महापुरुषों की जीवन यात्रा हमें सफलता का मार्ग दिखाती है: मंत्री भूपेंद्र सिंह▪️खुरई के 40 टापर विद्यार्थियों को स्कूटी खरीदने राशि मिलेगी, निशुल्क कोचिंग फिर शुरू होगी▪️ मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान समारोह

महापुरुषों की जीवन यात्रा हमें सफलता का मार्ग दिखाती है: मंत्री  भूपेंद्र सिंह

▪️खुरई के 40 टापर विद्यार्थियों को स्कूटी खरीदने राशि मिलेगी, निशुल्क कोचिंग फिर शुरू होगी

▪️ मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान समारोह 



खुरई, 2 जुलाई ,2023 : युवाओं को ऐसे व्यक्तित्वों को पढ़ना चाहिए जिनका ज्ञान और अनुभव जीवन की सर्वोच्च ऊंचाइयों पर पहुंचाए। हमारे महापुरुषों की जीवन यात्रा से हमें सफलता का मार्ग मिलता है। आपके रोल मॉडल स्वामी विवेकानंद, स्व एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी होने चाहिए। यह उद्गार नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने यहां मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहे। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि सरकार की घोषणा के अनुसार खुरई विधानसभा क्षेत्र की स्कूलों के 40 टॉपर बच्चों के बैंक खातों में इसी माह स्कूटी खरीदने के लिए 1.50 लाख की राशि डाली जाएगी और इसी महीने से निशुल्क कोचिंग और कैरियर काउंसलिंग का कार्य भी आरंभ किया जाएगा।



    मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों से संबोधन में कहा कि परिश्रम और संघर्ष से मिली सफलता का ही जीवन में सदुपयोग होता है और सम्मान होता है। शिक्षा का गरीबी और अमीरी से संबंध नहीं है। डॉ आंबेडकर, डॉ हरीसिंह गौर और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जीवन यात्रा और सफलताएं हमारे सामने उदाहरण की तरह हैं। डा आंबेडकर विदेश में शिक्षा के दौरान लाइब्रेरी में सभी भाषाओं की पुस्तकें पढ़ते थे, पूछने पर कहते कि मुझे सारा ज्ञान प्राप्त करना है। वे शिक्षा और ज्ञान से भारत जैसे महान लोकतंत्र के संविधान निर्माता बने। वे लालबहादुर शास्त्री जी से संस्कृत में बात करते थे। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि खुरई में 3 करोड़ की लागत से बने डा अम्बेडकर म्यूजियम को देखने आप सभी विद्यार्थियों को अवश्य जाना चाहिए। एक गरीब और वंचित परिवार में जन्म लेकर शिक्षा से किस ऊंचाई पर पहुंचा जा सकता है यह डा अम्बेडकर के जीवन से सीखा जा सकता है।



     मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मां ने दूसरों के घरों में काम करके अपने बच्चों को पढ़ाया, संस्कार दिए। श्री मोदी जी स्वयं स्टेशन पर चाय बेच कर संघर्ष से आगे बढ़े और आज विश्व के सबसे सम्मानित नेता हैं। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि हाल ही की अमेरिका यात्रा में प्रधानमंत्री श्री मोदी के भाषण के दौरान वहां के सांसदों ने 15 बार हर्षध्वनि और खड़े होकर सम्मान दिया। कुछ देशों के राष्ट्राध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी जी के आदर में भारतीय संस्कृति के अनुरूप उनके चरणस्पर्श करते हैं। यह सम्मान ज्ञान, संस्कार और संघर्ष से उन्होंने अर्जित किया। 

                  मंत्री भूपेंद्र सिंह


मंत्री श्री सिंह ने बताया कि इसी प्रकार सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डा हरीसिंह गौर की संघर्ष पूर्ण जीवन यात्रा रही। बंडा तहसील के चील पहाड़ी गांव के गरीब परिवार में जन्म लेकर हरीसिंह गौर ने स्कालरशिप लेकर बेरिस्टर की उपाधि प्राप्त की और एक समय दुनिया के सबसे बड़े कानूनविद का रुतबा हासिल किया। विदेशी उद्योगपति उनसे केस लड़वाने के लिए उनकी तौल का रुपया देने तैयार रहते थे। डा गौर ने जीवन भर खूब कमाया और उस पूरी कमाई से अपनी मातृभूमि के गरीब वंचित विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के लिए विश्व का सबसे सुंदर सागर विश्वविद्यालय बनाया जिससे लाखों विद्यार्थियों का जीवन बदल गया।



     मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आज प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है। उन्होंने देश में 360 नये विश्वविद्यालय बनाए हैं। प्रधानमंत्री ने देश के हर जिले में मेडीकल कालेज खोलने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में काम आरंभ कर दिया। आज देश में 10 लाख डाक्टर और 15 लाख नर्सिंग स्टाफ की कमी दूर करने का काम प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आरंभ किया। चिकित्सा क्षेत्र का यह ऐसा अभाव था जो कांग्रेस के 60 साल के शासनकाल में पैदा हुआ था। आज मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने मेडीकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में भी कर सकने की व्यवस्था कर दी है जिससे हिंदी मीडियम और सरकारी स्कूलों के बच्चे भी सुगमता से डाक्टर इंजीनियर बन सकें। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि हाल ही में बीना के एक गांव से जिस एक विद्यार्थी ने आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है वह सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से पढ़ कर निकला विद्यार्थी है। उन्होंने कहा कि खुरई क्षेत्र का शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान बनाने के लिए वे संकल्पित हैं। यहां गढ़ौला जागीर जैसे एससीएसटी बहुल गांव और बांदरी में दो सीएम राइज स्कूलें बनाई गई हैं। 38 करोड़ की लागत के ये स्कूल सेंट्रल स्कूलों की तरह  आधुनिक और सुविधायुक्त हैं। खुरई में कृषि महाविद्यालय खोलना और खुरई पालीटेक्निक कालेज में 7 करोड़ की लागत से नये व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को आरंभ किए जाने की स्वीकृति इसी लक्ष्य के तहत है। उन्होंने कहा कि यह स्किल का युग है। दुनिया के 90 प्रतिशत रोजगार स्किल्ड युवाओं के लिए ही उपलब्ध हैं।



जिला कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह जी ने खुरई क्षेत्र का समावेशी विकास किया है। उन्होंने बेहतर शिक्षा की व्यवस्था की ही है साथ ही वहां से निकल रहे विद्यार्थियों के प्रोत्साहन और कैरियर का भी वे ध्यान रखते हैं। कलेक्टर श्री आर्य ने विद्यार्थियों से कहा कि आपने अच्छा प्रदर्शन किया है इसलिए आप इस समारोह में हैं। जब लौटें तो भविष्य में अपने उन साथियों का भी भरपूर सहयोग करें जो आपसे पीछे रह गये। उन्होंने कहा कि आज के युग में नये नये अनुप्रयोग सामने आ रहे हैं, इसलिए अपने लक्ष्य तय करें साथ ही लक्ष्यों को नये अनुप्रयोगों के अनुरूप लचीला भी बनाए रखें। श्री आर्य ने बताया कि सागर के पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी ने एसपी बनने से पहले इंदौर के आईआईएम से डिग्री हासिल की है इसलिए उनका अनुभव आपके लिए महत्वपूर्ण है।
 
      युवा पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी ने विद्यार्थियों को अपने अनुभव बताते हुए कहा कि आप सभी अपने स्कूल कालेजों के टापर्स हैं। आपको दिशा बोध हो चुका है और ज्ञान की ताकत का पता भी लग चुका है। अब आपके और आपके लक्ष्य के बीच दृढ़ निश्चय और प्रयास की दूरी है। अब राष्ट्र निर्माण में आपको अपनी भूमिका तय करना है। आप सब कुछ अचीव कर लेंगे पर इसके साथ साथ आपको एक बेहतरीन इंसान भी बनना है।

युवा नेता अविराज सिंह ने अपने प्रभावी उद्बोधन में उपस्थित विद्यार्थियों से बहुत प्रशंसा बटोरी। अविराज सिंह ने कहा कि हमारी एजूकेशन से ही हमारे स्किल और नालेज बढ़ते हैं और डायरेक्शन मिलता है। ज्ञान बड़ी ताकत है। अविराज ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का उदाहरण देते हुए कहा कि नेताजी सुभाष स्टूडेंट काउंसिल के हेड थे। कालेज एडमिनिस्ट्रेशन ने उन्हें यह कह कर निकाला कि तुम जीवन में कुछ नहीं कर सकते। उन्हीं सुभाष जी ने ब्रिटेन की सबसे बड़ी सरकारी सेवा आईसीएस की परीक्षा सात साल के बजाए सात माह की तैयारी में निकाली और ब्रिटिशर्स को पीछे छोड़ते हुए चौथी रैंक हासिल की थी। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में जो योगदान दिया वह तो महान इतिहास है।


                  अबिराज सिंह


 अविराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद बचपन से ही मेरे आदर्श पुरुष हैं, मैं सरदार वल्लभ भाई पटेल से देशभक्ति सीखता हूं, महाराणा प्रताप से मातृभूमि के प्रति सम्मान सीखता हूं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से बड़े संकल्पों को साकार करना सीख रहा हूं और अपने पिता श्री भूपेंद्र सिंह से जनसेवा के लिए समर्पण का भाव सीख रहा हूं।

      समारोह में खुरई विधानसभा क्षेत्र के सभी स्कूलों व कालेजों के मेधावी बच्चों को ट्रॉफी और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन गढ़ौला जागीर सीएम राइज स्कूल के शिक्षक आर एस शर्मा ने किया। कार्यक्रम में कलेक्टर,एस पी सागर, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती नन्हीं बाई अहिरवार, एसडीएम मनोज चौरसिया, एसडीओपी सुमीत केरकट्टा, हेमचंद्र बजाज, विकास समैया, मूरतसिंह ,प्रवीण जैन, हरीसिंह कुशवाहा, जनपद अध्यक्ष जमना प्रसाद अहिरवार, मनोज दुबे, एन एस ठाकुर, श्यामलाल ठाकुर, देशराज यादव, उपाध्यक्ष राहुल चौधरी, राजेंद्र सिंह नड्डा, ओमप्रकाश घोरट, नीतिराज पटेल, बलराम यादव, सुनील जैन गढ़ौला, जितेंद्र सिंह धनौरा, जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक, डीपीसी गिरीश मिश्रा, अमित मिश्रा ,खुरई बीईओ जेड इक्का, मालथौन बीईओ जीपी अहिरवार, रश्मि सोनी, सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, अभिभावक व विद्यार्थी उपस्थित थे।

