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SAGAR: तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार सहित तीन के खिलाफ परिवाद: कोर्ट ने लिया संज्ञान

SAGAR: तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार सहित तीन के खिलाफ परिवाद: कोर्ट ने लिया संज्ञान

तीनबत्ती न्यूज :21 जुलाई ,2023
सागर : सागर जिले के बीना की तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह, तत्कालीन तहसीलदार मोनिका बाघमारे और तहसील कार्यालय में पदस्थ ऑपरेटर जितेन्द्र रैकवार के खिलाफ पेश किए परिवाद में न्यायालय ने  धारा 451 और 380 के तहत मामला संज्ञान  में लिया है।, बीना के आचवल वार्ड निवासी परिवादी नंदकिशोर पटवा ने परिआद दायर किया था। 


आधार कार्ड बनाने के सामान। को ले जाने का मामला

नंद किशोर पटवा ने बताया कि वह बीना के खुरई रोड पर स्थित हिरनछिपा में आधार कार्ड बनाने का काम कर परिवार का भरण-पोषण करता था। 23 जुलाई 2016 में दुकान से आधार कार्ड बनाने के उपयोग में आने वाले लैपटॉप, कैमरा सहित अन्य उपकरण लेकर घर आया था। शाम को तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह, तत्कालीन तहसीलदार मोनिका बाघमारे और तहसील कार्यालय में पदस्थ ऑपरेटर जितेंद्र रैकवार घर में घुसकर उपकरण उठाकर ले गए। उपकरण एक लाख चालीस हजार रुपए में खरीदे थे। इसका विरोध करने पर झूठे मामले में फंसाकर उसे जेल भेजने की धमकी दी गई थी। सामान वाहन में भरकर तहसील कार्यालय ले गए थे। शिकायत करने और इच्छा मृत्यु मांगने के बाद एक मार्च 2018 को तहसीलदार ने पत्र भेजकर आधार कार्ड बनाने वाली मशीन के उपकरण एसडीएम कार्यालय की नजारत शाखा में रखे होना बताकर वापस करने का उल्लेख था।


इसके बाद एसडीएम कार्यालय से परिवादी को आइरस, फिंगर मशीन व वेब कैमरा प्रदान किया गया, लेकिन लैपटॉप नहीं दिया गया। आवेदन देने पर एसडीएम ने लैपटॉप कार्यालय में न होने की बात कही। 
सूचना के अधिकार में यह मिला था जवाब
परिवादी नंदकिशोर पटवा ने बताया कि सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर जब्त किए गए सामान का रिकॉर्ड न होने का जवाब मिला। उन्होंने बताया कि इसके बाद परिवार का भरण-पोषण करना भी मुश्किल हो गया था। कहीं से भी कुछ नहीं हो रहा था। उस दौरान काफी परेशानी हो रही थी ।


 न्यायालय में किया परिवाद पेश, मिली राहत

परिवादी नंदकिशोर पटवा ने बताया इसके बाद साल 2018 में न्यायालय में परिवाद पेश किया गया था। न्यायालय ने आदेश में उल्लेख किया है कि परिवादी के घर में घुसकर गृहअतिचार कारित करने व घर में रखे उपकरण की चोरी कारित किया जाना प्रथमदृष्टया प्रमाणित पाया जाता है। 


साथ ही मौखिक एवं दस्तावेजों के साक्ष्य के विश्लेषण के बाद तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह और तत्कालीन तहसीलदार मोनिका बाघमारे, ऑपरेटर जितेंद्र रैकवार के खिलाफ 
परिवादी के घर में घुसकर गृहअतिचार कारित करने व घर में रखे उपकरण की चोरी कारित किया जाना प्रथमदृष्टया प्रमाणित पाया जाता है। साथ ही मौखिक एवं दस्तावेजों के साक्ष्य के विश्लेषण के बाद तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह और तत्कालीन तहसीलदार मोनिका बाघमारे, ऑपरेटर जितेंद्र रैकवार के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आशुतोष यादव की न्यायालय ने धारा 451 और 380 के तहत मामले को संज्ञान में लिया है ।




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