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गहोई वैश्य समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग : सम्मेलन में प्रस्ताव पारित

गहोई वैश्य समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग : सम्मेलन में प्रस्ताव पारित

तीनबत्ती न्यूज : 07 अगस्त,2023
सागर : गहोई वैश्य समाज सागर द्वारा समाज के पितृ पुरुष राष्ट्रकवि एवम् स्वतंत्रता सेनानी श्री मैथिलीशरण गुप्त जी की 137 वी जयन्ती अवसर पर  जिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में राजनीतिक प्रस्ताव के उपरांत कवि सम्मेलन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर राष्ट्रकवि की जयंती को धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया गया।  सम्मेलन में समाज को पिछड़े वर्ग में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया।


समारोह के मुख्य अतिथि श्री रामेश्वर नीखरा पूर्व सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष मध्य प्रदेश बार काउंसिल ने कहा कि दद्दा मैथिलीशरण गुप्त ने गहोई समाज को नयी दिशा व पहचान दिलायी, एकजुटता का संदेश दिया। आज सबको अनुशासित और संगठित ढंग से अपने पिछड़े समाज के उत्थान के प्रयास करना चाहिए, राजनैतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रवेश करना चाहिए।दद्दा ने उस समय वैश्य समाज में गहोईयों को प्रतिष्ठित करने का कार्य किया जब स्वतंत्रता आंदोलन में लोग कम से कम संख्या में शामिल होते थे।

विशिष्ट अतिथि श्री भूपेंद्र गुप्ता (अगम) ने कहा कि सागर जैसे शहर में गहोई समाज के संचालक मण्डल व पदाधिकारियों का उत्साह अनुकरणीय है।अभी गहोई समाज अपने पुरखों के पद चिन्हों पर चलकर संगठित होकर निरन्तर सक्रिय होने की आवश्यकता है ताकि समझ को पिछड़े पन से मुक्ति मिले।गहोई वैश्य समाज सागर के अध्यक्ष सुरेन्द्र सुहाने ने कहां की सागर शहर के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं व्यापारिक विकास में गहोई समाज का बहुत बड़ा योगदान है समाज की एकजुटता के चलते ही समाज की *बेश–कीमती* जगहों को अतिक्रमणकारियों के अवैध कब्जे से मुक्त कराया जा सका है आने वाले समय में हम और ज्यादा नगर के विकास में सकारात्मक योगदान करेंगे। 


निकेश गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए मैथिलीशरण जी गुप्त के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला एवं सभी गहोई वासियों से अपील की कि अपने प्रतिष्ठान एवं घर में हमारे गौरव श्री मैथिली शरण जी गुप्त की प्रतिमा को स्थापित कर पूरे मनोयोग से श्रद्धांजलि अर्पित करें। समाज के संरक्षक श्री लालजी ददरया ने भी अपने विचार रख समाज के गौरवशाली इतिहास को बताया। संबोधन उपरांत सुरेन्द्र सुहाने ने स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है, देश में हज़ारों हजार गहोई बन्धु जेलों में बंद रहे और स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं अतः गहोई समाज को पिछड़े वर्ग में शामिल करना चाहिए और इस मांग को लेकर प्रस्ताव रखा । जिसका समर्थन निकेश गुप्ता,मनोज डेंगरे एवं राजेश सेठ सहित सभागार में उपस्थित सभी 3000 गहोईयों के समुदाय ने हाथ उठा कर समर्थन किया।
 प्रस्ताव में मांग की गई कि जो भी राजनीतिक दल हमारी पिछड़ा वर्ग में शामिल किए जाने वाली मांग  का समर्थन कर अपने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करेगा प्रदेश के सभी गहोई एकजुटता के साथ उसी राजनीतिक दल का समर्थन करेगें। इस अवसर पर छोटी बालिका वीरा द्वारा गणेश वन्दना नृत्य प्रस्तुति के साथ सरस्वती वन्दना -श्रीमती रेनू कठल और अंचल गुप्ता द्वारा प्रस्तुत की गई। युवा उद्योगपति नवयुवक मंडल अध्यक्ष श्री सन्दर्भ कठल द्वारा वृत्त प्रस्तुत किया गया।

