मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना: सागर जिले में 98 हजार आवेदन ▪️सीमावर्ती जिले ध्यान रखें, बाहर के आवेदन न आएं : सीएम▪️प्रातः नौ बजे तक पंजीयन कार्य शुरू हो


मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना: सागर जिले में 98 हजार आवेदन 

▪️सीमावर्ती जिले ध्यान रखें, बाहर के आवेदन न आएं : सीएम

▪️प्रातः नौ बजे तक पंजीयन कार्य शुरू हो


सागर, 02 अप्रैल 2023 : 
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत  जिले के नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों में विभिन्न स्थल पर केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर लाड़ली बहना योजना के आवेदन दाखिल किए जाने की प्रक्रिया सतत क्रियान्वित है। अब तक सागर जिले में कुल 98,521 आवेदकों ने आवेदन दाखिल किए हैं।
जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक नगरीय निकाय में  41,913 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 56,608 लाड़ली बहनों द्वारा आवेदन किए गए।

शिविर में गड़बड़ करने वालों पर होगी कार्यवाही : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना के लिए लगाए जा रहे शिविरों में शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा योजना के प्रावधानों और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है। ऐसे शिविरों में कुछ तत्व बहनों को योजना में अधिक राशि देने के वायदे कर बहकाने का कार्य कर रहे हैं, ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। आवश्यकता हुई तो शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का दोषी मानकर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से जिलों के कलेक्टर्स से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा लाड़ली बहना के संबंध में चर्चा की। अनेक जनप्रतिनिधि भी इसमें शामिल हुए।

सीमावर्ती जिले ध्यान रखें, बाहर के आवेदन न आएं
         मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। प्रदेश के ऐसे जिलों जो अन्य प्रांतों की सीमा से लगे हुए हैं, वहाँ प्रदेश के बाहर के आवेदक योजना का लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे प्रयास नियम विरूद्ध हैं, ऐसे आवेदनों को किसी भी स्थिति में स्वीकृत नहीं किया जाएगा। गलत जानकारी देकर पड़ोसी राज्यों के आवेदक योजना का लाभ नहीं ले सकते। सीमावर्ती जिले में यह ध्यान रखें कि बाहर के आवेदक न आएं। कलेक्टर्स ऐसे मामलों पर नजर रखकर आवश्यक कार्यवाही करें।
        मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना के लिए आधार लिंक बैंक खातों को आवश्यक माना गया है। इसके लिए किए जा रहे कार्य में सभी का सहयोग मिल रहा है। रामनवमी के त्यौहार के दिन भी जिलों में आवेदन पत्र भरे गए। अनेक जिलों में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ऐसे जिलों को बधाई दी।
        मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में विभिन्न माध्यमों से योजना का अच्छा प्रचार हुआ है।  योजना की जानकारी ग्राम-ग्राम तक पहुंचाने के लिए दीवार लेखन उपयोगी माध्यम है। अनेक जिलों में वॉल पेंटिंग का उपयोग कर बहनों को योजना के प्रावधान बताए जा रहे हैं, यह प्रशंसनीय प्रयास है। शहरी क्षेत्रों में सोशल मीडिया के उपयोग से भी इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में लाखों बहनों तक जानकारी पहुँची है। प्रदेश में योजना के प्रपत्र भरवाने का कार्य भी तेज हो चला है। एक अभियान के रूप में इस कार्य को किया जा रहा है। आज दिनाँक तक 32 लाख से ज्यादा बहनें योजना का फायदा लेने के लिए आवेदन कर चुकी हैं।


  जनप्रतिनिधियों ने बताया योजना के लिए दिख रहा है उत्साह, सुझाव भी मिल रहें नरयावली विधायक श्री प्रदीप लारिया ने योजना को महिलाओं के सम्मान एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक सशक्त कदम बताया।    
 श्री सुशील तिवारी ने बताया कि नगर निगम के प्रयासों से और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यह योजना बहुत सफल होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति आभार व्यक्त कर रही हैं। नगरीय क्षेत्र में मातृ शक्ति में उत्साह है, ऐसी क्रांतिकारी योजना के लिए अनेक जनप्रतिनिधि भी मुख्यमंत्री श्री चौहान को साधुवाद दे रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।            
                                                
