कु.दीपाली गुरु "अनंत स्मृति साहित्य अलंकरण" से विभूषित
▪️कवि स्व.जी पी चतुर्वेदी अनंत स्मृति समारोह सम्पन्न
सागर। नगर के प्रतिष्ठित कवियों में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाले कवि स्व.जी.पी.चतुर्वेदी अनंत के स्मृति पर्व पर श्यामलम् व चतुर्वेदी परिवार द्वारा रविवार को आदर्श संगीत महाविद्यालय सभागार में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में नगर के प्रबुद्ध नागरिकों तथा साहित्य समाज ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर उन्हें स्मृत किया। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ.सुरेश आचार्य ने स्व.चतुर्वेदी को सामाजिक समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने वाला तथा शोषित वर्ग के प्रति निरंतर चिंतित रहने वाला प्रतिनिधि कवि व्यक्त करते हुए उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी एडवोकेट चतुर्भुज सिंह राजपूत ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए स्व.जी पी चतुर्वेदी अनन्त से अपना परिचय सन् 1986 से बताया और कहा मेरा परिचय होने के बाद पता चला कि श्री चतुर्वेदी जी को कविताएं लिखने का शौक है। उन्होंने कहा कि मैं साहित्यकार , कवि या लेखक तो नहीं हूँ पर मैंने साहित्य और किताबों का अध्ययन बहुत किया है। इस आधार पर मैं ये कह सकता हूँ कि प्रत्येक कवि में एक शिक्षक होता है। चाहे वह आदिकवि वाल्मीकि जी हों या हमारे जी पी चतुर्वेदी 'अनन्त' ।
अपने पूर्वजों को याद करने के आयोजन को उन्होंने सांस्कृतिक यज्ञ निरुपित करते हुए कहा कि स्मरण आयोजन की परम्परा को उनके पुत्र अम्बर चतुर्वेदी काफी अच्छे से निभा रहे हैं ।इसी अनुक्रम में उन्होंने स्व. श्यामा कान्त मिश्र जी को भी याद किया एवं साहित्यिक और स्मृति आयोजनों के लिए श्यामलम् संस्था के कार्यों को रेखांकित करते हुए श्यामलम् संस्था एवं संस्था अध्यक्ष उमाकांत मिश्र के कार्य को स्तुत्य कहा।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवि लक्ष्मी नारायण चौरसिया ने सम्मानित युवा कवयित्री दीपाली गुरु की काव्य क्षमता की प्रशंसा करते हुए कहा कि अपने पहले काव्य संग्रह में ही वे अपनी वैचारिक परिपक्वता एवं भावनात्मक अवगाहन से प्रभावित करती हैं।
वरिष्ठ गांधीवादी विचारक शुकदेव प्रसाद तिवारी ने चतुर्वेदी को अपना वरिष्ठ साहित्यकार मित्र बताते हुए उन्हें अच्छा और निर्विवाद व्यक्ति तथा उच्च स्तरीय कवि कहा।
वरिष्ठ पत्रकार व स्तंभ लेखक देवदत्त दुबे भोपाल ने पं. जी पी चतुर्वेदी 'अनन्त ' के बहुआयामी व्यक्तित्व के कुछ पक्षों को उदघाटित करते हुए उन्हें एक निष्णात पत्रकार और कुशल हस्तरेखा विशेषज्ञ बताया ।उन्होंने कहा कि दादा की कविता और साहित्य रचना तो विशिष्ट है ही ।वो एक मझे हुए पत्रकार भी थे ।केवल दूरभाष चर्चा या घटना के बारे में बताने पर ही वह ग्राउन्ड जीरो जैसी रिपोर्टिंग का हुनर रखते थे ।हस्तरेखा ज्ञान को भी ऊन्होंने एक रोचक दृष्टांत के माध्यम प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी के पूजन,दीप प्रज्ज्वलन व स्व.चतुर्वेदी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पण से हुई। कवि मुकेश तिवारी ने सरस्वती वंदना का मधुर गायन किया। श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने कार्यक्रम परिचय और श्यामलम् सचिव कपिल बैसाखिया ने स्वागत उद्बोधन दिया। अंबर चतुर्वेदी चिंतन ने स्व.चतुर्वेदी का जीवन परिचय दिया। कु.अंशिता चतुर्वेदी ने स्व चतुर्वेदी के काव्य संग्रह समय के पृष्ठ की एक रचना का पाठ किया।
इस अवसर पर साहित्य अकादमी म.प्र.शासन संस्कृति विभाग द्वारा पुरस्कृत उदीयमान युवा कवयित्री दीपाली गुरु को स्व.जी पी चतुर्वेदी अनंत स्मृति साहित्य अलंकरण 2023 से शाल, श्रीफल, पुष्पमाला, सम्मान पत्र और सम्मान निधि भेंट कर सम्मानित किया गया। अभिनंदन पत्र वाचन श्यामलम् सह सचिव संतोष पाठक ने किया। कु.दीपाली ने अपने धन्यवाद उद्बोधन में चतुर्वेदी परिवार और श्यामलम् का आभार व्यक्त किया।
स्वर संगम एवं प्रीत संस्था के अध्यक्ष हरीसिंह ठाकुर ने कुशल एवं व्यवस्थित संचालन किया। आभार प्रदर्शन डॉ.आदित्य चतुर्वेदी ने किया।
इस अवसर पर डॉ. लक्ष्मी पाण्डेय, ,आशीष ज्योतिषी, डॉ सुश्री शरद सिंह, डॉ अंजना चतुर्वेदी तिवारी, डॉ आर आर पाण्डेय, टीकाराम त्रिपाठी,वीरेन्द्र प्रधान, आर के तिवारी, पूरन सिंह राजपूत,कुंदन पाराशर, डॉ.अतुल श्रीवास्तव, के एल तिवारी अलबेला, भगवान दास रायकवार, प्रदीप पाण्डेय, रमेश दुबे, मुकेश निराला,दामोदर अग्निहोत्री,ममता भूरिया, दिनेश दुबे, आकाश राजपूत,विवेक शर्मा, कवि कमल चतुर्वेदी,वंदना चतुर्वेदी, अनीता चतुर्वेदी,जुगल किशोर पचौरी,अंकिता, आकांक्षा, अनामय चतुर्वेदी, संतोष तिवारी, आज्ञा तिवारी, वीरेंद्र गुरु, कामिनी कुर्मी, अनुष्का चतुर्वेदी, कीर्ति गुरु, उदित गुरु आदि उपस्थित थे।
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