मध्यप्रदेश में अब विधानसभा चुनाव लड़ेगा जैन समाज
▪️ तीर्थ स्थल पर गोम्मटगिरी पर अतिक्रमण से नाराज
तीनबत्ती न्यूज
इंदौर,24 जून ,2023 : विश्व प्रसिद्ध दिगंबर जैन समाज के बड़े तीर्थ स्थल गोमटगिरी पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर जैन समाज में नाराजगी बनी है। इसे लेकर उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर असामाजिक तत्वों से मिलीभगत करते हुए अतिक्रमण कराने का आरोप लगाया है। यही नहीं, उन्होने ये भी कहा कि, जैन समाज इस बार होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी उतारेगा। उन्होंने ये भी कहा कि, प्रदेशभर में वो अपने 50 से ज्यादा उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे। उन उम्मीदवारों को देशभर के सभी जैन संतों का सहयोग प्राप्त होगा।
भगवान बाहुबली दिगंबर जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष भरत मोदी ने मीडिया को बताया कि गोम्मटगिरि ट्रस्ट 2015 से गोम्मटगिरि तीर्थ क्षेत्र की बाउंड्री वाल बनाने एवं उस पर गेट्स लगाने का प्रयास कर रहा है। प्रशासन के अफसर जैन समाज को अपना वाजिब हक़ दिलाने के बजाय दिगंबर जैन समाज के लोगों को ही दबाने का कार्य कर रहें है।
इंदौर से कुछ ही दूरी पर स्थित जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गोमटगिरी की जमीन पर अवैध कब्जा लगातार जारी है। इसे लेकर समाज द्वारा लंबे समय से लगातार शिकायत की जा रही है। कई बार प्रदर्शन भी किए गए हैं। यही नहीं, मामले को लेकर वो सुप्रीम कोर्ट में भी आपत्ति दर्ज करा चुका है। गोमतगिरी तीर्थ से जुड़े जैन समाज के भगवान बाहुबली दिगंबर जैन ट्रस्ट का आरोप है कि, इंदौर कलेक्टर और क्षेत्रीय एडीएम ने मंदिर के आसपास की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर एक अन्य समाज का तीर्थ स्थल बनवाने का काम कर रहे हैं।
इसपर अब जैन समाज के संतों ने आह्वान किया है कि, अगर जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार जल्द से जल्द अतिक्रमण नहीं रुकवाती तो जैन समाज अपने 50 से ज्यादा उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारेगा। गोमतगिरी तीर्थ के ट्रस्टी भरत मोदी का कहना है कि, सिर्फ इंदौर में ही जैन समाज के मतदाताओं की संख्या दो लाख से ज्यादा है, जो किसी भी पार्टी को हराने के लिए काफी है।
जैन समाज के संतों का आह्वान
भरत मोदी का कहना है कि, जैन समाज ने पिछले समय की गई अलग-अलग बैठकें करके जमीन बचाने का आह्वान किया है और अब जैन समाज के संत भी जमीन बचाने के लिए समाज के लोगों से आह्वान कर रहे हैं। संतों का कहना है कि, समाज के लोग चुनावी मैदान में उतरे और जमीन को बचाने के लिए अपनी भूमिका खुद निभाएं।
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