बहिनों के खाते इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में भी खोले जाएंगे

पोस्ट आफिस के साथ संचालित इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से लाड़ली बहना योजना के लिए महिलाओं के खाते खोले जा रहे हैं। अधीक्षक मुख्य डाकघर ने इस संबंध में बताया कि प्रधान डाकघर में प्रतिदिन महिलाओं के ई केवाईसी अपडेशन का कार्य किया जा रहा है। पोस्ट आफिस द्वारा संचालित इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में खाता खोलने की कार्यवाही ऑनलाइन की जाती है। जिले भर में  पोस्टमैन घर-घर जाकर इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में महिलाओं के खाते खोल रहे हैं। सभी खाते जीरो बैलेंस में खोले जा रहे हैं।


डाक अधीक्षक ने बताया कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक का नेटवर्क पूरे जिले में विस्तारित है। इसमें लाड़ली बहना योजना के लिए महिलाओं के डीबीटी खाते खोले जा रहे हैं जिसमें किसी भी डायरेक्ट बेनीफिट स्कीम की राशि प्राप्त की जा सकेगी। हितग्राहियों को पेपरलेस बैंकिंग के क्यूआर कार्ड भी वितरित किए जा रहे हैं। ऑनलाइन खाता खोलना बहुत आसान है। केवल दो से पाँच मिनट की अवधि में मोबाइल एवं बायोमेट्रिक डिवाइस से किसी भी व्यक्ति का खाता खुल जाता है। खाता खोलने के लिए आधार पंजीयन तथा समग्र आईडी का होना आवश्यक है। हितग्राही के मोबाइल में ओटीपी के माध्यम से ऑनलाइन खाता खोला जाता है।                          
लाड़ली बहना योजना का प्रशिक्षण दिया ,आजीविका सीएलएफ पदाधिकारियों को

जिला पंचायत सभाकक्ष में आजीविका मिशन की राज्य परियोजना प्रबंधक डॉक्टर सुषमा रानी शुक्ला ने जिले के सभी सीएलएस की पदाधिकारी महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का प्रशिक्षण दिया।
       प्रशिक्षण में डॉ. शुक्ला ने संकुल स्तरीय फेडरेशन के सभी सदस्यों को लाड़ली बहना योजना के मुख्य फीचर्स समझाए। उन्होंने इन महिलाओं से अपील की कि वे जिले में गठित 15,000 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह के ग्राम संगठनों की बैठकों में इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करके महिलाओं को इसका लाभ लेने के लिए प्रेरित करें। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिले में मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जिन महिलाओं को लाभ नहीं मिला है ,उन्हें भी आगे आने की आवश्यकता है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में वर्तमान में चल रही योजनाओं का महिलाओं को अधिक से अधिक लाभ मिले ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके और आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके। ज्ञातव्य है कि जिले में 40 से अधिक संकुल स्तरीय फेडरेशन है। आमतौर पर एक सीएलएफ 40 से 50 गांव के बीच में बनाया जाता है और इसके अध्यक्ष सचिव व अन्य पदाधिकारी लगभग 40 गांव का प्रतिनिधित्व करते हैं। आजीविका मिशन की ओर से अभिषेक रूसिया, बृजेंद्र नामदेव प्रशिक्षण में उपस्थित रहे।


 आजीविका मिशन की ओर से  कम से कम एक महिला सदस्य को समूह से जुड़े जाने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में रहली, देवरी, केसली, जैसीनगर, बीना, शाहगढ़ ,बंडा की पदाधिकारियों ने भाग लिया। इसके अलावा आजीविका मिशन के खंड स्तरीय अगले को भी इस प्रशिक्षण में आमंत्रित किया गया था ताकि वे भी महिलाओं के लिए लाभकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार में आगे आ सके।               

