Editor: Vinod Arya | 94244 37885

श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ: 20 हजार बाल्मिकी रामायण श्लोकों से यजमानों ने दी आहुतियां▪️शहर के विभिन्न मार्गों से निकलेगी आज धूम धाम से शोभायात्रा

श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ:  20 हजार बाल्मिकी रामायण श्लोकों से यजमानों ने दी आहुतियां
▪️शहर के विभिन्न मार्गों से निकलेगी आज धूम धाम से शोभायात्रा

सागर , 04 मई 2023: सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजघाट स्थित माँ शारदा देवी मंदिर प्रांगण में चल रहे विश्व कल्याण हेतु श्री सीताराम नाम जप 1008 कुण्डीय महायज्ञ में गुरूवार को 20 हजार बाल्मिकी रामायण के श्लोकों से यजमानों ने आहुतियां दी। आचार्य धीरेन्द्र मनीषी ने रामायण का वृतान्त सुनाते हुये कहा कि जब लंका विजय करने के बाद प्रभु श्रीराम माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे तो उनका स्वागत बहुत ही भव्य रूप में हुआ था। अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाए थे लेकिन रामायण का ये स्याह पक्ष भी है कि माता सीता को अपनी पवित्रता का प्रमाण देने के लिए अग्नि परीक्षा भी देनी पड़ी यहां तक कि उन्हें राज्य से बाहर जंगलों में भी जाना पड़ा। आचार्य ने कहा कि जब भगवान श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास हुआ तो वे अकेले ही वनवास जाना चाहते थे लेकिन माता सीता ने उनके साथ चलने का निर्णय लिया ये माता सीता का स्वतंत्र निर्णय था। जंगल में माता सीता का रावण अपहरण कर लेता है इसी मूल कारण को लेकर भगवान श्रीराम ने लंका की चढ़ाई की और रावण का वध किया।

 जब श्रीराम लंका विजय के बाद अयोध्या वापस आए तो कुछ दिनों बाद श्रीराम के गुप्तचरों ने उनसे कहा कि प्रजा में माता सीता की पवित्रता पर संदेह किया जा रहा है। इसी संदेह के कारण माता सीता को अग्नि परीक्षा भी देनी पड़ी लेकिन इसके बाद भी माता सीता की पवित्रता पर सवाल उठाए जा रहे थे तब प्रभु श्रीराम को पिता दशरथ के द्वारा सिखाया गया राजधर्म याद आया जिसमें राजा दशरथ ने कहा था कि एक राजा का अपना कुछ नहीं होता है सबकुछ राज्य का हो जाता है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर यदि राजा को अपने राज्य और प्रजा के हित के लिए अपनी स्त्री, संतान, मित्र यहां तक की प्राण भी त्यागने पड़े तो उसमें संकोच नहीं करना चाहिए क्योंकि राज्य ही उसका मित्र है और राज्य ही उसका परिवार है प्रजा की भलाई ही उसका सर्वोपरि धर्म है। इस कारण भगवान श्रीराम ने अपने राजधर्म का पालन करते हुए माता सीता को छोड़ने का मन बना लिया। आचार्य ने कहा कि माता सीता ने जंगल में ही ऋषि के आश्रम में लवकुश को जन्म दिया और विभिन्न विद्याओं से उन्हें निपुण किया जिन्होंने अश्वमेद्य यज्ञ का अश्व रोककर प्रभु श्रीराम के सैनिकों से युद्ध किया तथा तब माता सीता ने बताया कि यह बालक प्रभु श्रीराम के और प्रभु श्रीराम को उनके बालक सौंप दिये। 

श्री आचार्य ने कहा कि मनुष्य को राम का चरित्र, सिद्धांत अपने जीवन में उतराने चाहिये तभी कल्याण हो सकता है हर राजा को राम के सिद्धांतों पर चलना चाहिये तब राम राज्य की स्थापना हो सकती है। यज्ञशाला में यजमान के रूप में राजस्व एवं परिवहप मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सह पत्नि आहुतियां दीं एवं जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने सपत्नि बैठकर आहुतियां दीं। सभी यजमानों ने बाल्मिकी के श्लोंके के साथ आहुतियां दी तत्पश्चात सभी यजमानों द्वारा गुरू पूजा की गई।

दीक्षा लेने उमडा श्रद्धालुओं का जनसैलाव

गुरू पूजा के लिये क्षेत्रवासियों का जन सैलाव उमड़ा जिसमें हजारों क्षेत्रवासी गुरूजी के दर्शन एवं पूजा करने पहुंचे इस अवसर पर 1000 से अधिक लोगों ने परम तपस्वी संत श्री आत्मानंददासजी त्यागी नेपाली बाबा से दीक्षा ली एवं उनका पूजन किया। भोजन शाला में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। महाकुंभ जैसा दृश्य राजघाट में देखने का मिला जहां क्षेत्र के श्रद्धालु पहुंचे तो वहीं देश के विभिन्न हिस्सों से साधु संतो की टोलियां एवं महंत गोविंद दास बरमान अपने साथियों सहित महायज्ञ में पहुंचे तथा श्रद्धालुओं को आर्शीवाद प्रदान किया।

विश्व कल्याण के लिये किया गया महायज्ञ आज निकलेगी शोभा यात्रा
इस अवसर पर राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि राजघाट पर यह महायज्ञ क्षेत्र के दायरे में नहीं बंधा है यह विश्व कल्याण के लिये किया गया है जहां पूरे देश से लोग आये देश के विभिन्न हिस्सों से साधु संत पधारे हैं सुरखी विधानसभा क्षेत्र में यह ऐतिहासिक यज्ञ है जहां देश के परम तपस्वी संतो का आगमन हुआ श्री राजपूत ने कहा कि शुक्रवार को प्रातः 09ः30 बजे धूमधाम से हमारे परम तपस्वी संत श्री आत्मानंददास जी त्यागी नेपाली बाबा एवं अन्य संतजनों की शोभायात्रा निकाली जायेगी जो शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरेगी शहरवासी संतो के दर्शन कर सकें इस शोभायात्रा में साधुसंत, हवनकर्ता, भजन मंडलियां सहित क्षेत्र के सैकड़ों लोग शामिल होंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने बताया कि विश्व कल्याण के लिये किये गये इस महायज्ञ की शोभायात्रा में सभी शहरवासी क्षेत्रवासी पधारकर पुण्य लाभ अर्जित करें। 

इस अवसर पर प्रदेश पूर्व संगठन मंत्री माखन सिंह, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, युवा ब्राम्हण समाज अध्यक्ष भरत तिवारी, विधायक प्रतिनिधि गुड्डा शुक्ला, जिला किसान मोर्चा अध्यक्ष धीरज सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अवधन सिंह लम्बरदार बेरखेड़ी, जिला पंचायत सदस्य शारदाबाई खटीक, अर्पणा यादव, वरिष्ठ किसान नेता कृष्णासींग महुआखेड़ा, भोले यादव, संतोष सींग, हैमेश टीला सहित यज्ञ समिति के विभिन्न सदस्यों ने यज्ञ की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया एवं यज्ञशाला की परिक्रमा कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
Share:

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Archive