SAGAR: दलितों के बने पीएम आवास अतिक्रमण के चलते तोड़े : दिग्विजय सिंह पहुचे पीड़ितों के बीच
▪️मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर लगाए आरोप ,सुरखी विधानसभा क्षेत्र का है मामला
▪️जमीन पर बैठकर सुना पीड़ितों को ,कलेक्टर-एसपी से की जमीन पर ही बैठकर चर्चा
▪️डिप्टी रेंजर हुआ सस्पेंड
By: VINOD ARYA
तीनबत्ती न्यूज : 22 जून ,2023
सागर। राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी में वन विभाग द्वारा पीएम आवास योजना के तहत बने कुछ मकानों को तोड़ने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। इससे सियासत गरमा गई । कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंत्री गोविंद सिंह पर मकानों को तुड़वाने का आरोप लगाया है। दिग्विजय सिंह आज पीड़ितों से मिलने भोपाल से सीधे सुरखी के रेपुरा ग्राम में पहुंचे और जमीन में बैठकर पीड़ितों से चर्चा की। जमीन पर ही कलेक्टर से लेकर सभी अफसरों को बुलाकर मामले की पड़ताल की और फटकार भी लगाई और पीड़ितों को न्याय दिलाया। इस मामले में प्रशासन ने डिप्टी रेंजर को सस्पेंड कर दिया है। दिग्विजय सिंह के अचानक इस मुद्दे पर सागर पहुंचने की घटना से हड़कंप मच गया। उनके साथ स्थानीय नेता भी पहुंचे।
करीब डेढ़ दर्जन मकान दुकान तोड़े गए
सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा गांव में करीब 16 दलित और आदिवासी और अन्य समाज के मकानों पर वन विभाग की टीम ने राजस्व और पुलिस विभाग के अमले के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की और बुलडोजर चलाया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज सुबह ट्वीट कर कार्रवाई का विरोध किया। टूटे मकानों में प्रधानमंत्री आवास के मकान भी शामिल है। प्रशासन की कार्यवाही पर घटना से आक्रोशित दिग्विजय सिंह पीड़ितों के साथ जमीन पर ही धरने पर बैठ गए और उनकी व्यथा को सुना।
किसके निर्देश पर टूटे मकान
दिग्विजय सिंह ने मिडिया से चर्चा में कहा कि पीएम आवास किसके निर्देश पर तोड़े गए है। इसकी जांच होना चाहिए। और दोषियों पर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज होना चाहिए। उन्होंने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना साधते हुए कहा कि मंत्री के निर्देश पर कारवाई हुई है तो उनको शिवराज सिंह हटाए और कार्यवाई करे। बीजेपी का चेहरा दलित विरोधी है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पीएम आवास योजना के मकान तोड़ना पीएम मोदी के मुंह पर तमाचा मरने जैसा काम किया गया है। दोषियों पर सख्त कार्य वाई होना चाहिए। बरसात में इनके रुकने ठहरने के प्रबंध छह महीने तक का होना चाहिए। प्रशासन इतना संवेदनहीन निकला कि लोगो को सामान निकालने तक का मोका नही मिला। भाजपा के मंत्री और नेताओं की इशारों पर अमानवीय कार्यवाही की जा रही है। कांग्रेस पार्टी से किसी भी हालत में बर्दाश्त करने वाली नहीं है। उन्होंने साफ शब्दों में संविधान का पालन करते हुए काम करने की हिदायत अधिकारियों को दी।
सामान नहीं निकाल पाए और तोड़ दिए गए मकान
रेपुरा ग्राम में चारो तरफ मकान टूटे पड़े है। इनके बुलडोजर से घर गृहस्थी का सामान टूटा पड़ा हुआ है। चारो तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है।पीड़ितों ने बताया कि पिछले 50 सालो से निवास कर रहे है। प्रशासन ने आनन फानन में मकान तोड़ दिए। घर गृहस्थी का सामान भी नही निकाल पाए। एक पीड़ित ने पिछले दिनों फ्रिज खरीदा था वह निकाल नही पाया और उसे तोड़ दिया गया। लोगो ने तो रोकर व्यथा सुनाई। सब कुछ नष्ट हो गया। उनके नोटिस पर फर्जी हस्ताक्षर पाए गए।
अफसर नही दे पाए जवाब,जमीन पर बैठकर की बात, न्याय होने तक रुकने पर आए कलेक्टर
दिग्विजय सिंह ने मौके पर अफसरों को बुलाया। जमीन पर पीड़ितों के बीच अफसरों की क्लास लगाई।उन्होंने कहा कि जब तक सुनवाई नही होगी तभी तक वे बैठे रहेंगे। इनमे, प्रभारी कलेक्टर चंद्र शेखर शुक्ला, एसपी अभिषेक तिवारी और डीएफओ महेंद्र प्रताप सिंह आदि शामिल थे। पूर्व सीएम ने जब पूछा कि पूरी रेंज में वन भूमि पर कितना अतिक्रमण है और सिर्फ इनको ही क्यों तोड़ा ? तो कोई जवाब नही दे सका। पुलिस कर्मियों की अभद्रता की भी बात सामने आई। पीड़ितों ने प्रशासन के सामने पूरी बात रखी। कुछ नोटिस पर हस्ताक्षर ही नही थे। मौके पर मिलान हुआ तो अंतर भी निकला। इसके बाद लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब तक इन पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता यही बैठेंगे।