 हर ग्राम पंचायत में प्रतिदिन 50 पंजीयन करने का लक्ष्य रखे : कलेक्टर
       मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत जिले के ग्रामीण अंचल में महिलाओं के पंजीयन में तेजी लाने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है। कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने हर ग्राम पंचायत में प्रतिदिन 50 पंजीयन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही यह लक्ष्य हासिल करने के लिए उन्होंने ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, जन शिक्षक एवं उप यंत्रियों सहित अन्य मैदानी कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
        कलेक्टर श्री आर्य ने कहा हर दिन प्रत्येक पंचायत में 50पंजीयन का लक्ष्य हासिल करने के लिए एक दिन पहले घर-घर जाकर महिलाओं को टोकन उपलब्ध कराकर बताएँ कि उन्हें किस समय पंजीयन के लिए शिविर स्थल पर पहुंचना है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि पंजीयन स्थल पर भीड़ कम और काम अधिक दिखना चाहिये। व्यवस्था ऐसी हो, जिससे हर महिला का सुगमता से पंजीयन हो जाए। अर्थात महिलाओं को पंजीयन के लिए कम से कम इंतजार करना पड़े।                               

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मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना हर हाल में प्रातः नौ बजे तक
पंजीयन कार्य शुरू कराएँ

 
सभी नोडल अधिकारी हर दिन सुबह 8  बजे तक अपने कार्य क्षेत्र के पंजीयन केन्द्रों पर पहुँचें और लॉगइन कराकर हर हाल में प्रातः 9 बजे तक पंजीयन का काम शुरू कराएँ। इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई न हो। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने “मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना” के पर्यवेक्षण के लिये नियुक्त नोडल अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं का पंजीयन किया जाना है, उनसे घर-घर संपर्क कर उन्हें एक दिन पहले पंजीयन पर्ची (टोकन) अनिवार्यतः वितरित कराई जाएँ। महिलाओं को एक दिन पहले यह टोकन 2 से 3 घंटे के स्लॉट के हिसाब से दिए जाएँ, जिससे महिलाओं को अनावश्यक इंतजार न करना पड़े और पंजीयन स्थल पर भीड़ जमा न हो।
       शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के नोडल अधिकारियों की अलग-अलग बैठक लेकर कलेक्टर श्री आर्य ने लाड़ली बहना योजना के तहत अब तक हुए पंजीयन की समीक्षा की। साथ ही पंजीयन में आ रही कठिनाईयों व समस्याओं का निराकरण भी किया। बैठक में सहित जिले के एसडीएम, कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री बृजेश त्रिपाठी एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
      कलेक्टर श्री आर्य ने कहा कि पंजीयन स्थल पर ई-केवायसी करने के लिये भी अलग से काउण्टर बनाएँ। व्यवस्था ऐसी हो जिससे जिस महिला को पंजीयन कराना है वह पंजीयन काउण्टर पर और जिस महिला को ई-केवायसी कराना है वह ई-केवायसी काउण्टर पर पहुँचे। घर-घर संपर्क कर महिलाओं को पहले से ही बता दिया जाए कि उन्हें पंजीयन स्थल पर किस काउण्टर पर जाना है। उन्होंने ई-केवायसी के काम की जिम्मेदारी आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सौंपने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं महिला व बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक इस काम को बेहतर ढंग से अंजाम दिलाएँ। कलेक्टर  श्री आर्य ने यह भी कहा कि जितनी मेहनत अधिकारी कर रहे हैं उसके परिणाम भी मौके पर दिखने चाहिए। उन्होंने कहा कि आप सबके प्रयासों की बदौलत शनिवार को पंजीयन में उल्लेखनीय इजाफा सामने आया है। इसे और ऊँचाईयों तक पहुँचाने की जरूरत है।                                    


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