हड्डी टूटने का बेहतर इलाज प्लास्टर से भी संभव, सर्जरी से बचा जा सकता है।: डॉक्टर जी एस चौबे▪️आयुष्मान योजना से सर्जरी को बढ़ावा मिला, जबकि प्लास्टर से भी इलाज संभव▪️अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चौबे ने शोध पत्र प्रस्तुत किए

हड्डी टूटने का बेहतर इलाज प्लास्टर से भी संभव, सर्जरी से बचा जा सकता है।: डॉक्टर जी एस चौबे

▪️आयुष्मान योजना से सर्जरी को बढ़ावा मिला, जबकि प्लास्टर से भी इलाज संभव

▪️अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चौबे ने शोध पत्र प्रस्तुत किए

तीनबत्ती न्यूज
सागर ,7 अप्रैल ,2023 : अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ जी. एस चौबे ने विभिन्न शहरों में अस्थि रोग से संबंधित समस्या एवं उनके निदान विषय पर आयोजित अधिवेशन में शामिल होकर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। शोध पत्रों में उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक के इस युग में आज भी हाथ या पैर फ्रैक्चर या हड्डी टूटने का इलाज आपरेशन की बजाय प्लास्टर बांधने से भी संभव है। डा चौबे ने आज मिडिया से इससे जुड़े विषयों पर चर्चा की। 


अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं सागर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ जी. एस चौबे ने अमृतसर, भोपाल एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में संबंधित अधिवेशनो में शामिल होकर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। शोध पत्र के माध्यम से प्रस्तुतीकरण में कहा गया कि आधुनिक तकनीक के इस युग में हड्डियों के अधिक ऑपरेशन होने लगे हैं और मरीज के समय की बचत होने लगी है, लेकिन आज भी हाथ या पैर के फ्रैक्चर या हड्डी टूटने का इलाज ( जटिल फ्रैक्चर को छोड़कर) कुशलतापूर्वक प्लास्टर बांधने से भी संभव है। इससे मरीजों को ऑपरेशन से बचाया जा सकता है।


आपरेशन से जुड़ी कठिनाई से बचाया सकता है

डॉक्टर चौबे ने कहा कि लगभग 40-50 वर्ष पूर्व सागर शहर में ही सिर्फ प्लास्टर बांधकर हड्डी के फ्रैक्चर ठीक किए जाते थे, लेकिन फिर अस्थि रोग विशेषज्ञता ने आकार लेना शुरू किया और ऑपरेशनों की संख्या दिन पर दिन बढ़ने लगी । इसमें यह निष्कर्ष निकलकर आया कि पीड़ितों की प्लास्टर करवाने के प्रति रुचि बरकरार रही, लेकिन विशेषज्ञों द्वारा ऑपरेशन के बारे में बताया जाने लगा। मरीजों को ऑपरेशन से जल्द ठीक होना भी अच्छा लगने लगा। डॉक्टर जी. एस चौबे ने कहा कि हड्डी टूटने पर ऑपरेशन से मरीज ठीक तो जल्दी हो जाता है लेकिन इससे शारीरिक रूप से कई जटिलताएं उत्पन्न होती है और आर्थिक बोझ भी अधिक पड़ता है। इस समस्या को मरीजों के लिए समझने की आवश्यकता है।



डॉक्टर जी. एस चौबे द्वारा प्रस्तुत किए गए शोध पत्रों के आधार पर जयपुर के NIMS मेडिकल कॉलेज में आमंत्रित किया गया। जहां उन्होंने अस्थि रोग विशेषज्ञों की टीम के बीच हड्डी टूटने पर प्लास्टर तकनीक अपनाने की बारीकियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

आयुष्मान योजना भी एक कारण:-

अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जी एस चौबे ने कहा कि हड्डी टूटने पर अत्यधिक ऑपरेशन होने का कारण सरकार की आयुष्मान योजना भी एक मुख्य कारण है। हालांकि यह योजना मरीजों के हित में है, इसके लिए सरकार को विशेषज्ञ चिकित्सकों की राज्य एवं जिला स्तर पर समिति बनाना चाहिए जो जांच कर निर्णय करें एवं अस्पताल संचालकों को बताएं कि हाथ या पैर की हड्डी टूटने पर कब सर्जरी जरूरी है, और कब मरीज को प्लास्टर बांधकर ठीक किया जा सकता है। जहाँ तक संभव हो सके तो हड्डी टूटने पर मरीजों को प्लास्टर के लिए प्रेरित करें इससे मरीजों की शारीरिक जटिलताएं कम होगी एवं शासकीय राशि का दुरुपयोग भी रुकेगा ।


____________________________

एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885

तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने
  NEW फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे





ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट



______________________________

Share:

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Archive