SAGAR: हत्या करने वाले दो आरोपियों को आजीवन कारावास
सागर । हत्या करने वाले आरोपी -धीरेन्द्र पाठक एवं गनेष गौड़ को द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीष जिला-सागर श्री षिवबालक साहू की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-302 सहपठित धारा-34 के तहत आजीवन कारावास व पॉंच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी सहा.जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनांक 09.04.2020 को षिकायतकर्ता निर्भय ने जेसीनागर थाना उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि वह खेती किसानी का काम करता है उसके 6 लड़के 1 लड़की है। सबसे छोटा लड़का प्रवेन्द है जिसकी उम्र करीब 18 साल है जो पेट्रोल पंप सागर पर काम करता था। लॉकडाउन होने से 15-20 दिन से गांव सेमरागोपालमन में रह रहा था। प्रवेन्द और धीरेन्द्र पाठक की गांव की एक लडकी से बातचीत होती रहती थी, इस बात को लेकर धीरेन्द्र पाठक ने उसके लड़के प्रवेन्द्र को बात करने से मना भी किया। धीरेन्द्र पाठक उसके लड़के से बुराई रखता था। दिनाँक 08.04.2020 के दोपहर करीब 2ः30 बजे धीरेन्द्र ने प्रवेन्द्र और उस लड़की को बात करते हुये देख लिया इसी बात पर से रात करीब 10 बजे धीरेन्द्र पाठक और उसका दोस्त गनेश गौड उसके घर से उसके लड़के प्रवेन्द्र को बुलाकर ले गये। उस समय वह और उसकी पत्नी सीलरानी थे। करीबन 1 घंटे के बाद उसका लड़का प्रवेन्द लौटकर नहीं आया, तो वह प्रवेन्द्र को देखने के लिये गया तो धीरेन्द्र पाठक और गनेश गौड उसके लड़के प्रवेन्द को गनेश गौड़ के घर के पास बाड़े में जान से मारने की नियत से ईंट और पत्थर मार रहे थे और खींचते हुये लेकर आ रहे थे। उसने बचाने की कोशिश की तो दोनों गालियॉ देते हुये बोले कि तुझे भी हम जिंदा नहीं छोडगे फिर उसने चिल्लाया तो गाव के संतोष विश्वकर्मा हरिकेश सेन नितिन चौबे प्रकाश पटेल नेहा गौड़ आ गये थे जिन्हें देखकर धीरेन्द्र और गनेश भाग गये। उसके लड़के प्रवेन्द्र को बॉये आँख एवं सिर में गहरी चोटे आई खून बह रहा जिसे ईलाज हेतु छोटा हाथी में रखकर जैसीनगर अस्पताल ला रहे थे जो कुछ देर बाद रास्ते में प्रवेन्द की मृत्यु हो गई। डाक्टर साहब के चौक करने पर प्रवेन्द्र को मृत घोषित कर दिया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-जैसीनगर द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 294, 506, 302, 34 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों एवं डीएनए रिपोर्ट को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीष जिला-सागर श्री षिवबालक साहू की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
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