मेयर और उनकी एमआईसी बनी ताकतवर , अधिकार क्षेत्र को बढ़ाया
तीनबत्ती न्यूज
सागर: राज्य सरकार ने नगर निगम महापौर और नगरपालिका अध्यक्षों के अधिकार बढ़ा दिए हैं। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत होने वाले कार्यों के टेंडर सीधे एमआईसी या पीआईसी में मंजूर हो जाएंगे। नगरीय निकायों में एमआईसी और पीआईसी महापौर और नपाध्यक्ष का मंत्रिमंडल ही होता है। यानी उनकी सहमति होने पर टेंडर का मंजूर होना तय है। आमतौर पर परिषद की बैठक दो माह में एक बार होती है। यानी टेंडर की मंजूरी के लिए समय लगता है। नगरीय विकास और विभाग ने इस आशय के आदेश जारी किए है। नगर निगम सागर में इसका पत्र आ चुका है। जिससे महापौर और उनकी एमआईसी अब अधिक ताकतवर रहेगी।
आदेश के मुताबिक मध्यप्रदेश नगर पालिका (मेयर-इन-काउंसिल / प्रेसीडेन्ट-इन-काउंसिल ) के कामकाज का संचालन तथा अधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य) नियम, 1998 के नियम 5 () (ii) के परन्तुक में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये कतिपय योजनाओं के क्रियान्वयन को सुगम बनाने के उददेश्य से परिषद की समस्त वित्तीय शक्तियां मेयर इन काउंसिल / प्रेसीडेन्ट इन्- काउंसिल में वैष्ठित की गई हैं। आदेश में सम्मिलित योजनाओं में निम्नानुसार योजनाओं को अतिरिक्त रूप से और सम्मिलित किया जाता है।
इन योजनाओ को जोड़ा
नए आदेश के अनुसार केंद्र सरकार और राज्य सरकार की दो –दो योजनाओ के टेंडर आदि वित्तीय अधिकार एमआईसी को रहेंगे।
1. स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0
2 अमृत योजना 2.0
3. राज्य आपदा शमन मद (एसडीएमएफ),
4 मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना
इनसे संबंधित वित्तीय कामकाज टेंडर आदि परिषद की बजाय सीधे एमआईसी/पीआईसी से मंजूर होंगी। इस आदेश के बाद मेयर और उनके द्वारा गठित एमआईसी का अधिकार बढ़ जाएगा।
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