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शोध कार्यों में वित्तीय सहायता हेतु विभिन्न संस्थानों की भूमिका पर कार्यशाला▪️शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का आयोजन

शोध कार्यों में वित्तीय सहायता हेतु विभिन्न संस्थानों की भूमिका पर कार्यशाला

▪️शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का आयोजन



जबलपुर,5 अप्रैल 2023.  महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालयों मैं अध्ययनरत शोधार्थियों वैज्ञानिक तथा शिक्षाविद किस प्रकार अपने शोध कार्य हेतु अच्छे प्रोजेक्ट बनाएं ?उन्हें किस प्रकार से प्रस्तुत करें कि वह सार्थक तथा समसामयिक हो? किस प्रकार से उन्हें विभिन्न संस्थानों द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके? इन्हीं उद्देश्यों  को दृष्टिगत रखते हुए शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास महाकौशल प्रांत के संयुक्त आयोजन में शोध कार्य में वित्तीय सहायता हेतु विभिन्न संस्थानों की भूमिका विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
 कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि  विधायक श्री अशोक रोहाणी कैंट विधानसभा ने किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि युवा देश की अमूल्य धरोहर है और उनका संकल्प देश को सर्वोच्च ऊंचाइयों पर ले जाएगा संकल्प का कोई विकल्प नहीं ,जीत का कोई विकल्प नहीं युवाओं के संकल्प तथा संघर्ष से ही देश में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं। शोध के क्षेत्र में युवा सक्रिय बने तथा हमेशा विद्यार्थी बने रहें ऐसी उन्होंने आशा व्यक्त की तथा कार्यशाला को जबलपुर के शोध छात्रों एवं प्राध्यापकों के लिए उपयोगी बताया।
 उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से निश्चित ही शोध छात्रों एवं प्राध्यापकों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने में आसानी होगी ।
स्वागत भाषण शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के महाकोशल प्रांत संयोजक डॉ राजेंद्र कुरारिया ने दिया ।उन्होंने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर बंशीधर पांडे काशी विद्यापीठ काशी एवं डॉ विकास  प्रधान वैज्ञानिक मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल का परिचय कराया तथा न्यास के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की ।उद्घाटन सत्र मैं अध्यक्ष के रूप में प्राचार्य शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय डॉ  महोबिया उपस्थित रहे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर सुरेंद्र सिंह संचालक कौशल विकास विभाग रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय एवं प्रांत संयोजक पर्यावरण शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उपस्थित रहे ।डॉक्टर महोबिया ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का आभार व्यक्त किया एवं कहा कि इस तरह की कार्यशाला की आयोजनों से निश्चित ही महाविद्यालय के शोध छात्रों एवं प्राध्यापकों को लाभ होगा। उन्होंने न्यास का आभार व्यक्त किया कि इस कार्यशाला के लिए उन्होंने महाविद्यालय का चयन किया तथा भविष्य में भी सहयोग प्रदान करने की संकल्पना व्यक्त की ।प्रथम सत्र का आभार प्रदर्शन रत्नेश मिश्रा जी ने किया। तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ विकास  ने विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में कार्यरत शोध छात्रों एवं प्राध्यापकों के लिए प्रस्ताव तैयार करना सेमिनार संगोष्ठी परिचर्चा आदि के लिए वित्तीय सहायता हेतु प्रोजेक्ट तैयार करना आदि विषयों पर तथा शासकीय किन-किन संस्थाओं से सहायता प्राप्त हो सकती है के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की। द्वितीय मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर बंसीधर पांडे जी ने कला के क्षेत्र में एवं समाज कार्य के क्षेत्र में शोध कार्य कर रहे प्राध्यापकों एवं शोध छात्रों के लिए किन-किन संस्थाओं से सहायता प्राप्त हो सकती है कि बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि विज्ञान के साथ-साथ कला एवं संस्कृति शोध के क्षेत्र में भी बहुत संस्थाएं सहायता प्रदान करती हैं ।

कार्यक्रम मैं डॉ निलेश पांडे प्राचार्य हितकारिणी महिला महाविद्यालय ,डॉ राजन  द्विवेदी श्री मनोज पांडे, श्री राकेश उपाध्याय, श्री दीपक कुशवाहा, श्री विपुल पाठक ,सहित महाविद्यालय के समस्त विभाग अध्यक्ष एवं शोध छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के शोध छात्र कविता नेगी प्रियंका दुबे आकाश पांडे डॉ सपना सिंह सोनल धुरिया आदि का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ कार्यक्रम का सफल संचालन सह संयोजक डॉ पांडे ने किया।
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