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मृत्युभोज को समाप्त करने सभी समाज पहल करेंः मंत्री भूपेन्द्र सिंह▪️बामोरा परिवार ने तेरहवीं प्रथा को बंद किया, श्रृद्धांजलि सभा में की सराहना


मृत्युभोज को समाप्त करने सभी समाज पहल करेंः मंत्री भूपेन्द्र सिंह

▪️बामोरा परिवार ने तेरहवीं प्रथा को बंद किया, श्रृद्धांजलि सभा में की सराहना


तीनबत्ती न्यूज
सागर,6 अप्रैल 2023 । नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने अपनी बहू स्व. किरण सिंह की तेरहवीं पर मृत्युभोज नहीं करके, श्रद्धांजलि सभा में आए समाज के सभी लोगों से इस कुरीति को समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने श्रद्धांजलि सभा में अपने उद्बोधन में कहा कि मृत्युभोज का हमारे शास्त्रों में कहीं उल्लेख नहीं है सिर्फ ब्राह्मण भोज का उल्लेख है जिसे शोकाकुल परिवार अपनी क्षमतानुसार कर सकते हैं। मंत्री श्री सिंह के बामोरा परिवार ने मृत्युभोज में होने वाले संभावित व्यय के स्थान पर 5 लाख रुपए की राशि श्री राम-जानकी मंदिर के लिए दान करने की घोषणा की है।


मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने श्रद्धांजलि सभा में अपने उद्बोधन में कहा कि मेरे परिवार के दुख के क्षणों में शामिल होने के लिए मैं सभी आत्मीय जनों का आभार व्यक्त करता हूं और बामोरा परिवार के इस निर्णय से सभी को अवगत कराना चाहता हूं कि हमारे परिवार ने मृत्युभोज नहीं कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हमारा परिवार सनातन संस्कृति के शास्त्रों में वर्णित संस्कारों के अनुसार सही विधि विधान करते हैं। मृत्युभोज समाप्त करने का निर्णय लेने के पूर्व भी हमने विद्वानों और शास्त्रों के जानकारों से इस संबंध में विमर्श किया और स्वयं भी शास्त्रों का अध्ययन किया था। सभी विद्वानों ने बताया कि शास्त्रों में मनुष्य के जीवन में 16 संस्कारों का उल्लेख है, जिनमें अंत्येष्टि अंतिम सोलहवां संस्कार माना गया है। मृत्युभोज इन 16 संस्कारों में शामिल नहीं है।
 
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि विद्वानों के अनुसार मृत्युभोज शास्त्र सम्मत नहीं है। गरुड़ पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, भागवत पुराण में व्यक्ति की सद्गति के लिए मृत्यु पश्चात श्राद्ध कर्म में ब्रह्मभोज का वर्णन अवश्य है, लेकिन मृत्युभोज का नहीं है। मृत्युभोज ने आज एक सामाजिक कुरीति का रूप ले लिया है जिसका आर्थिक और भावनात्मक दुष्प्रभाव समाज के गरीब मध्यम वर्ग पर पड़ता है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि यदि समाज के संपन्न परिवार इस कुरीति को बंद करना आरंभ करेंगे तब आर्थिक रूप कमजोर वर्ग को भी इस प्रथा के विरुद्ध खड़े होने का संबल मिलेगा।

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मृत्युभोज बंद करने के पक्ष में मंत्री श्री सिंह ने श्रीमद्भागवत गीता, महाभारत के अनुशासन पर्व, गरुड़ पुराण के उद्धरण बताते हुए क्षत्रिय समाज व सभी समाजों से मृत्युभोज की प्रथा को बंद करके, अपनी क्षमतानुसार सिर्फ ब्राह्मण भोज करने के लिए आगे आने को कहा है। उन्होंने कहा कि संपन्न परिवार मृत्युभोज में होने वाले व्यय को समाज के अन्य पुण्य कार्यों में लगा सकते हैं जिससे कि दिवंगत आत्मा को शांति और यश मिलेगा। श्रद्धांजलि सभा में जिले भर से आए जनप्रतिनिधियों, नेताओं, समाज के गणमान्य लोगों ने अपने उद्बोधन में बामोरा परिवार के इस निर्णय की सराहना की और सभी से इसका अनुसरण करने की अपील की। अंत में दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सभी ने प्रार्थना की। श्रद्धांजलि सभा को श्री कृष्णा सिंह महुआखेड़ा, पूर्व विधायक ब्रजबिहारी पटेरिया, महापौर प्रतिनिधि डा. सुशील तिवारी, रंजोर सिंह बुंदेला शाहगढ़, पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी, क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष हरिराम सिंह कैथोरा ने भी संबोधित किया। श्रद्धांजलि सभा में खनिज विकास निगम के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, जिला पंचायत सभापति हीरा सिंह,  विधायक प्रदीप लारिया, नारायण कबीरपंथी, निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, शिवराज सिंह बेरखेरी, शरद अग्रवाल, पार्षद अनूप उर्मिल, शैलेन्द्र ठाकुर, देवेन्द्र फुसकेले, श्रीमती सीमा राय, प्रमोद जैन, राजकुमार सिंघई पिठौरिया, खुरई से बलराम यादव, खुरई पत्रकार संघ के सभी पदाधिकारी व सदस्यों, अधिकारियों व गणमान्य नागरिकों ने हिस्सा लिया और स्व. श्रीमती किरण सिंह जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।


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एडिटर: विनोद आर्य
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