उन्होंने ने पीड़ितों के रहने खाने पीने की बात की और दोषियों पर कार्यवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान अफसर जवाब नही दे पाए। इसके बाद कलेक्टर दीपक आर्य शाम को वहा पहुंचे। कलेक्टर के सामने भी इन्ही मुद्दों पर चर्चा हुई। कलेक्टर के लिखित आश्वासन के बाद मामला सुलझा। जिसमे उनके आवास और भी पोषण की बात लिखी गई।
ये नेता रहे मोजूद
रेपुरा ग्राम में दिग्विजय सिंह के साथ वाहनों का लम्बा काफिला था। राहत गढ़ से नेता जुड़ते गए। इनमे पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी, प्रभु सिंह ठाकुर, पारुल साहू, सुनील जैन, जिलाध्यक्ष आनद अहिरवार, राजकुमार पचौरी, माधवी चौधरी, अमित राम जी दुबे, बुंदेल सिंह बुंदेला, नीरज मुखारया, गुरजीतसिंह अहलूवालिया, शारदा खटीक, राजकुमार सिंह ,धनौरा, रमाकांत यादव, रेखा चौधरी, भूपेंद्र सिंह मोहसा, अवनीश भार्गव, सुरेंद्र चौबे, मुकुल पुरोहित, सिंटू कटारे, प्रमिला सिंह, राम कुमार पचौरी, संदीप सबलोक, अभिषेक गौर, अशोक श्रीवास्तव, त्रिलोकी कटारे, रवि सोनी, महेश जाटव सहित अनेक नेता शामिल है।
दिग्विजय का ट्वीट
दिग्विजय सिंह ने सुबह ट्वीट कर आरोप लगाते हुए लिखा कि सागर ज़िले के सुरखी विधानसभा के ग्राम रैपुरा के अनुसूचित जाति के प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्मित मकान मंत्री गोविंद राजपूत के निर्देश पर गिराए गए। क्यों? क्योंकि ये मंत्री से डरते नहीं हैं। दिग्विजय सिंह गुरुवार को पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए सुरखी विधानसभा के रैपुरा गांव पहुंचेंगे और मुलाकात कर पीड़ित परिवारों से कार्रवाई की जानकारी लेंगे। ये मकान प्रधानमंत्री आवास योजना में बने थे।
राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत ने दी सफाई ,रेंजर सस्पेंड
दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद सियासत तेज हो गई है। कार्रवाई को लेकर सुरखी विधानसभा क्षेत्र से विधायक और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का बयान सामने आया है। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि आज मैंने सुबह दिग्विजय सिंह जी का ट्वीट देखा उन्होंने कहा सुरखी विधानसभा क्षेत्र के कुछ मकान तोड़े गए हैं, जो कि दलितों के हैं। मैंने कलेक्टर से बात की, वन विभाग के अधिकारियों से बात की डीएफओ से बात की, तो डीएफओ ने बताया कि वह वन विभाग की जगह थी, तो अतिक्रमण हटाया गया है। मैंने कहा उनका सही नाप किया जाए फिर से देखा जाए। अगर उनके पास जगह नहीं है, तो उनको पट्टे दिए जाएं, उनको भी विस्थापित किया जाए। उन्होंने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने पर रेंजर लखन सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।
डीएफओ बोले वन विभाग की जमीन
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर दक्षिण वन मंडल के डीएफओ महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि ग्राम रैपुरा में वन विभाग की भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है। बुधवार को रैपुरा ग्राम में वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग की कार्रवाई में वन भूमि पर अवैध रूप से काबिज लोगों का अतिक्रमण हटाया गया है। करीब एक वर्ष से अतिक्रमण हटाने की प्रकिया चल रही थी। इन लोगों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 27 पी धारा भी दर्ज किया गया था। धारा सी का नोटिस भी दर्ज दिया गया था। कई बार नोटिस दिए गए स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था।
उप वनक्षेत्रपाल लखन सिंह निलंबित
के तहत हटाये गए हैं, उन्हें भूमि का पट्टा देकर आवास निर्माण की पहल की जाएगी।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, डी.एफ.ओ. दक्षिण श्री महेंद्र प्रताप सिंह, अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती ज्योति सिंह ठाकुर, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी राजेश सिंह, तहसीलदार श्री दुर्गेश तिवारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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