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श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में तीर्थ स्थलों के जल से किया गया शिवजी का रूद्र अभिषेक

श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में तीर्थ स्थलों के जल से किया गया शिवजी का रूद्र अभिषेक

सागर , 30 अप्रैल 2023: सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजघाट स्थित माँ शारदा देवी मंदिर प्रागण में चल रहे विश्व कल्याण हेतु श्री सीताराम नाम जप 1008 कुण्डीय महायज्ञ में रविवार को प्रातः 05 बजे तीर्थ स्थलों से लाये गये जल से रूद्र अभिषेक किया गया। आचार्य धीरेन्द्र मनीषी ने बताया कि तीर्थ स्थानों के जल से शिवजी का अभिषेक करने से कृषि, धन, वैभव की कमी नहीं होती है पाप नष्ट हो जाते हैं सुख, समृद्धि, घर परिवार कुटुम्ब में आती है शास्त्रों में बताया गया है कि राज्य में संपन्नता के लिये बड़े-बड़े चक्रवर्ती सम्राट शिवजी का अभिषेक तीर्थ स्थलों के जलों से किया करते थे। 



त्पश्चात रामायण श्लोकों द्वारा यज्ञ शाला में आचार्य धीरेन्द्र मनीषी द्वारा वनवास गये प्रभु श्री राम का वृतान्त बताया गया कि श्री राम ने जब सुग्रीव की व्यथा सुनी तो उन्होंने किष्किन्धा नरेश वाली द्वारा किये जा रहे सुग्रीव के साथ अन्याय व अधर्म के कारण प्रभु श्री राम ने पेड़ के पीछे से बाली का वध किया क्योंकि बाली के लिये यह वरदान था कि कोई भी उसे सामने से मारेगा तो उसका आधा बल हो जायेगा। मरते समय जब बाली ने प्रभु श्रीराम से पूंछा की कि मेरा वध क्यों किया तो प्रभु श्री राम ने कहा कि छोटा भाई पुत्र समान होता है जिसकी धर्मपत्नि पुत्री समान होती है जिस पर कुदृष्टि अधर्म ही नहीं महापाप है और ऐसे महा पापी का वध करना न्याय संगत व धर्म के लिये आवश्यक है। 


आचार्य श्री ने कहा कि श्री राम ने बाली को अंतिम उपदेश देते हुये कहा कि शक्ति धन वैभव तथा अहंकर में कभी भी अपनी नैतिकता नहीं भूलनी चाहिये। यज्ञ शाला में पूर्ण आहुति के बाद राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एवं उनकी धर्म पत्नि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति सविता सिंह राजपूत, अरविंद सिंह टिंकू राजा तथा उनकी धर्मपत्नि सहित सभी यजमानों ने गुरू जी की आरती की। आचार्य श्री ने कहा कि आज एकादशी के अवसर पर यज्ञ आहुतियों में अक्षत (चावल) का प्रयोग नहीं किया जायेगा उसके स्थान पर सफेद तिल का प्रयोग आहुतियों में किया जायेगा इसके अलावा शिवजी का जल अभिषेक आज दही से किया जायेगा।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत, डॉ. वीरेन्द्र पाठक, देवेन्द्र पप्पू फुस्केले, राजकुमार सिंह बरकोटी, कुंवर सिंह ठाकुर, मूरत सिंह राजपूत सहित यज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा सारी व्यवस्थाओं का निरीक्षण एवं श्रद्धालुओं के साथ पुण्य लाभ लिया।
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