Sagar: नाबालिग के साथ जबरन दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को 10 वर्ष की सजा

Sagar: नाबालिग के साथ जबरन दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को 10 वर्ष की सजा

सागर । नाबालिग के साथ जबरन दुष्कृत्य करने वाले आरोपी मुकेष लोधी को विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एव ंनवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-376(1) के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-323,324 के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं धारा-341 के तहत 01 माह का साधारण कारावास की सजा से दंडित किया है। न्यायालय द्वारा पीड़िता को तीन लाख रूपये युक्तियुक्त प्रतिकर दिलाये जाने का आदेष पारित किया गया। मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्री मनोज कुमार पटैल ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता /फरियादिया ने द्वारा दिनांक 17.01.2021 को महिला थाना, सागर में रिपोर्ट लेख की गई कि पीड़िता के पिताजी एवं मां अनरय का त्योहार होने से दिनांक   13.01.2021 के सुबह करीब 08.00 बजे रिष्तेदारी में गये थे। वह रोज की तरह सुबह करीब 08.45 बजे कोचिंग पढ़ने जा रही थी, जैसे ही गांव से करीबन आधा किलोमीटर दूर पहुंची तो अभियुक्त मुकेश लोधी जो वहां पहले से बैठा था जिसने उसे पकड़ लिया और जबरदस्ती खींचकर झाडियों में ले गया और उसके साथ जबरन गलत काम/बलात्कार किया। वह चिल्लाई तो किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी, गलत काम करने के बाद अभियुक्त मुकेश लोधी उससे बोला कि यदि किसी को इसके बारे में बताया तो उसे जान से खत्म कर देगा और उसकी बहन के साथ भी ऐसे ही गलत काम  करेगा। अभियुक्त मुकेश लोधी उसे घसीटकर ले गया था जिससे उसे कमर एवं दाहिने हाथ में छिलने के निशान पड ़ गये थे और उसके कपड़े फट गये थे फिर वह अपने घर आ गयी थी किंतु डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया एवं माता-पिता के लौटने पर उन्हें घटना बताकर थाना में रिपोर्ट की।
उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-महिला थाना, सागर द्वारा धारा भा.दं.सं. की धारा-341, 376(2)(एन), 506 (भाग-2), 323 सहपठित धारा-324 376(3) व पाॅक्सो एक्ट,2012 की धारा 5(एल) सहपठित धारा 6, का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया ।  जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एव ंनवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
                                                                        मीडिय ाप्रभारी
                                                              जिला लोक अभियोजन
जिला-सागर

कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी सागर म0प्र0
प्रेस-विज्ञप्ति
कुल्हाड़ी एवं लाठी से मारपीट करने वाले आरोपी को 06 माह का कठोर कारावास एवं अर्थदण्ड 

सागर । कुल्हाड़ी एवं लाठी से मारपीट करने वाले आरोपी हरगोविंद यादव को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, बण्डा जिला-सागर सुश्री प्रिया गुप्ता की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-325 के अंतर्गत 06 माह का कठोर कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।मामले की पैरवी श्री शरद सिंह यादव सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने की।
घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 29.08.2010 को समय शाम लगभग 06ः00 बजे अभियोगी अपनी गाय लेने पात्रीकोटा गया था।  वह अपनी गाय लेकर जमुनिया आ रहा था कि निहानी के जंगल में अभियुक्त हरगोविंद व महत्तू मिल गये और उससे पूछने लगे कि गाय कहाँ ले जा रहे हो तो उसने कहा कि गाय मेरी है मैं इसे जमुनिया ले जा रहा हूं इसी बात पर अभियुक्तगण गाली.गुफ्तार करने लगे जब उसने गाली देने से मना किया तो अभियुक्त हरगोविंद ने कुल्हाड़ी की मूंद अभियोगी को मारी जो उसके बायें कंधे में लगी अभियुक्त महत्तू ने लाठी मारी जो उसके बायें तरफ कमर में लगी जिससे उसे चोट आयी एवं अभियुक्त हरगोविंद ने फिर एक कुल्हाड़ी मारी जो उसकी दाहिने पैर की एड़ी में लगी एवं अभियुक्त महत्तू ने लाठी मारी जो दाहिने तरफ पसली में लगी। घटना हनुमत गाँड़ ने देखी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना बण्डा में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर भादवि की धारा-325,323/34 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेष किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहाॅ विचारण उपरांत न्यायालय-न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बण्डा जिला-सागर सुश्री प्रिया गुप्ता की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है ।                                                                                  

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