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विश्व के सर्वश्रेष्ठ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के 4 शिक्षक शामिल

विश्व के सर्वश्रेष्ठ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के 4 शिक्षक शामिल

तीनबत्ती न्यूज : 07 अक्टूबर ,2023
सागर- डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के 4  शिक्षकों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ 02 प्रतिशत वैज्ञानिकों की 2023 की सूची में स्थान मिला है.  स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका और एल्सिवियर पब्लिशर्स द्वारा हाल ही में दुनियाभर के  02 प्रतिशत सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची जारी की गई है जिसमें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के चार शिक्षक शामिल हैं. इस सूची में फार्मेसी विभाग के प्रो. एस. पी. व्यास,  प्रो संजय कुमार जैन,  माइक्रोबायोलोजी विभाग के प्रो. नवीन कानगो और क्रिमिनोलॉजी एवं फोरेंसिंक साइंस विभाग की डॉ. वंदना विनायक शामिल हैं.

इस सूची के अनुसार विज्ञान के 22 क्षेत्रों और 174 उपक्षेत्रों से संबंधित वैज्ञानिकों का डाटाबेस तैयार किया जाता है जिसमें उन वैज्ञानिकों को शामिल किया गया जिनके साल भार में कम से कम पांच शोध पत्र प्रकाशित हैं. इस रिसर्च में साइटेशन की स्टैण्डर्ड डाईज्ड इन्फोर्मेशन एवं इंडेक्स को ऑथरशिप को आदि को ध्यान में रखते हुए सूची को तैयार किया जाता है. एल्सिवियर प्रकाशन एवं स्कोपस विश्व स्तर के साईंटेशन डेटाबेस का रख रखाव करते हैं और यह शोध की गुणवत्ता को प्रमाणित करने वाली विश्व स्तर की मानक  संस्था है. इस सूची में विश्वविद्यालय के कई पूर्व शिक्षक एवं पुरा छात्र, जो देश-विदेश विभिन्न संस्थाओ में कार्यरत हैं, भी शामिल हैं.
विश्वविद्यालय के शिक्षकों की इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बधाई दी है और हर्ष व्यक्त किया है. 
फार्मेसी विभाग के पूर्व आचार्य, प्रो सुरेशप्रसाद व्यास को निरंतर चौथे साल  उच्चस्तरीय शोध के लिए इस सूची में स्थान मिला है. उन्होंने लाइपोसोम बायोटेक्नोलॉजी, ओरल वक्सीनशन, लक्ष्यभेदी टीबी उपचार,  नावेल ड्रग डिलीवरी पर उत्कृष्ट शोध किया है जो  ४०० शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित है और 20000 से अधिक बार उल्लेखित है. 

प्रो. संजय के जैन, फार्मेसी विभाग में वरिष्ठ आचार्य एवं निदेशक, प्लानिंग व रिसोर्स जनरेशन हैं और उन्हें  तीसरी बार  उच्चस्तरीय शोध के लिए इस सूची में स्थान मिला है. उन्होंने बड़ी आंत और मस्तिष्क की बीमारियों के लिए लक्ष्यभेदी दवाओं का विकास किया है जिसके लिए उन्हें 2018 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा विजिटर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. इनके 200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हैं जिनका 15000 बार उल्लेख हुआ है  व इन्हे 03 अंतराष्ट्रीय व 01 राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हैं.   

प्रो. नवीन कानगो लगातार दूसरी बार इस सूची में शामिल किये गए हैं. वे माइक्रोबायोलोजी के विभागाध्यक्ष एवं अकादमिक अफेयर्स के निदेशक हैं और इनका शोध कार्य सूक्ष्मजैवीय एन्जाइम्स का स्वास्थ्यवर्धक प्री-बायोटिक, बायो-एथेनोल, मुर्गी के पंखों के अपघटन एवं बहुउपयोगी नैनोपार्टिकल्स बनाने पर आधारित है. इनका शोध कार्य 80 शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित है  जिनका 1900 से अधिक  बार उल्लेख हुआ है. 

डॉ. वंदना विनायक क्रिमिनोलॉजी एवं फोरेंसिंक साइंस विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं एवं उनका शोधकार्य डायटम्स और माइक्रोअलगी से जैव ईधन एवं पिगमेंट्स उत्पादन की नैनोटेक्नोलाजी पर केंद्रित हैं. उन्होंने डीएसटी की ननोमिशन एवं सेपिफेरा परियोजना का संचालन किया हैं.  इनका शोध कार्य 60  शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित है  जिनका 1300 से अधिक  बार उल्लेख हुआ है.

प्रोफेसर एन.के. जैन की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि

विश्व प्रसिद्ध स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा हाल ही में प्रकाशित विश्व के सर्वश्रेष्ठ दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में प्रोफेसर एन .के . जैन  को भारत में छठवा स्थान दिया गया है जो कि  डॉक्टर हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के वैज्ञानिकों में शीर्ष स्थान है. उनको यह सम्मान लगातार 4 वर्षों  से मिल रहा है . प्रोफेसर एन. के.जैन सागर विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के पूर्व प्राध्यापक एवं राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व एमिरेट्स फेलो रहे हैं ।वे एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं फार्मेसी विभाग के शिक्षक रहे हैं जिनकी  दो दर्जन से अधिक फार्मेसी विषय की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.


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एडिटर: विनोद आर्य
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