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देवरी विधानसभा: दो दफा से हार रही बीजेपी कांग्रेस से आए पूर्व विधायक के भरोसे▪️9 महीने पहले छोड़ी कांग्रेस अब बीजेपी से प्रत्याशी बने बृज बिहारी पटेरिया

देवरी विधानसभा: दो दफा से हार रही बीजेपी कांग्रेस से आए पूर्व विधायक  के भरोसे

▪️9 महीने पहले छोड़ी कांग्रेस अब बीजेपी से प्रत्याशी बने बृज बिहारी पटेरिया

▪️विनोद आर्य

तीनबत्ती न्यूज : 26सितम्बर, 2023
सागर :  बीजेपी ने हारी विधानसभा सीटो की दूसरी सूची जारी कर दी है। सागर जिले की देवरी  सीट से पूर्व विधायक बृज बिहारी पटेरिया को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व विधायक पटेरिया पिछले साल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे । वही वीरेंद्र सिंह एक शिक्षक की नौकरी छोड़ी। वे पूर्व सांसद स्वर्गीय शिवराज सिंह के बेटे है। दोनो सीटो पर बीजेपी के ताकतवर दावेदार थे। लेकिन बीजेपी हाईकमान ने  इनको किनारे पर खड़ा कर दिया। इसके चलते बीजेपी में असंतोष बना हुआ है। संगठन और घोषित प्रत्याशियों में दूरियां बनी है। 


दल बदलने के 9 महीने बाद मिल गया टिकिट,जनसंघ के जमाने से जीत रही है देवरी


मध्यप्रदेश में देवरी विधानसभा सीट  उन सीटो में शुमार है।जहा पर जनसंघ ने चुनाव जीता है। उसके बाद बीजेपी ने भी जीत का परचम फहराया। पूर्व मंत्री और देवरी के पूर्व विधायक स्वर्गीय डा परशुराम साहू ऐसे ही चेहरा रहे है। लेकिन मौजूदा दौर में बीजेपी ने कांग्रेस से आए  व्यक्ति को अपना चेहरा बनाया। देवरी विधानसभा से भाजपा ने पूर्व विधायक बृजबिहारी पटेरिया को अपना उम्मीदवार बनाया है। पटेरिया 8ने24दिसंबर 2022 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने उनको  ज्वाईन कराया था। ठीक 9 माह बाद ही उन्हें पार्टी से टिकट भी मिल गया। ज्वाइन करने के बाद से ही वे यहां से टिकट के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे थे। 


इनकी उम्मीदों पर फिरा पानी

देवरी में भाजपा के दावेदारों की लंबी लिस्ट थी।कई नए पुराने चेहरे मजबूत दावेदार थे। इनमे पूर्व विधायक भानू राणा, पिछले चुनाव के प्रत्याशी स्वर्गीय तेजी सिंह के बेटे प्रीतम सिंह ,  पूर्व विधायक रत्न सिंह सिलारपुर, पूर्व मंत्री परशुराम साहू के बेटे हेमंत साहू, अर्जुन सिंह आमोदा, देवेंद्र सिंह बबलू सिनेमा सहित अंक नेता शामिल है। इसके अलावा बीजेपी जिला अध्यक्ष गोराव सिरोठिया भी इस सीट से चुनाव लडने का मन बनाए थे। इन सबकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।  घोषित प्रत्याशी बृज बिहारी पटेरिया को इनसे निपटना और मनाकर चलना एक चुनौती बनेगी। 


लम्बा राजनेतिक सफर है पटेरिया का

बीजेपी के प्रत्याशी बृज बिहारी पटेरिया
का राजनेतिक सफर लम्बा रहा है।सरपंच से लेकर विधायक तक बने है। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी रहे है। लेकिन उनका अधिकतम उपलब्धि कांग्रेस कार्यकाल में रही है। बीजेपी में शामिल होने के बाद लगातार क्षेत्र और पार्टी के कार्यक्रमो में उपस्थिति दिखाई है। 

तीन विधानसभा चुनाव लडे ,दो हारे

श्री पटेरिया तीन बार निविरोध सरपंच रहे। इसके बाद 1986 से 92 तक मंडी अध्यक्ष रहे। 1997 से 2004 तक जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे। 1998 से 2003 तक कांग्रेस के टिकट पर देवरी से विधायक रहे। उन्होंने बीजेपी के भानू राणा को हराया था। हालांकि 2008 में पटैरिया राणा से हार गए थे। 2013 में कांग्रेस ने उनको  रहली से चुनाव लड़ाया ।  उन्हें  कद्दावर नेता गोपाल भार्गव ने 50 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया। वे कांग्रेस में भी विभिन्न पदों पर रहे। 

हर्ष यादव और बृज बिहारी पटेरिया में  वर्चस्व की लड़ाई

देवरी विधानसभा सीट से लगातार दो दफा से चुनाव जीत रहे हर्ष यादव  और बृज बिहारी पटेरिया के बीच कांग्रेस के समय से ही वर्चस्व की लड़ाई रही है। कांग्रेस ने  सन 2003 में विधायक पटेरिया का टिकिट काटकर हर्ष  यादव को दे दिया। इसको लेकर पटेरिया समर्थको ने जमकर उपद्रव मचाया था। जिसमे हर्ष यादव घायल हुए थे। हर्ष यह चुनाव हार गए थे। इसके बाद दोनो में मतभेद बढ़ते चले गए। 2008 में हर्ष की जगह बृज बिहारी को टिकिट मिला। लेकिन वे भी चुनाव हारे।  2013 में हर्ष यादव को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया।  हर्ष यादव चुनाव जीते और इसके बाद 2018 का भी। इसके चलते  बृज बिहारी पटेरिया की पार्टी में दूरियां बनती । देवरी सीट पर पहली बार एक ही पार्टी में विरोधी रहे अब विधानसभा चुनाव में चुनाव में आमने-सामने  अलग अलग पार्टी से चुनाव मैदान में होंगे। इस बार दोनों ही स्थानीय प्रत्याशी रहेंगे।मुकाबला कड़ा होने की पूरी संभावना है।



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एडिटर: विनोद आर्य
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