कथा हमें जीवन जीने की शिक्षा देती है - शैलेष केशरवानी
सागर। विट्ठल नगर में श्रीमती सुमित्रा पंडित गणेश प्रसाद नायक द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक आचार्य पंडित श्री अनिल दुबे जी शास्त्री ने कहा कि राम जी भगवान विष्णु के 7वें अवतार माने जाते हैं। हमेशा से राम भगवान को एक आदर्श पुरुष माना गया है। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा जाता है। भगवान राम के कई सारे ऐसे गुण हैं जिन्हें आप अपने जीवन में अपनाकर अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते है। श्रीराम के जीवन में कई ऐसे अवसर आए जब उन्होंने विपरीत माहौल में भी अपनी संयम का बांध नहीं टूटने दिया। इसलिए आप सभी अपने जीवन में संयम बनाए रखिए और जो भगवान द्वारा आपको मनुष्य शरीर गया है उसे धर्म और कर्म में लगाइए।
इस अवसर पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री शैलेश केशरवानी ने कहा कि कि पूजन,पाठ, हवन, यज्ञ आदि जितने भी सत्कर्म है।वह हमें कथा सुनने से प्राप्त होते हैं। रामकथा ही मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती है। कैसे मित्र बनाना चाहिए, कैसे माता-पिता की सेवा करना चाहिए, कैसे अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, कैसे परिवार में प्रेम और सामंजस्य बनाना चाहिए, कैसे और क्यों समाज से जुड़ना चाहिए और समाज सेवा करनी चाहिए, इसीलिए प्रत्येक मानव को कथा की शरण में आना चाहिए।
इस अवसर पर आयोजक मुकेश नायक गीता नायक अशोक नायक उमेश नायक सहयोगी चंदन तिवारी बबली श्रीवास्तव अभिषेक तिवारी जितेंद्र हरीश अभिषेक मिश्रा बृजेश चौरसिया सौरभ मिश्रा शालिनी सिंह पूजा शर्मा और बड़ी संख्या में श्रोता गण उपस्थित रहे।
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