MP: नगर परिषद का CMO सहित दो क्लर्क रिश्वत लेते गिरफ्तार : लोकायुक्त पुलिसकी कार्यवाई
तीनबत्ती न्यूज : 10 सितम्बर,2023
खंडवा । मध्य प्रदेश के खंडवा जिले का है, जहां की नगर परिषद नया हरसूद के सीएमओ सहित दो बाबूओं पर लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप की कार्रवाई की है। यहां के एक ठेकेदार से सीएमओ ने चार लाख के बिल पास करने के एवज में ढाई परसेंट के मान से दस हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इसके बाद पांच हजार रुपये की राशि कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों धर दबोचा। फिलहाल तीनों पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है
खंडवा जिले की नया हरसूद छनेरा नगर परिषद के कार्यालय में शनिवार को लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप की कार्रवाई की। दरअसल हरसूद के रहने वाले बोरासी कंस्ट्रक्शन के मालिक राहुल बोरासी ने यहां के वार्ड क्रमांक छह और सात में करीब चार लाख रुपये के शासकीय काम किए थे। जिनके बिल पास करने की एवज में परिषद के सीएमओ मिलन पटेल और बाबू अमित नामदेव ने ढाई परसेंट के हिसाब से दस हजार रुपये की रिश्वत की मांग राहुल बोसी से की थी।
जिसकी शिकायत उन्होंने इंदौर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को की। इसके बाद फरियादी राहुल से बिल पास होने के पहले पांच हजार रुपये और बिल पास होने के पर बाकी के पांच हजार रुपये आरोपियों को देना तय हुआ। जिस पर कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस ने शनिवार को ट्रैप की कार्रवाई की। इस दौरान बाबू अमित नामदेव कार्यालय में न मिकने पर उसने राहुल बोरासी से फोन पर बात करते हुए रिश्वत के 5000 की राशि कंप्यूटर ऑपरेटर को देने का कहा था। जिस पर लोकायुक्त पुलिस ने उसे भी सह आरोपी बनाते हुए सीएमओ मिलन पटेल सहित सहायक ग्रेड तीन बाबू अमित नामदेव और कंप्यूटर ऑपरेटर पीयूष तमखाने पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा सात के अंतर्गत प्रकरण बनाकर मामला पंजीबद कर लिया है ।
इस पूरे मामले में लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण बघेल ने बताया कि फरियादी बौरासी कंट्रक्शन के ठेकेदार राहुल बौरासी ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने हरसूद नगर परिषद सीएमओ मिलन पटेल और बाबू अमित नामदेव द्वारा वार्ड नंबर छह और सात में करीब चार लाख रुपये के निर्माण कार्य के पुराने बिल पास करने के एवज में ढाई फीसदी के हिसाब से 10 हजार की रिश्वत की मांग की थी। इस दौरान नगद पांच हजार रुपये की राशि बिल पास करने के पहले और पांच हजार रुपये बिल पास करने के बाद देने पर सहमति बनी थी।
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