प्रजापति एवं रैकवार समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण
 
 खुरई के विकास में प्रजापति समाज के योगदान को आजीवन नहीं भुलाया जा सकेगा। आडिटोरियम, पार्क जैसे बड़े विकास कार्यों के लिए प्रजापति समाज ने भूमि छोड़ने की सहमति दे कर हमें अपना ऋणी बना लिया है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने यह उद्गार यहां आयोजित प्रजापति समाज व रैंकवार समाज के सामुदायिक भवनों के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए हैं।


     खुरई आडिटोरियम के निकट प्राइम लोकेशन पर 1.10 करोड़ की लागत से निर्मित इन दो सामुदायिक भवनों के लोकार्पण समारोह में मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने घोषणा की है कि तालाब सौंदर्यीकरण कार्य के चलते इस वर्ष मछली पालन नहीं कर सके रैंकवार समाज के लोगों से खुरई नगरपालिका द्वारा इस वर्ष का लीज रेंट नहीं लिया जाएगा। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रजापति समाज ने शहर के विकास को ध्यान में रख कर अपना वर्षों का कारोबार विस्थापित करने की सहमति देना बड़ा योगदान है जिसका हम सभी अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम वचन देते हैं कि आपके सुख दुख में सदैव आपके साथ खड़े रहेंगे। प्रजापति समाज की मांग पर भगवान दक्ष की प्रतिमा लगाए जाने का कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा तथा प्रजापति समाज को ईंट भट्टे के लिए आवंटित जमीन में जलभराव के कारण अन्यत्र जमीन आवंटित की जाएगी। रैंकवार समाज के सामुदायिक भवन में वैवाहिक समारोहों के लिए बड़ा शेड बनाने और प्रजापति समाज के सामुदायिक भवन में रसोई के लिए शेड निर्माण के निर्देश मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने सीएमओ को दिए उन्होंने कहा कि ये दोनों सामुदायिक भवन सबसे बड़े पार्क, तालाब और आडिटोरियम के सामने करोड़ों रुपए क़ीमती खूबसूरत लोकेशन पर बने हैं। इनके रखरखाव और नियमित सदुपयोग के लिए समाज अपने योग्य लोगों की समितियां बनाएं और समाज की शिक्षा और उत्थान के कार्यों में इसका उपयोग करें।
 

     मंत्री श्री सिंह ने रैंकवार समाज व प्रजापति समाजों के दोनों कार्यक्रमों में समाजजनों को मृत्यु भोज की प्रथा बंद करने, शराब का सेवन त्यागने और समाज की बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए सामाजिक पहल करने का आह्वान किया। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि खुरई ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां लगभग सभी समाजों के सुविधा संपन्न सामुदायिक भवनों का निर्माण किया गया है। गुसांई समाज का भवन शेष है जिसका कार्य शीघ्र आरंभ होगा और जो भी समाज रह गये हैं उनके भी सामुदायिक भवन बनाए जाएंगे। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि समाज के छोटे बड़े आयोजनों के लिए आयोजन स्थल की तलाश, खर्चों से बचा जा सकेगा और समाजों में समन्वय व पारस्परिक सौहार्द स्थापित होगा।


प्रजापति समाज के सामुदायिक भवन के लोकार्पण समारोह में विकास प्रजाप्रति, कपिल प्रजापति, प्रेमनारायण प्रजापति, अंकुश प्रजापति, बंटी प्रजापति, विवेक प्रजापति, अमित प्रजापति, राहुल प्रजापति, संतोष प्रजापति, सचिन प्रजापति, शुभम प्रजापति, कोमल प्रजापति, बालकिशन प्रजापति, विजय, राजू, सोनू, अनिल, मोहन, लकी, भागीरथ, हेमराज, भगवानदास, कन्छेदी, मोतीलाल, कैलाश, रमेश, रज्जू, निरपत, उपस्थित थे।


रैंकवार समाज के सामुदायिक भवन के लोकार्पण समारोह में रम्मू रैकवार, राजेश रैकवार, रवि रैकवार, विश्वनाथ रैकवार, कपिल रैकवार, राकेश रैकवार, बल्देव रैकवार, राजू रैकवार, संजू रैकवार, सूरज रैकवार, भगुन्तराम रैकवार, हरगोविन्द रैकवार, अंजू रवि रैकवार, मथरा प्रसाद रैकवार, श्यामलाल रैकवार, गब्बर रैकवार उपस्थित थे।






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