गंगा जमुना स्कूल विवाद:केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के निवास पर प्रदर्शनकारियों का घुसना :
▪️बाल सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया इसे प्रशासनिक चूक और पुलिस की विफलता
तीनबत्ती न्यूज :6 जुलाई ,2023
सागर: हिजाब और स्कूल की आड़ में धंधे को लेकर विवादो में फसी दमोह के गंगा जमुना स्कूल के विद्यार्थियों और अभिवावको ने दो दिन पहले बच्चो के भविष्य को लेकर कलेक्टर कार्यालय और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के दमोह स्थित आवास पर प्रदर्शन करने की घटना में अब नया मोड़ आ गया है।
बाल अधिकार सरक्ष्ण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने अपने ट्वीटर अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की है। जिसमे इसे इस्लामिक कट्टरवाद बताया है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों का केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के आवास पर घुसने की घटना को प्रशासनिक चूक और पुलिस के गोपनीय विभाग की असफलता और लापरवाही बताया है।
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प्रियंक कानूनगो का ट्वीट
आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने टवीट किया कि
दमोह के गंगा जमना स्कूल में अनियमितताओं के चलते @NCPCR_ द्वारा संज्ञान लिए जाने के पश्चात जाँच के निर्देश दिए गए व ज़िला शिक्षा अधिकारी की जाँच के बाद पाई गयी कमियों के आधार पर राज्य सरकार द्वार स्कूल की मान्यता निलम्बित की गयी जिसकी घोषणा माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश ने स्वयं की थी।
इसके विरुद्ध स्कूल संचालकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील की गयी जिसमें उनको कोई स्थगन नहीं मिला व सरकार को 4 सप्ताह में मामले के निपटान का निर्देश दिए गए।
क़ानूनी रास्ते से काम न निकलता देख गंगा जमना स्कूल के संचालकों ने वही किया जो कट्टरवादी,अतिवादी इस्लामिक धार्मिक उन्मादी समूह दुनिया में कई स्थानों पर करते हैं,आम लोगों की भावनाओं को भड़का कर एक अराजक भीड़ इकट्ठा कर के आंदोलन के नाम पर सड़कों पर भेज दिया तथा बच्चों और औरतों को उसके आगे कर दिया जिस से कि सहानुभूति मिल सके व हिंसा की स्थिति में अपराधी व्यक्ति बच्चे और महिलाओं का इस्तेमाल ढाल की तरह कर सकें।
केंदीय मंत्री के निवास पर घुसना प्रशासनिक चूक
ये भीड़ केंद्रीय मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल के घर के परिसर के भीतर भेजी गयी जो कि गम्भीर घटना है, एक केंद्रिय मंत्री के घर इस तरह भीड़ को बेक़ाबू कर भेजना निश्चित प्रशासनिक चूक है पुलिस के गोपनीय विभाग की विफलता है एवं सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही है।
स्कूल के कारनामे इस प्रकार हैं,
भारत के नक़्शे से देश के पूर्वी भाग को काट कर दिखाना,बच्चों को डारविन के सिद्धांत के विपरीत उत्पत्ति का इस्लामिक रूढ़िवादी सिद्धांत सिखाना, हिंदू बच्चों को इस्लामिक धार्मिक प्रार्थना में शामिल करना,इस्लाम के सर्वोच्च होने की गवाही दिलवाना व कलमा पढ़वाना जैसी हरकतों के अलावा स्कूल में लड़के लड़कियों लिए पर्याप्त पृथक शौचालय नहीं हैं,मान्यता में प्रदत्त क्षमता से कई गुना अधिक बच्चे भर्ती किए गए हैं,स्टाफ़ के पुलिस सत्यापन नहीं हैं.स्टाफ़ क्वालिफ़ायड नहीं है इत्यादि कई कारण हैं कि मान्यता निलम्बित है।
बच्चों के दूसरे स्कूलों में दाख़िले के लिए कलेक्टर ने हेल्प डेस्क बनाई है सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में सीटें ख़ाली हैं हमने भी न्यायालय में ऐसे स्कूलों की जानकारी दी है इसके बावजूद देश भर के अजेंडावादी और आंदोलनजीवी अब इसमें शामिल हैं और सरकार को दबाव में लेने के लिए तमाम प्रपंच रचे जा रहे हैं।
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