Sagar: घर से गांजे का बेचने वाले आरोपियों को 10-10 साल की सजा , एक-एक लाख रूपये अर्थदण्ड
सागर । घर से गांजे का विक्रय करने वाले आरोपीगण रामकुमार श्रीवास्तव, वैभव श्रीवास्तव एवं भगतराम तिवारी को न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा-8 सहपठित धारा- 20(इ)(पप)(ब) के तहत 10-10 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक-एक लाख रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है । मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्री संजय कुमार पटैल एवं सहा. जिला अभियोजन अधिकारी श्री सौरभ डिम्हा ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना केण्ट मे पदस्थ उप-निरीक्षक को दिनॉक07.01.2023 को मुखबिर ने थाना उपस्थित होकर सूचना दी कि फौजी धाम ग्राम बरारू थाना-केंट सागर के परिक्षेत्र में रामकुमार श्रीवास्तव अपने घर में बड़ी मात्रा में गांजा क्रय-विक्रय हेतु रखा है मुख्बिर की सूचना का पंचनामा तैयार कर सर्च वारंट प्राप्त करने हेतु आरक्षक को रवाना किया एवं अन्य वैधानिक कार्यवाही किये जाने के उपरांत शासकीय वाहन से हमराह स्टाफ के साथ मुखबिर के बताये स्थान फौजी धाम ग्राम बरारू में रामकुमार श्रीवास्तव के घर पहुंचे तो वहॉ पर देखा कि तीन व्यक्ति प्लास्टिक की पन्नियों में कुछ भर रहे थे जिन्हे मुखबिर की सूचना से अवगत कराया गया और तब मौके पर उपस्थित तीनों आरोपीगण रामकुमार श्रीवास्तव, वैभव श्रीवास्तव एवं भगतराम के मकान की तलाषी ली गई जिसमें प्लास्टिक की विभिन्न रंग की पन्नियों में मादक पदार्थ गांजा जैसा भरा होना पाया गया। तीनोें व्यक्तियों से मय गांजा के अभिरक्षा में लेकर उनसे नाम पता पूछा गया जिन्होंने अपना नाम रामकुमार पिता बारेलाल, वैभव पिता रामकुमार दोनों निवासी- राजीव गांधी पार्क के पीछे पटेल बगीचा एवं भगतराम निवासी वेयर हाउस थाना-गोपालगंज का रहना बताया। प्लास्टिक की पन्नियों में 150 पैकेट गांजा जैसा भरा मिला जिसको पैकेट से बाहर निकालकर समरस कर स्वयं द्वारा एवं हमराही स्टॉफ साक्षीगण केा गांजा जलाकर सुंघाकर देखकर छूकर परीक्षण करने पर गांजा होना पाया गया। तराजू बांट पंचनामा के उपरांत मादक पदार्थ गांजा को अलग-अलग 8 प्लास्टिक की बोरियों में भरकर तौल किया गया जो आठों बोरियों में कुल 150 किलोग्राम मादक पदार्थ जिसका मूल्य लगभग 9 लाख रूपये अनुमानित पाया गया। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटनास्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-केण्ट द्वारा धारा-8 सहपठित धारा- 20(इ)(पप)(ठ), 20(इ)(पप)(ब) एन.डी.पी.एस. एक्ट का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुय,े विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा 21 अभियोजन साक्षियो का न्यायालय मे परीक्षण कराया गया एवं 82 दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।
मीडिया प्रभारी
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एडिटर: विनोद आर्य
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