श्री मनोज डेंगरे ,अध्यक्ष पंचायती ट्रस्ट, उद्योगपति एवम  गेड़ाजी ट्रस्ट के अध्यक्ष  के साथ ही सरस्वती शिशु मंदिर मोती नगर के कोषाध्यक्ष ने गहोई समाज की प्रगति प्रस्तुतीकरण किया। श्रीमती सुधा रुसिया अध्यक्ष गहोई वैश्य महिला मण्डल सागर ने महिला मण्डल की गतिविधियों की जानकारी दी।
श्री उमा खरया,डॉक्टर राजेंद्र चउदा श्री राजेश सेठ,श्री आनन्द कठल, कैलास सावला, अवधेश बिलैया, संतोष झुड़ेले, वीरेन्द्र सुहाने अगरबत्ती डा अंशुल गुप्ता, सचिन सिपोलया सहित संजय विनय डेंगरे, कार्तिक झुड़ेले समीर सुहाने अपूर्व नीखरा, राम झुडेले श्रीअनुराग विजपुरिया सहित अन्य सभी संचालक मण्डल के एवम पचायती ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने अतिथियों का सम्मान किया। मंदिर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सुहाने ठेकेदार, संजय कठल, सुरेन्द्र सुहाने एवं महिला मंडल की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती आशालता बिलैया साथ के श्रीमती पुष्पा सेठ का सम्मान किया गया।संचालक मंडल के पूर्व अध्यक्ष  श्री नर्मदा प्रसाद जी ददरिया, महेंद्र बिचपुरिया, ओमप्रकाश रूसिया का सम्मान किया गया। मनोज डेंगरे एवं अनिल चौदा का आयोजन में विशेष सहयोग के लिए सम्मान किया गया। मंच संचालन का दायित्व श्री आशीष नायक एवं श्रीमती पूजा रूसिया उद्घोषक ने कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। 


 इस अवसर पर महिला मंडल द्वारा अनेक सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गये। 22 वरिष्ठ वृद्ध जनों को 80 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर सम्मानित किया गया। 34 दम्पतियों को उनके वैवाहिक जीवन के पचास वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर सम्मानित किया गया।आरोही ददरया, साईं सेठ, अन्वी बिलैया, शमी गुप्ता, वेद गुप्ता,परी झुडेले, अलीशा ददरया परी ददरया मेधावी छात्र छात्राओं का सम्मान किया गया। महिला मण्डल द्वारा कविगोष्ठी आयोजित की गयी जिसमें डॉ चंचला दवे, श्रीमती सुनीला सराफ, डॉ सरोज गुप्ता, श्रीमती दीप्ति गुप्ता, श्रीमती शशि दीक्षित, श्रीमती ज्योति झुड़ेले ने काव्यपाठ किया तथा श्रीमती संगीता सुहाने, श्रीमती छाया सेठिया ने मैथिलीशरण गुप्त की रचनाओं का पाठ किया।


 सांस्कृतिक कार्यक्रम में  राजस्थानी डान्स की प्रस्तुति महिला मण्डल की मातृशक्तियों द्वारा   - मेघा सुहाने, श्रद्धा नायक, रूबी ददरिया, शिल्पी चौदा, आँचल सांवला, रेनू कठल, बबिता बिचपुरिया, नीता नीखरा, सीमा चौदा, सीता ददरिया, शिखा कसाव, रूचि रूसिया,समता झूडेले, पूजा रूसिया ने दी। एक नृत्य नाटिका श्री राम और सीता के चरित पर केन्द्रित प्रस्तुत की गई,नाटिका के पात्र  कपिल गुप्ता, वंशिका इटोरिया, अंजलि बरसैया, शुभी डेंगरे, राधिका ददरिया रहीं। नवयुवक मंडल में सृजन सुहाने,आकाश नीखरा,राम कठल, कार्तिक झुड़ेले ने दद्दा जी के प्रति समर्पण का परिचय दिया। गहोई वैश्य समाज सागर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पधारे अतिथियों के प्रति आभार एडवोकेट अनिल चउदा द्वारा प्रस्तुत किया गया तथा समापन की घोषणा नवयुवक मंडल के अध्यक्ष श्री संदर्भ कठल  ने 3000 लोगों को कार्यक्रम में सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया  ।

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