तीनबत्ती न्यूज : 10 जुलाई 2023
सागर। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत युवाओं से आवेदन आमंत्रित किए गए है। योजना के अंतर्गत युवाओं में कौशल विकास क्षमता को बढाने एवं उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए लर्न एण्ड अर्न की तर्ज पर रोजगार के लिये कौशल सिखाने, कौशल विकास संचालनालय मध्यप्रदेश तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना प्रारंभ की है । आईटीआई के प्राचार्य एवं योजना के नोडल अधिकारी श्री सुनील देसाई ने बताया कि अब तक 5805 से अधिक युवक-युवती के द्वारा सीखो कमाओ योजना में अपना पंजीयन कराया गया है।
योजना के अंतर्गत प्रदेश के स्थानीय निवासी 18 से 29 वर्ष के 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण, आईटीआई उत्तीर्ण, डिप्लोमा उत्तीर्ण, स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक युवाओं को उद्योग एवं सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिलाते हुए स्टाईपेण्ड की व्यवस्था की गई है। इस नवाचारी व्यवस्था से युवाओं को रोजगार, प्रगति और विकास के नए अवसर प्रदान किये जाएँगे। योजना का लाभ लेने के लिए आनलाईन रजिस्ट्रेशन प्रारंभ हो गये है। जबकि दिव्यांग तथा ट्रांसजेण्डर व्यक्तियों को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर पात्रता अनुसार लाभ लिए जाने के लिए प्रोत्साहित किये जाने का अनुरोध है।
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मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में इच्छुक युवा कर सकते हैं ऑनलाइन पंजीयन
राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना चार जुलाई से प्रारंभ की गई है। जिले में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में युवाओं को प्रशिक्षण देने वाले प्रतिष्ठानों का पोर्टल
www.mmsky.mp.gov.in
पर इच्छुक युवा अपना पंजीयन करा सकते हैं। प्लेसमेंट 15 जुलाई से आरंभ होगा। कार्य सिखाने वाले प्रतिष्ठान और राज्य शासन के बीच 31 जुलाई से अनुबंध की कार्यवाही होगी। एक अगस्त से युवा, कार्य आरंभ कर देंगे। कार्य से सीखने की अवधि में युवाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
देखे।मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना
18 से 29 वर्ष के युवा होंगे पात्र
योजना में कम से कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी, 18 से 29 वर्ष के युवा, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे योजना में पात्र होंगे। प्रशिक्षण के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्टेट कॉउसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। योजना से युवाओं को प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड मिलेगा, कौशल उन्नयन से उनके रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और कमाई का बेहतर मार्ग प्रशस्त होगा।
8 से 10 हजार रूपए तक होगा स्टाइपेंड
इस योजना से देश और प्रदेश के प्रतिष्ठित औद्योगिक तथा निजी संस्थानों को जोड़ा जाएगा। प्रतिष्ठान के पास पैन नंबर और जीएसटी पंजीयन होना आवश्यक होगा। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्यबल के 15 प्रतिशत की संख्या तक छात्र प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकेंगे। योजना में 12वीं उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को 8 हजार रूपए, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपए डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपए और स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता वालों को 10 हजार रूपए प्रतिमाह स्टाइपेंट दिया जाएगा। स्टाइपेंड की 75 प्रतिशत राशि राज्य शासन की ओर से प्रशिक्षणार्थी को डीबीटी से भुगतान की जायेगी। संबंधी प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करानी होगी।
योजना में प्रशिक्षण के लिए 703 कार्य क्षेत्र चिन्हित
योजना में प्रशिक्षण हेतु 703 कार्य-क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इसमें विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रेवल, अस्पताल, रेलवे, आईटी सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड एकाउंटेंट और अन्य वित्तीय सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठानों को जोड़ा जाएगा। मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा-प्रशिक्षण तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भी योजना में सम्मिलित होंगे। योजना से प्रशिक्षणार्थियों को उद्योग उन्मुख प्रशिक्षण, नवीनतम तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता प्राप्त होगी, जिससे उनके नियमित रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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