Sagar: नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास
सागर । नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म ़करने वाले आरोपी कमलेष उर्फ कमलापत यादव ़को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-376 (3) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-376 (2)(एन) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड, एवं धारा-3(1)(डब्ल्यू)(आई) अनुसूचितजाति व जनजाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम 1989 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड एवं धारा-3(2)(व्ही) अनुसूचित जाति व जनजाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम 1989 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है एवं न्यायालय द्वारा बालिका के पुर्नवास के लिये उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर 4,00,000/- (चार लाख रूपये) दिये जाने का आदेष दिया गया।मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/बालिका द्वारा थाना मोतीनगर ़मे ंरिपोर्ट लेख कराई कि जब वह घर पर अकेली थी तो अभियुक्त कमलेश यादव पहले भी उसके घर आता जाता रहता था और उससे बातचीत करता था उसके घर आया और उससे कहने लगा कि वह उसे अच्छी लगती हैण् उससे शादी करना चाहता है और बालिका के घर की कुंडी लगाकर उसे शादी के झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर अभियुक्त चला गया। इसी दौरान अभियुक्त ने उसके घर आकर कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाये। बालिका अभियुक्त की बातों में आ गई इस कारण उसने उसके घर वालों को घटना के बारे में नहीं बताया था। दिनांक 07.04.2018 को अभियुक्त कमलेश यादव बालिका को उसके गांव ले गया जहां उसने खेत में बनी टपरिया में बालिका को रखा फिर वह बालिका को उसके घर छोड गया। इसी दौरान बालिका के गर्भवती हो जाने पर बालिका ने उसकी माँ को घटना बताई। बालिका के पिता न होने से बालिका की माँ मजबूरीवश अभियुक्त से उसकी शादी करने को तैयार हो गई। इसी दौरान अभियुक्त कमलेश उसके घर आता जाता रहा। फिर दिनांक 02.03.2019 को बालिका ने बच्चे को जन्म दिया उस समय भी अभियुक्त उससे मिलने आया। बालिका ने अभियुक्त से पुनः शादी के लिए कहा तो अभियुक्त ने शादी के लिए आश्वासन दिया लेकिन विवाह नहीं किया बल्कि अभियुक्त हर महिने उसके घर आता था। दिनांक 13.06.2019 को भी अभियुक्त कमलेश यादव ने बालिका के घर जाकर जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाये। बालिका ने जब अभियुक्त से शादी के लिए कहा तो अभियुक्त ने शादी करने से इंकार कर शादी की बात कहने पर बालिका एवं उसके पुत्र को जान से खत्म करने की धमकी दी। जिससे बालिका डर गई और उसने उसकी माँ को इस घटना के बारे में बताया तो उसके बाद वह उसकी मॉ के साथ पुलिस थाना रिपोर्ट करने गई। अभियुक्त कमलेश यादव ने दो वर्षों तक बालिका के साथ शादी का झांसा देकर लगातार बलात्कार किया जिससे वह गर्भवती हो गयी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर ़द्वारा धारा- 376, 376(2)(एन) भा.द.वि. एवं धारा- 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 एवं धारा-3(1)(डब्ल्यू)(पप), 3(2)(व्ही) अनुसूचितजाति व जनजाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।
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