर यादव ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज सुधीर यादव ने सोशल मिडिया के जरिए भाजपा छोड़ने का एलान किया है। इससे बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है। 


सिंधिया समर्थक गोविंद राजपूत के कारण बदली थी सीट 

     पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव

वरिष्ठ नेता लक्ष्मीनारायण यादव की राजनेतिक शुरुआत सुरखी विधानसभा से रही।  वे 1977 में चुनाव लडे और सरकार में शिक्षा मंत्री बने। दो दफा सुरखी से चुनाव जीते। जनता पार्टी, जनता दल, कांग्रेस से सफर तय करते हुए बीजेपी में आए और 2014  में सागर लोकसभा से चुनाव जीते। 


सन 2018 में सुरखी सीट से बीजेपी के टिकिट पर उनके बेटे सुधीर यादव चुनाव  लडे लेकिन वे कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद राजपूत से हार गए। सिंधिया समर्थक गोविंद राजपूत के दल बदलने और उपचुनाव जीतने के बाद  यादव परिवार की राजनीति संकट में फंस गई। सुधीर यादव ने सागर जिले की बंडा सीट  को कार्यक्षेत्र बना लिया । सुधीर 2008 में बंडा सीट से चुनाव लड़ चुके थे। इस कारण उनको बीजेपी से उम्मीद थी। लेकिन पार्टी ने टिकिट नही दिया। 

सोशल मीडिया पर की घोषणा

सुधीर यादव ने आज अपने आफिशियल फेसबुक एकाऊंट से बीजेपी छोड़ने का एलान किया। उन्होंने लिखा कि  भारतीय जनता पार्टी सेआज अपना इस्तीफा देता हू . उन्होंने  बताया कि ईमेल के जरिए बीजेपी को इस्तीफा  भेज दिया है। 

यादव ने अपने समर्थको के साथ की थी बैठक 

नाराज पिता पुत्र ने  दो दिन पहले अपने समर्थको के साथ एक बैठक  भी की थी  ।जिसमे मंथन किया गया। बहुत जल्दी ही चुनाव लडने का फैसला होगा। दोनो पिता पुत्र कांग्रेस और आप पार्टी के संपर्क में है। 


हाईकमान अंधा बहरा और तानाशाह

इस मामले में पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव का कहना है कि बीजेपी का हाईकमान इस समय विचित्र स्थिति में है। वह अंधा, बहरा और पूरा तानाशाह है।  मैं, भले ही क्षेत्र में नहीं जाऊं लेकिन वोटर्स को भाजपा के खिलाफ चिट्ठियां भी लिखूंगा। फिर भले ही इससे कांग्रेस को फायदा हो जाए। इससे पहले पूर्व सांसद यादव ने कहा कि सुधीर को चुनाव लड़ना है या नहीं। यह फैसला उन्हें करना है। अगर मैं इस स्थिति में होता तो मैं जरूर चुनाव लड़ता। मैं ऐसे पहले करता भी रहा हूं। वर्ष 2008 में जब कांग्रेस ने मुझे टिकट नहीं दिया था। तब मैंने बगावत की थी। सुधीर ने इच्छा जताई थी सो उन्होंने बंडा से चुनाव लड़ लिया था। सांसद बोले कि मैं सुधीर के पक्ष में प्रचार करने जाऊंगा। फिर चाहे पार्टी कोई भी हो। 

यादव वोट  प्रभावी है बुंदेलखंड में
बुंदेलखंड अंचल में यादव वोट प्रभाई है। सागर जिले में करीब 2 लाख से ज्यादा यादव वोटर है जो विधानसभा चुनाव में अपनी खास भूमिका में रहते है। बीजेपी ने सागर जिले की किसी भी विधानसभा से यादव समाज को टिकट नहीं दिया है। जिले की आठ सीटो में से 2 आरक्षित है। बीजेपी ने सभी सामान्य छह सीटो पर प्रत्याशी घोषित कर दिए है। यादव समाज को टिकिट नही मिलने से यह वर्ग अब नाराज है।  लक्ष्मी नारायण यादव के बेटे सुधीर यादव को टिकट नहीं मिलने से यादव समाज बंडा, खुरई, सुरखी, सागर और नरयावली विधानसभा सीटो पर भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है ।
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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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